सामन्यांतले असामान्य
सुधा मूर्ती द्वारा लिखित
रिव्यू और सारांश –
यह व्यक्तिगत गुणों को दर्शानेवाली किताब है | हर व्यक्ति मे कोई न कोई गुण होता है जो उस सामान्य व्यक्ति को असामान्य बना देता है | इन गुणों के कारण सामान्य को असामान्य समझने का जो नजरिया चाहिए वह इस किताब की नायीका नलिनी के पास है | नलिनी का गाँव छोटा है | उसमे बसनेवाले लोग थोड़े से है | उन सब के अपने – अपने स्वभाव है | उन्ही लोगों के स्वभावों के दर्शन लेखिका ने यहाँ कराए है | यहाँ हर एक का अपना व्यक्तित्व है | किताब पढ़ने के बाद लगेगा जैसे विविध प्रकार के मोती एक ही माला मे पिरोये गए हो | किताब के हर एक पात्र चाहे अच्छा लगे या बुरा फिर भी उनमे कर्नाटकीपन कूट – कूट कर भरा है |
किताब के पात्रों द्वारा आप कर्नाटक की संस्कृति , वहाँ की भाषा , वहाँ के रीति रिवाज और प्रदेशों से रूबरू हो सकेंगे | किताब मे पूरे 19 अध्याय है जिनमे से एक अध्याय किताब की नायीका नलिनी पर भी है | प्रस्तुत किताब की –
मूल लेखिका है – सुद्धा मूर्ति
मराठी अनुवाद – उमा कुलकर्णी
प्रकाशक – मेहता पब्लिशिंग हाउस
पृष्ठ संख्या – 184
उपलब्ध – किन्डल और अमेज़न
हर एक व्यक्ति मे एक आदत होती है | वह किसी को अच्छी लग सकती है और किसी को बुरी…. जैसे की नलिनी के गाँव का “बंडल बींदप्पा” – अब यह किसी भी बात को बढा – चढाकर बताता है | इसीलिए लोग उसे बंडल मारने वाला बोलते है | अब यह नलिनी को असामान्य गुण लगता है तो कोई उसे झूठ बोलने वाला कह सकता है | सब से बड़ी बात यह की नलिनी के गाँव के सारे लोग सीधे – साधे है | उन्हे बुरी बाते पता ही नहीं | वे एक- दूसरे के अच्छाइयों को ही देखते है | इसीलिए शायद पूरे गाँव मे अपनेपन का रिश्ता है | वे एक दूसरे के सुख और दुख मे शामिल होते है |
भीमन्ना नौकरी तो करता है कंडक्टर की लेकिन उसका स्वभाव बडा दानी है | वह सारे पहचान के लोगों को अपने बस से फ्री सफर करवाता है | इससे कंपनी का नुकसान होता है | इसीलिए उसे अपनी नौकरी गवानी पड़ी और बस के किराये के भुगतान पर अपनी सोने की अंगूठी भी…. |
फिर है अंगड़ी जयन्ना – इनको किराने का दुकान बोलो या फिर कोई और बिजनस रास ही नहीं आया | फिर भी उनका प्रयत्न कभी छूटा नहीं |
चतुर चामव्वा – यह लड़की है अष्टावक्र के जैसी लेकिन फिर भी अपने सुंदर पति को और घर के बाकी लोगों को सिर्फ अपनी चतुराई से अपने उंगलियों पर नचाती है | ऐसे ही इसमे बहुत सारे लोग है जो गर्विष्ठ है , स्वार्थी है , खुद के आगे दूसरों को कुछ न समझने वाले है तो दूसरों को अपना मानकर उनके लिए सबकुछ करने वाले परोपकारी लोग भी है |
लोगों के बहुत सारे स्वभाव और गुणों को दर्शाने वाली इस किताब को आप जरूर – जरूर पढिए ताकी आप के आजू – बाजू ऐसे लोग हो तो आप उन्हे सही सलाह दे सके , उनके साथ सही व्यवहार कर सके | इसी के साथ आप सब को
धन्यवाद !
Wish you happy reading ………….
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