PACHHADLELA PROFESSOR BOOK REVIEW HINDI

जासूसी कथा सीरिज की चौथी किताब है – पछाडलेला प्रोफ़ेसर

सौरभ वागले द्वारा लिखित

रिव्यु –

   यह डिटेक्टिव अल्फा सीरिज की चौथी किताब है | इस सीरिज के बारे में हमें तब पता चला जब हमने एक मराठी एप को डाउनलोड किया था | यह सीरिज अच्छी – खांसी प्रसिद्ध हो चुकी है | इसलिए इस सीरिज की कुछ किताबे हम आप के लिए लेकर आये है | लेखक का लिखने का ढंग और उनकी मराठी भाषा मन मोह लेती है | इसलिए उनकी किताब पढ़ने का मोह छुट नहीं पाता है | वैसे भी शरलॉक होम्स और व्योमकेश बक्षी अभी आउटडेटेड हो गए है | आशा है की नए ज़माने के साथ और नयी टेक्नोलॉजी के साथ लिखी गई इन कहानियो को जैसे हमने पसंद किया है वैसे यह आप को भी अच्छी लगे | लेखक के लिए एक सुझाव है वह अपने इन्वेस्टीगेशन में ज्यादा से ज्यादा टेक्नोलॉजी को समाविष्ट करे |

बहेरहाल , इस किताब के लेखक है – सौरभ वागले ( M.tech. from मुंबई )

प्रकाशक – ई. साहित्य

उपलब्ध – ई. साहित्य पर

आइये तो जानते है इसका सारांश ……

सारांश –

      इस किताब में डिटेक्टिव अल्फा ने दो गुत्थियो को सुलझाया है | पहले कहानी में उन्होंने खडूस प्रोफ़ेसर को एक भूत के चंगुल से बचाया | अरे, अरे….. डरिये नहीं | इसमें अपराधी भूत के जैसा समां बांधकर एक प्रोफ़ेसर को डराता है जिससे प्रोफ़ेसर इतना डर जाता है की उसे लगता है उसे किसी भूत ने पछाड़ लिया है |

और दूसरी है – की एक डॉक्टर दंपत्ति की उनकी बीस साल की बेटी के साथ हत्या हो जाती है | हत्या का कारण जानकार आप हैरान हो जाओगे की ऐसा शायद असलियत में भी हो सकता है | इसमें फिर से अल्फा की चतुराई और अल्फा को प्रभु का साथ दिखाई पड़ता है | केस ऐसी है की डॉक्टर की बेटी अबोली अपने माता पिता को बताये बगैर अपने पिता की कार लेकर जाती है जब की उसे वह ठीक से चलानी भी नहीं आती | वह कार इसलिए लेकर जाती है क्योंकि उसका बॉयफ्रेंड ऐसा चाहता है |

अबोली के पिता को यह सब बाते अच्छी नहीं लगती | वह इन बातो के लिए बहुत स्ट्रिक्ट है | जब अबोली अपने बॉयफ्रेंड के साथ कार तेजी से चला रही होती है तो उसके कार से एक गरीब मजदुर औरत और उसके चार साल के बच्चे का एक्सीडेंट हो जाता है | वह जगह पर ही मर जाते है | अबोली गाड़ी बिना रुकाए भगाकर लेकर जाती है क्योंकि उसे डर लगा रहता है की कोई उसे उसके बॉयफ्रेंड के साथ देख न ले |

इसी कारण उसे और उसके माता – पिता को अपनी जान गवानी पड़ती है जब की अबोली के माता पिता अच्छे डॉक्टर होने के साथ – साथ , अच्छे इन्सान भी होते है लेकिन अपने बेटी की गलती की सजा बेचारे उन दोनों को भी भुगतनी पड़ती है | काश………..

अबोली यह सारी बाते अपने माता – पिता के साथ साझा करती तो वह कोई उपाय ढूंढते और उनकी जान भी बच जाती |

धन्यवाद !

Wish you happy reading………..

 

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