टाइम मैनेजमेंट
डॉ. सुधीर दीक्षित द्वारा लिखित
टाइम मैनेजमेंट की आवश्यकता किसे पड़ती है ? उन्हें जो अपनी जिंदगी में कुछ हासिल करना चाहते हैं | अपना लक्ष्य पाना चाहते हैं | जिंदगी में सफल होना चाहते हैं क्योंकि हर तरफ सफल लोगों का ही बोलबाला है | उन्हीं की कही गई बातों का वजन होता है |
इसीलिए तो लेखक ने भी कई सफल लोगों द्वारा कहे गए वाक्य प्रेरणा के रूप में किताब में दिए हैं | अपना लक्ष्य पाने के लिए आपको क्या करना होगा ? सबसे पहले आलस छोड़ना होगा | सुबह जल्दी उठना होगा | क्योंकि जो जल्दी सोता है और जल्दी उठता है |
उसके पास स्वास्थ्य बुद्धि और पैसा रहता है | सुबह जल्दी उठना इसलिए हितकर है क्योंकि सुबह के वातावरण में भरपूर ऑक्सीजन होता है | इससे शरीर और दिमाग दोनों ही तरोताजा होते हैं और ऐसी स्थिति में किए गए काम गुणवत्तापूर्ण होते हैं |
सुबह जल्दी उठकर एक घंटा व्यायाम करें | व्यायाम से अपने शरीर की देखभाल करें | आखिर अपने शरीर से ही हम अपने सारे काम कर रहे हैं | अगर आपके पास स्वस्थ शरीर नहीं है तो आप इस संसार का आनंद कैसे ले पाएंगे ?
सुबह का 1 घंटे का व्यायाम आपका इन्वेस्टमेंट है जिसका असर आपके बाकी 23 घंटे पर पड़ेगा | बिना व्यायाम आप बीमार पड़ जाओगे और बीमारी के कारण आपका कीमती समय नष्ट हो जाएगा | इसीलिए सही एक्सरसाइज करके अपने मन और शरीर को चुस्त और दुरुस्त रखें |
किताब के 30 सिद्धांतों में से एक यह भी एक नियम है की टीवी , मोबाइल , इंटरनेट जैसी वक्त बर्बाद करने वाली चीजों से दूर रहे | इनका उतना ही इस्तेमाल करें जितनी आपको जरूरत है | इस सिद्धांत के बारे में किताब में डिटेल में बताया गया है | वह पढ़कर आपको पता चलेगा कि आप कितना सारा समय टीवी , मोबाइल , चैटिंग में बर्बाद कर देते हैं | याद रखें आप सोना , जेवर , जायदाद दोबारा खरीद सकते हैं लेकिन बीता हुआ वक्त नहीं | वक्त की बर्बादी यानी बर्बाद जीवन….
आजकल के फास्ट युग में लगभग ज्यादातर लोगों की यही प्रॉब्लम है कि उनके पास वक्त नहीं है | उनके इसी प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए लेखक सुधीर दिक्षित इन्होंने प्रस्तुत किताब लिखी | यह किताब बहुत छोटी है ताकि पढ़ने वालों का समय भी बच सके |
उनकी लिखी यह किताब इतनी प्रसिद्ध हुई कि उन्हें इसको दोबारा रिवाइस कर के ज्यादा पन्नों की बनानी पड़ी | पहले की किताब में उन्होंने दस सिद्धांत बताए थे जबकि प्रस्तुत किताब में 30 सिद्धांत बताए हैं |
बीच-बीच में प्रसिद्ध लोगों द्वारा लिखे कोट्स भी दिए हैं जो वक्त के महत्व के बारे में बताते हैं | हमारे मन में जो सवाल थे वही लेखक के मन में भी थे | वह यह की 24 घंटे का समय तो पहले के सफल लोगों के पास भी था और हमारे पास भी है ? फिर कैसे ? वह इतनी सारी ऊपलब्धियां उतने ही समय में पा सके जबकि उनके पास तो आज के जैसे अत्याधुनिक उपकरण भी नहीं थे |
जिससे हमारा बहुत सा समय बच जाता है लेकिन जवाब इन्हीं चीजों में छिपा हुआ है | यही चीजे हमारा बहुत सा वक्त बर्बाद भी करती है जैसे टीवी देखना , इंटरनेट पर सर्फिंग करना, मोबाइल देखना इत्यादि | प्रस्तुत किताब के –
लेखक है – डॉ. सुधीर दीक्षित
प्रकाशक है – मंजुल पब्लिशिंग हाउस
पृष्ठ संख्या है – 91
उपलब्ध है – अमेजन पर
डॉक्टर सुधीर दिक्षित एक अच्छे लेखक होने के साथ-साथ अच्छे अनुवादक भी है | बुक ट्रांसलेशन की दुनिया में उनका अच्छा खासा नाम है | हिंदी और इंग्लिश पर उनकी पकड़ बहुत अच्छी है | वह ज्यादातर मोटिवेशनल किताबें लिखते हैं | उनकी लिखी “अमीरों के पांच नियम” इस किताब का रिव्यू भी हमारे चैनल “सारांश बुक ब्लॉक” पर उपलब्ध है | उसे भी जरूर देखिएगा |
चलिए तो इसमें से कुछ सिद्धांत देखते हैं ताकि आप किताब पढ़ने तक कम से कम उनको तो आजमा पाए | आधुनिक प्रबंधन के जनक पीटर ड्रकर के अनुसार जब तक हम वक्त का मैनेजमेंट नहीं कर सकते | तब तक हम किसी भी चीज का मैनेजमेंट नहीं कर सकते |

Summary
से ही वारेन बुफेट के मुताबिक अमीर इंसान समय में निवेश करता है जबकि गरीब इंसान धन मे ..
