जासूसी कथा सीरिज – बुक नं. २
शरलॉक होम्स – The sign of four
रिव्यु –
शरलॉक होम्स को अपनी लेखनी से निर्माण करनेवाले सर आर्थर कानन डायल यह एक ब्रिटिश लेखक रहे है | उनका काल तब का है जब भारत पर ब्रिटिशो का राज हुआ करता था | इसीलिए शायद इनके किताब में भारतीयों के लिए उन शब्दों का प्रयोग किया गया है जो आमतौर पर हर गोरा भारतीय के लिए उपयोग में लाता था | लेकिन सर आर्थर कानन डायल शायद यह भूल गए थे की वक्त किसी के लिए नहीं रुकता | आज अगर वह जिन्दा होते तो शायद उनको अपने इन शब्दों पर अफ़सोस होता फिर भी लेखक ने जहाँ हो सके पर्दा डालने की कोशिश की है जब वह इस किताब का भाषांतर कर रहे थे | किताब के शुरुवात में दी गयी लेखक की प्रस्तावना जरूर पढ़े |
खैर उनकी लेखनी की बात करे तो उन्होंने अपने लेखनि से “शरलॉक होम्स” के जैसे एक तेजतर्रार जासूस को जन्म दिया जो दिमाग से बहुत ही होशियार है | किसी भी जटिल से जटिल केस को सुलझा लेता है | ऐसे ही हुशार व्यक्ति की लोग कल्पना करते है जो असलियत में नामुमकिन है इसीलिए शायद यह पात्र विश्वविख्यात भी है |
सर आर्थर कानन डायल खुद भी पेशे से वकील थे | वे खुद भी शरलॉक की बुद्धि उपयोग में लाकर कितने ही केस सुलझाया करते | आखिर शरलॉक होम्स उनकी बुद्धि से जो उपजा था |
प्रस्तुत पुस्तक की कहानी आधी भारतीय पृष्ठभूमि पर आधारित है | इसमें मंगल पांडे का भी थोडा सा वर्णन है इसीलिए लेखक ने यह किताब उनको समर्पित की है |
इस किताब के मूल लेखक है – सर आर्थर कानन डायल
मराठी अनुवाद – प्रवीण जोशी
प्रकाशक -डायमंड पब्लिकेशन
पृष्ठ संख्या – 128
उपलब्ध – अमेज़न , किनडल ( अंग्रेजी और मराठी में )
आइये तो जानते है इसका सारांश……..
सारांश –
शरलॉक होम्स एक किताब में अमूमन एक ही गुत्थी सुलझाता है | इस किताब की कहानी तीन ब्रिटिश अधिकारी पर आधारित है जो की भारत में पोस्टेड है | उसमे से दो अंडमान – निकोबार जेल में कार्यरत है तो एक “नील” उगानेवाले भारतीय लोगो पर पहरा देता है | ब्रिटिश अधिकार में “नील की खेती” भी एक अलग और रोचक विषय है | आप चाहे तो इसे अलग से पढ़ सकते है |
यह तीन लोग और भारतीय राजा का अमूल्य खजाना इसी सर्किल में यह कहानी घुमती है | अब यह तीनो और खजाना इंग्लैंड पहुँच जाता है | वहां इन मे से एक गायब हो जाता है और दूसरा बीमारी से मर जाता है | जब दुसरे अधिकारी के बेटे का खून हो जाता है और पहले अधिकारी की बेटी यह केस लेकर शरलॉक होम्स के पास पहुँच जाती है | तब इस केस की शुरू होती है तहकीकात………..
एक के बाद एक परते खुलती जाती है | कहानी जिन पात्रो से शुरू होती है | कहानी के आखिर में वह नगण्य लगते है | बहेरहाल , यह चौथी और आखिरी उपन्यास होने की वजह से और कहानि ख़त्म होने की वजह से शरलॉक का रूम पार्टनर वाट्सन यह भी शादी करने का निर्णय करता है | वह पहले डॉक्टर था और अभी लेखक है | वह शरलॉक की आँखों देखी तहकीकात किताब में लिखता है जिसकी वजह से होम्स प्रसिद्ध हो गया है तो अब उसकी कहानी कौन लिखेगा ?
वाट्सन अपनी एक घडी दिखाकर ,होम्स को उसके बारे में जानकारी पूछता है तब शरलॉक जो तर्क देता है वह पूरी तरह सटीक होते है | वह तारीफ के काबिल होते है | हमें किताब का वह सेक्शन , उसका लोगो को देखके उनके बारे में जानकारी देना , बहुत ही अच्छा लगा |
कही कही कहानी में कॉमेडी ढंग भी काम कर जाता है | खासकर , तब जब वाट्सन टोबी नाम के कुत्ते को लाने जाता है और एक बार तब जब शरलॉक की तहकीकात की लकब देखकर वाट्सन को एक बार लगता की अगर शरलॉक गुनाहगार प्रवृत्ती का होता तो क्या होता ?
शरलॉक जब खाली रहता है तब नशे का सहारा लेता है इससे बचने के लिए उसके दिमाग को कठीन से कठीन काम चाहिए होता है | यह तो उस जीन जैसा ही लगा जो अपने मालिक को कहता है की मुझे कोई काम दो नहीं तो मैं तुम्हे खा जाऊंगा |
तीन ब्रिटिश अधिकारी और खजाना इनको ही आप sign of four मत समझिएगा | वह तो कोई और ही है | इसलिए आप किताब जरूर पढियेगा | दिमाग को कसरत देनेवाली यह एक अच्छी किताब है | किताब के बारे में कुछ भी कहने की जरुरत नहीं | उनकी किताबे हमेशा अच्छी ही रहती है | जासूसी कहानी पढ़नेवालो के लिए यह बुक अच्छी है……….
धन्यवाद !
wish you happy reading……..
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