VARUNPUTRI BOOK REVIEW SUMMARY HINDI

रिव्यु और सारांश –

     उपर्युक्त किताब नरेन्द्र कोहली द्वारा लिखित है जिसे प्रकाशित किया है राजपाल एंड संस इन्होने | इसका हिंदी का पहला संस्करन २०१७ का है | इसमें पुरे सात अध्याय है | किताब के बारे में और थोड़ी जानकारी सारांश के बाद में दी गई है |

सारांश –

  यह कहानी विक्रम नाम के एक युवा की है | जिसके पिता एक बहुत ही अमीर व्यापारी है | जिनका वर्णन कहानी के अंत के कुछ ही पहले आता है | विक्रम की सौतेली माँ एक मत्स्यकन्या है | उसकी भी एक अलग कहानी है जो की विक्रम की माँ उसे सुनाती है | विक्रम के और दो छोटे भाई है जो स्वभाव में उनकी माँ की तरह ही लालची है |

विक्रम की माँ समुद्र के स्वामी की पुत्री है | वह एक एलियन है और आकाशगंगा के तीसरे ग्रह से आई है | उसकी कुछ अपनी भी शक्तिया है जो उसके बेटे के पास भी है |

जब विक्रम की माँ विक्रम को समुद्र के सैर पर लेकर जाती है तो वह भगवान कृष्ण के द्वारका नगरी के बारे में बाते करते है | इसके साथ – साथ और भी विषयों पर बाते करते है |

उन दोनों के संभाषण में ही कहानी का ७५% भाग ख़त्म हो जाता है | ऐसा लगता है जैसे उन दोनों के बातचीत को ही कहानी के रूप में लिखा गया है | जिस तरह किताब के मुखपृष्ठ पर वर्णन लिखा है वैसा कुछ भी नहीं है | किताब बहुत निराश करती है फिर भी अगर पढ़ना चाहे तो किताब एक बार ही पढने लायक है |

हर किताब का रिव्यु और सारांश जरूर पढ़े | ताकि शॉप में जाने के बाद और किताब खरीदने से पहले आप का टाइम और पैसा दोनों बच सके |

धन्यवाद !

Wish you happy reading………….

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