वैसे सबके पास तो सिर्फ 24 घंटे का ही समय होता है | उसमें से भी 8 घंटे सोने में चले जाते हैं और बाकी एक-दो घंटे दिन के रूटीन कामों में .. |
बचे सिर्फ 14 घंटे.. | उसे ही सही से इस्तेमाल करना होगा | वैसे महान चिंतकों के अनुसार खोया हुआ वक्त कभी भी वापस नहीं आता | हमारा समय बहुत कीमती होता है | समय ही धन है | समय का सदुपयोग कर के हम धन कमा सकते हैं लेकिन इसे गंवाकर हम धन कमाने का मौका भी गवां देते हैं |
समय का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करने के लिए पहला सिद्धांत है कि आप समय की लॉग बुक रखें | माने की आपको आपके समय का बजट बनाना होगा जैसा आप अपने पैसों का बनाते हैं | इससे आप यह तय कर पाएंगे कि आपको आपका समय कैसे और कहां खर्च करना है ?
एक डायरी ले और उसमे पूरे हफ्ते भर का कार्यक्रम लिख दे | इससे आपको पता चलेगा कि आपका समय कहां बर्बाद हो रहा है और कहां इसका सदुपयोग हो रहा है |
अगर आपको कोई नई चीज पानी है तो कोई पुरानी चीज छोड़नी होगी | क्योंकि आपको आपका लक्ष्य पाने के लिए ज्यादा समय की आवश्यकता होगी | यह ज्यादा का समय आपको तभी मिल सकता है जब आप कुछ पुरानी बातों को छोड़कर अपना समय बचाएं और फिर इसे उत्पादक कार्यों में लगाए |
दूसरा सिद्धांत है कि – अपना आर्थिक लक्ष्य तय करें |
मतलब की स्पष्ट तौर पर आपको पता होना चाहिए कि आप महीने में कितने कमाना चाहते हैं | जब यह लक्ष्य आपके सामने स्पष्ट होगा तो आपके सफल होने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी |
जब भी आप कोई यात्रा कर रहे हो फिर वह घर से ऑफिस या ऑफिस से घर तक की ही क्यों ना हो ! इस समय का सदुपयोग करें | इसमें आपका कोई जरूरी काम निपटा ले | महात्मा गांधी यात्रा करते समय सो जाते थे ताकि वह तरोताजा हो सके |
एडिसन ट्रेन में सफर के दौरान प्रयोग करने में लीन रहते थे | इससे हमें पता चलता है कि दुनिया के सभी सफल लोग वक्त के सदुपयोग को लेकर काफी सचेत रहते थे |
अपना काम दूसरों को सौपना सीखे और पैरेटो का 20/80 का नियम इस्तेमाल करें | इसमें 20% का काम आपको 80% परिणाम देगा लेकिन यह तभी हो सकेगा जब आप 20% के काम पर अपना समय , ऊर्जा ,धन और कर्मचारी लगाए |
अपने काम को दूसरों को सौपना सीखे जो आप ही की तरह उस काम को बेहतर ढंग से कर सके | प्रगति कर ने के लिए दूसरों को काम सौपना अनिवार्य हो जाता है | इससे आप उनका समय खरीद रहे हैं और अपना बढ़ा रहे हैं | एक अच्छी टीम की वजह से आप ज्यादा तेजी से अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं |
24 घंटे में से किसी खास समय आपकी ऊर्जा , चिंतन प्रक्रिया , उत्साह और कार्य क्षमता बाकी समय की तुलना में ज्यादा होती है | यही आपका “प्राइम टाइम” है | जैसा टेलीविजन की दुनिया में 8 से 10 का प्राइम टाइम होता है | इस टाइम में दिखाए गए विज्ञापन महंगे होते हैं |
वैसे ही आपको अपना प्राइम टाइम पहचाना होगा ताकि आप महत्वपूर्ण और रचनात्मक काम इस प्राइम टाइम में कर सके क्योंकि यह मायने नहीं रखता है कि आपने कितने समय काम किया बल्कि यह मायने रखता है कि आपने कितने क्वालिटी का काम किया | इससे आपकी सफलता में जबरदस्त फर्क पड़ता है |
समय की बर्बादी रोकने के लिए आप उसका टाइम टेबल बना सकते हैं | इसके बाद आप अपने कर्म में जुट जाए | मुड़ के हिसाब से कम ना करें | आपका मूड हो , ना हो , उस दिन का काम जरुर करें जो आप को आपके लक्ष्य के और करीब लेकर जाए |
