राजेश खन्ना बायोग्राफी बाई यासिर उस्मान
यासिर उस्मान वरिष्ठ पत्रकार और टी. वी. प्रोडूसर है | इनको पत्रकारिता के प्रतिष्ठित सम्मान रामनाथ गोयनका अवार्ड से नवाजा जा चूका है | इसके अलावा वह लगातार तीन साल तक न्यूज़ टेलीविज़न अवार्ड भी जीत चुके है |उन्होंने पर्यावरण विज्ञान में डिग्री हासिल की है | वह दिल्ली विश्वविद्यालय और आईआईएमसी , नई दिल्ली से पढ़े है | वह ए.बी.पी. न्यूज़ में काम करते है |
वह एक जानेमाने पत्रकार है | जब राजेश खन्ना की मौत हो गयी थी तो इस न्यूज़ को कवर करने के लिए उनको भेजा गया था | तब उन्होंने राजेश खन्ना के बारे में कुछ अच्छा सुना, कुछ बुरा | तो वे खुद ही असमंजस में पड गए की आखिर राजेश खन्ना कैसे इन्सान थे | इसलिए उन्होंने राजेश खन्ना से जुड़े लोगो के इंटरव्यू लेना शुरू किये तो आईये जानते है राजेश खन्ना की कहानी, उन्ही की जुबानी….
सारांश –
राजेश खन्ना का असल नाम जतिंदर खन्ना था |राजेश यह फ़िल्मी नाम उनके मामाजी ने उनको दिया था |उन्होंने अपना फ़िल्मी करियर २४ वे साल से शुरू किया | २८ बरस के होते-होते वह सुपरस्टार बन गए थे| ३२ साल की उम्र में उनका स्टारडम खत्म भी हो गया था | जब राजेश खन्ना को अपने पहले नाटक में काम मिला तो वे इस सिलसिले में किसीसे मिलने गए तब उन्होंने बहुत ही खुबसूरत लड़की को देखा | वह इस नाटक की हीरोइन थी | वह लड़की थी “अंजू महेन्द्रू” उनकी पहली गर्लफ्रेंड जिनका उनके साथ बहुत लम्बा रिलेशन रहा | वह सबसे पहले सुपरस्टार थे |
उन्होंने एक के बाद एक इतनी सुपरहिट फिल्मे दी की उसका रिकॉर्ड आज तक कोई तोड़ नहीं पाया | लोग उनके लिए इतने दीवाने और पागल रहते थे ,स्पेशली लडकियां , उनकी कार की उड़ती धुल से अपनी माँग भरती थी | उनकी सफ़ेद कार को अपने लिपस्टिक से गुलाबी कर देती थी | लेखक अपनी किताब में लिखते है की उन्होंने इतनी दीवानगी किसी और स्टार के लिए नहीं देखी | जब उनकी शादी की बारात मुंबई के रास्ते से जा रही थी तो समुंदर किनारे सख्त पहरे लगाये गए थे की कोई लड़की अपना कुछ अहित ना कर ले |
इसी किताब में लेखक ने एक वाकया लिखा है की जब राजेश खन्ना की शादी हो गयी थी तब उनकी एक फैन ने एक कुत्ता खरीद लाया था और उसका नाम डिम्पल रख दिया था | वह फैन एक लड़की थी | वह रोज डिंपल का नाम लेके उस कुत्ते को मारती थी | बेचारा कुत्ता रोज चिल्लाता था | जब मोहल्लेवालों से उस कुत्ते का चिल्लाना बर्दाश्त नहीं हुआ तो उन्होंने ,उस लड़की की शिकायत पुलिस थाने में कर दी | इसीसे पता चलता है की राजेश खन्ना के लिए लडकियों में दीवानगी किस हद तक थी|
अंजू महेन्द्रू से अलग होने के बाद राजेश खन्ना ने डिंपल कपाडिया से शादी कर ली | डिंपल कपाडिया तब सोलह साल की थी और राजेश खन्ना बत्तीस साल के | यह विवाह उस समय का बड़ा ही फेमस विवाह था | डिंपल और राजेश खन्ना की दो बेटीया है | एक ट्विंकल खन्ना और दूसरी है रिंकी खन्ना | ट्विंकल खन्ना आज के सुपरस्टार अक्षय कुमार की पत्नी है | लेखक की किताब के अनुसार राजेश खन्ना कभी भी सेट पर टाइम से नहीं पहुंचे क्योंकि उन्हें देर से उठने की आदत थी |
कोई नहीं जानता था की वह अगले मिनट में क्या करेंगे ? उनके स्टाफ में ऐसे लोग भी है जो उनकी दरियादिली के बारे में भी बताते है | उन्होंने चुनाव भी लड़ा था | पहले लालकृष्ण आडवानी के अपोजिट ,पर वह हार गए थे | उसके बाद शत्रुघ्न सिन्हा के अपोजिट ,इस बार उन्होंने जीत दर्ज की और सांसद बन गए | राजेश खन्ना को कैंसर हो गया वह भी एडवांस स्टेज पर जहाँ उनके पास बहुत कम दिन बचे थे | कैंसर की वजह से उनका वजन बहुत तेजी से कम हुआ | उनके चाहनेवालो ने जब उन्हें देखा तो वह एकदम सख्ते में आ गए|
वह अभी सिर्फ एक हड्डियों का ढांचा भर दिख रहे थे | उन्होंने अपना आखिरी जन्मदिन गोवा में अपने परिवार के साथ मनाया | आखिर के दिनों में वह अपना होश बार-बार खो देते थे | हॉस्पिटल जाना ,ट्रीटमेंट लेना , फिर घर वापस आना यह सिलसिला चलता रहा | आखिर बुधवार १८ जुलाई २०१२ के दिन इस सुपरस्टार का निधन हो गया |
इस किताब का प्रकाशन पेंगुइन बुक्स ने किया है | यह किताब २०१४ में प्रकाशित हुई है |इस किताब में लेखक ने राजेश खन्ना के बचपन से लेकर तो मृत्यु तक के हर एक लम्हे को कैप्चर करने की कोशिश की है | इसमे उन्होंने राजेश खन्ना के अनेको साक्षात्कार के बारे में लिखा है | उसकी जानकारी भी उन्होंने इस किताब के आखिरी कुछ पन्नो में दी है की कहाँ से उन्होंने यह सारी जानकारियाँ हासिल की है | जो बाते उन्होंने यहाँ बताई है उन सारी बातो की पुष्टि करने की भी कोशिश की है |
लेखक ने उन सारे लोगो के नाम भी दिए है जिन्होंने उनको राजेश खन्ना के बारे में जानकारी दी | किताब के आखिरी पन्नो में राजेश खन्ना की कुछ सिलेक्टेड फोटोज है | लेखक ने उन लोगो का भी आभार व्यक्त किया है जिन लोगो ने उनको किताब लिखने के लिए प्रेरित किया | उन्होंने अपने परिवार को देने का वक्त इस किताब को दिया | तो उन्होंने अपने परिवार का भी आभार व्यक्त किया है |
सच में , कभी –कभी हम एक किताब देढ –दो घंटो में पढ़के पूरी कर लेते है पर लेखक को अपनी किताब के लिए अमूल्य मेहनत करनी पड़ती है | बहेरहाल , जिनको बॉलीवुड की खबरों में दिलचस्पी है या फिर जो राजेश खन्ना के साक्षात्कार डिटेल में देखना चाहते है तो उसके लिंक के लिए और लेखक की मेहनत को सराहने के लिए इस किताब को जरूर पढ़िए |
धन्यवाद !