रिव्यु –
यह तंत्र साधना पर लिखित एक सन सनीखेज उपन्यास है जिसे लिखा है विक्रम ई. दीवान इन्होने | यह उपन्यास उन्होंने पहले अंग्रेजी में लिखा था जब यह विदेशो में बहुत प्रसिद्ध हुआ तो लीगो की डिमांड पर उन्होंने इसे हिंदी में भी लिखवाया | हिंदी में लिखते समय जहाँ – जहाँ सुधार की जरूरत थी वहां – वहां बदलाव कर के उन्होंने कहानी को और बेहतर बनाने की कोशिश की है | इसलिए वे खुद भी कहते है की as compared to english ,hindi edition is better . तो अगर आपने यह किताब अंग्रेजी में पढ़ी है तो इसे हिंदी में भी अवश्य पढ़े | इस उपन्यास के हिंदी अनुवादक – चंद्रप्रकाश पांडेय है |
पृष्ठ संख्या – २६५
लेखक ने अपनी पहली ही किताब में इतना अच्छा प्रयास किया है की वह अच्छे लेखको की श्रेणी में आ गए है | किताब पढने के बाद समझ में आता है की लेखक बहुत ही प्रतिभासंपन्न है |
लेकिन उन्होंने अपनी पहली ही किताब में ऐसा विषय चुना है जो बहुत ही वीयर्ड है | एक रीडर के तौर पर हम यह भी चाहते है की वह अपनी प्रतिभा को किसी अच्छे विषय पर भी लगाये जो लोगो के काम का हो | जैसे की लघु – उद्योग या घर बैठे किये जानेवाले काम क्योंकि अभी बहुत सरे लोग बेरोजगार हो गए है अगर वह इस विषय पर भी किताब लिखे तो लोगो के काम आये | खैर……
सबकी अपनी – अपनी पसंद होती है | वैसे उन्होंने किताब इतनी अच्छी लिखी है की वह दिमाग पर हावी हो जाती है | आप दिनभर उसी के बारे मे सोचते रहेंगे | कुछ – कुछ जगह वर्णन इतना विभत्स है की आप को उबकाई आने लगेगी | वैसे उन्होंने समाज के एक और तबके का चेहरा दिखलाया है की वह लोग कैसे जिंदगी जीते है | किताब की शुरुवात में ही दिग्गज लोगो की प्रशंसा लेखक और उनके लेखन के बारे में आप को पढ़ने को मिलेंगी | आइये , जानते है इस किताब का सारांश ……..
सारांश –
रुडोल्फ स्चानहर आधा भारतीय और आधा विदेशी व्यक्ति है | वह एक विश्वविख्यात कोरियोग्राफर है | वह दिखने में बहुत ही हैण्डसम है और उसमे एक अजीब सा आकर्षण है जो महिलाओ को उसकी तरफ खींचता है लेकिन वह किसी भी स्त्री को भाव नहीं देता | इसकारण महिलाये उससे खीजती भी है | वह प्रसिद्ध है इसीलिए उसका बड़े –बड़े लोगो के साथ उठना – बैठना है |
उसका असली चेहरा तब तक सामने नहीं आता जब तक की वह पायल नाम की स्ट्रगलिंग अभिनेत्री को अपने उस अड्डे पर लेकर नहीं जाता जहाँ वह अपनी तांत्रिक क्रियाये करता है |
उस जगह का वर्णन दिल दहेला देने वाला है | पता नहीं लेखक ने कितना ऐसा सोचा होगा , कितनी किताबे पढ़ी होगी , न जाने कितनी डरावनी फिल्मे और सीरियल देखी होगी | लेकिन उनकी म्हणत रंग लाई है |
तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया जाता है चूँकि वह प्रसिद्ध है अपनी ताकत के बलबूते पर , गवाहों को डरा – धमकाकर , सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर कर वह रिहा हो जाता है | अब पायल तो एक सीधी – साधी लड़की है | इस सिद्ध तांत्रिक से कैसे लड़ेगी ? खुद को उससे कैसे बचाएगी ? तो इसकेलिए आप को उनकी किताब पढनी होगी | कहानि में और भी पात्र जुड़ते जाते है | इसमें क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर ठाकुर है वह निराश करते है जैसे की उनका वर्णन किया गया की वह बहुत ही तेजतर्रार है | भिखारिन , उसकी बेटी फार्महाउस में कैद लड़की , दो मजदूरो का स्टोरी के साथ सम्बन्ध पहली किताब में तो नहीं दिखा हो सकता है की यह सारी कडीयाँ दूसरी किताब में जुड़े |
इसमें कर्नल नारंग एक इंटरेस्टिंग करैक्टर लगे | इनके बारे में और पढ़ने की इच्छा जागती है | अगर आप दिल और दिमाग से मजबूत व्यक्ति है तो इस किताब को जरूर पढ़े | किताब बच्चो के लिए तो बिलकुल भी नहीं है | तब तक के लिए धन्यवाद……..
Wish you happy reading………..