इस संसार में सारी चीजे हासिल की जा सकती है | जो कर्महीन व्यक्ति को नहीं मिलती | सफल व्यक्ति मुड़ के दास नहीं , स्वामी होते हैं | पूरी सृष्टि , कर्म और फल के सिद्धांत पर चलती है | आप जितना कर्म करेंगे | उसी के मुकाबले आपको फल मिलेगा | इसीलिए आप तब तक जुटे रहे | जब तक आपको सफलता न मिल जाए |
अगला सिद्धांत है – अपनी कार्य क्षमता बढ़ाए |
इसके लिए आपको आपके क्षेत्र में लगातार सीखते रहना होगा जिससे आप ज्यादा काबिल बन जाए | यही सिद्धांत आपको ब्रायन ट्रेसी की किताब में भी मिल जाएगा | इस के लिए आप यह विडिओ देख सकते हैं | उनका भी कहना यही है कि , अपने क्षेत्र में काबिल टॉप 10 लोग , उनके कामों में माहिर होते हैं |
अपना काम पूरा करने के लिए डेडलाइन तैयार करें यानी अपना काम पूरा करने के लिए आखिरी तारीख तय करें | इससे क्या होगा कि आपकी कार्य करने की क्षमता बढ़ जाएगी | आपका दिमाग उसी काम पर फोकस करेगा और उसे पूरा करने के लिए नए-नए तरीके सोचने लगेगा |
इससे आप बहुत तेजी के साथ वह काम पूरा कर लेंगे | कुछ लोगों के अनुसार डेडलाइन की वजह से क्वालिटी काम नहीं हो पाता | यह कभी-कभी सच हो सकता है लेकिन तब जब आप डेडलाइन के आखिरी दिनों में अपना काम शुरू करें | तब नहीं जब पहले से ही पूरी प्लानिंग के साथ काम किया जाए |
समय बहुत मूल्यवान है | चीनी कहावत के अनुसार ” 1 इंच सोने से भी 1 इंच समय नहीं खरीदा जा सकता” | भावी लाभ के लिए वर्तमान में त्याग करें | हर सफल व्यक्ति सुनहरे भविष्य के लिए वर्तमान का समय निवेश करता है | क्षणिक सुख के लिए आप अपना वर्तमान का कीमती समय बर्बाद ना करें |
इसके बजाय ऐसे काम करें जो आपको आपके लक्ष्य के और करीब लेकर जाए जैसे अगले महीने परीक्षा है तो उसकी पढ़ाई अभी से शुरू करें ताकि आपको अच्छे ग्रेड मिले | टीवी देखने या गपशप में वक्त ना गवाए | अगर ऑफिस कर्मचारी है तो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम करके उसे फटाफट पूरा करें | ना कि ऑफिस अवर्स में गपशप करें | जिससे आप के तरक्की के रास्ते खुल जाए |
अगर आप सेल्समैन है तो , सुबह उठकर टीवी या मोबाइल में वक्त खर्च करने के बजाय अपने संभावित ग्राहकों की अपॉइंटमेंट ले ले | अपने सारे काम तय किए गए समय पर करना सीखें यानी काम करने के लिए प्रेरित होने का इंतजार ना करें |
ना ही तो अच्छे मूड का इंतजार करें | जब हम सही समय पर काम करने की आदत डाल लेते हैं तो , हमारा शरीर उसी के अनुसार ढल जाता है | क्या आपको इसका कारण पता है ? नहीं |
क्योंकि हमारे शरीर में एक घड़ी होती है | जिसे बायोलॉजिकल क्लॉक कहा जाता है | यही बायोलॉजिकल क्लॉक निश्चित समय पर निश्चित काम करवा लेती है | लेखक के अनुसार आपको आदत डालकर इसमें चाबी भरनी पड़ती है | तय किए गए समय पर काम करने से आपका मन और शरीर इसके लिए पूरी तरह तैयार होता है |
जब आप कोई नया काम शुरू करते हैं तो बाधाओ की गुरुत्वाकर्षण शक्ति सक्रिय हो जाती है और आपके काम मे रुकावटे आने लगती है | इसीलिए इस शक्ति के प्रति सजग रहना चाहिए |
थॉमस सोवेल के मुताबिक जिन लोगों के पास खाली समय होता है | वह हमेशा काम करने वाले लोगों का समय बर्बाद करते हैं | इसलिए ऐसे लोगों से और कारणों से दूर रहे जो आपका समय बर्बाद करते हैं | आखिर समय ही धन है और सफलता धन से ही नापी जाती है | इसीलिए टाइम मैनेजमेंट जरूरी है | इसीलिए यह किताब पढ़ना भी जरूरी है |
जरूर पढ़िए | आपकी आर्थिक सफलता के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं.. |
मिलते हैं और एक नई किताब के साथ तब तक के लिए ..
धन्यवाद !!!
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