ओन्ली टाइम विल टेल
क्लिफ्टन क्रोनिकल्स
जेफ्री आर्चर द्वारा लिखित ( भाग 1 )
रिव्यू –
प्रस्तुत किताब चार खंडों मे लिखी हुई है जिसके लेखक है “जेफ्री आर्चर ” | वे एक उत्कृष्ट कहानीकार है | उनके कहानियों की खासियत यह है की जब हमे लगता है की अभी कहानी मे सबकुछ अच्छा हो जाएगा तभी वह एक ट्विस्ट डाल देते है जिसकी वजह से कहानी को एक अलग ही मोड मिल जाता है | उनकी इन्ही खासियत की वजह से , उनकी लिखी किताबों को एक ही सिटिंग मे पढ़ने की इच्छा होती है जो को पॉसिबल नहीं है क्योंकि उनके उपन्यास लंबे बहुत होते है | प्रस्तुत उपन्यास बहुत ही नाजुक रिश्तों का ताना बाना लिए हुए है |
इसका हर एक पात्र देखने मे तो अलग जिंदगी जी रहा है लेकिन वह एक दूसरे से किसी न किसी तरह जुड़े हुए है | कहानी का नायक हॅरी एक वेट्रेस का बेटा है | उसके पिता एक गोदी कामगार है | उसे जहाज के बंदर पर अपना वक्त बिताना अच्छा लगता है | हॅरी मे उच्च कोटी की गायन प्रतिभा है | इसके बलबूते पर वह धनी लोगों के स्कूल मे प्रवेश पा सकता है | उसके जिंदगी मे मौजूद लोग उसके अच्छे भविष्य के लिए कितनी मेहनत करते है | यह आप को यहाँ पता चलेगा |
इस कहानी से यह पता चलता है की जब एक निन्मस्तरीय व्यक्ती अपार सफलता पाता है तो उसके पीछे बहुत सारे लोगों की मेहनत होती है | प्रस्तुत किताबों मे हॅरी क्षणैः क्षणैः बडा होते जाता है | उसके जीवन की हर एक घटना का लेखा जोखा इन खंडों मे समाहित किया गया है | इसीलिए यह है – क्लिफ्टन क्रोनिकल्स .. | यहाँ पहले महायुद्ध से लेकर तो दूसरे महायुद्ध के शुरुवात तक के कालखंड को बयां किया गया है |
हॅरी क्लिफ्टन के जीवन की कहानी 1920 से शुरू होती है क्योंकि यही उसके जन्म का साल है | बचपन मे वह यही समझता है की उसके पिता की युद्ध मे मृत्यु हो गई लेकिन सच्चाई कुछ और ही है | इसका पता उसे पूरे 20 साल बाद लगता है | इसमे मे से एक नया सवाल उसके सामने खड़ा हो जाता है की उसके असली पिता है कौन ? हॅरी के पिता की मृत्यु का राज भी आप को इसी किताब मे पढ़ने को मिलेगा | ” ओन्ली टाइम विल टेल ” किताब मे 1920 से लेकर तो 1940 तक के कालखंड के बारे मे बताया गया है | किताब के लेखक है – जेफ्री आर्चर ( अंग्रेजी मे )
मराठी अनुवाद – लीना सोहोनी
प्रकाशक – मेहता पब्लिशिंग हाउस
पृष्ठ संख्या – 634
उपलब्ध – अमेजन , किन्डल
आईए , इसी के साथ देखते है इसका सारांश ……
सारांश –
मेसी क्लिफ्टन एक साधारण परिवार की नवयुवती है | एक साल बाद वह हॅरी को जन्म देती है | उसका पति एक गोदी कामगार है | उसके भाई स्टैन का मित्र है | मेसी उसके पति की मृत्यु के बाद अपने भाई और माँ के साथ अपने बेटे हॅरी को लेकर रहती है | वह एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखती है जहां खुद का भरण – पोषण करने के लिए खुद को ही काम करना पड़ता है | मेसी एक सिंगल मदर है | उसे अपने बच्चे का पालन – पोषण करने के लिए बहुत ही कड़ी मेहनत करनी पड़ती है चूंकि वह अशिक्षित है उसे ऊंचे पगार की नौकरी नहीं मिल सकती |
हॅरी एक कुशाग्र बुद्धी का लड़का है | वह चर्च के कोरस गायन मे सिलेक्ट हो जाता है | इसी बलबूते पर वह धनाढ्य लोगों की स्कूल मे प्रवेश पा सकता है | इसलिए उसे गायन के साथ – साथ बाकी विषयों मे भी अच्छे नंबर लाने होंगे लेकिन , उसे इतना शिक्षित करेगा कौन ? इसका जिम्मा उठाते है हॅरी के स्कूल की संगीत टीचर मिस मंडे और स्कूल के मुख्याध्यापक मिस्टर हॉलकोम्ब | हॅरी को इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है |
वह अपना सारा समय ब्रिस्टॉल के बंदर पर बिताता है जहाँ उसके पिता गोदी कामगार थे और अंकल स्टैन अभी भी है | उसी बंदर के परिसर मे रेल्वे के एक पुराने डिब्बे मे ओल्ड जैक नाम का एक व्यक्ति रहता है | वह हकीकत मे कौन है यह आप को किताब पढ़ने के बाद समझने मे आएगा | यही ओल्ड जैक हॅरी के मत परिवर्तन के लिए जिम्मेदार है साथ ही वह उसे पढा – लिखाकर स्कूल की परीक्षा पास होने लायक योग्य भी बनाते है |
हॅरी धनाढ्य लोगों की स्कूल मे प्रवेश पा जाता है | यहाँ उसकी मुलाकात गाइल्स और डिकिन्स से होती है | जो बाद मे उसके जिगरी दोस्त बन जाते है | यहाँ इन तीनों का सीनियर है – फिशर | जो हॅरी को आए दिन परेशान करता रहता है | हॅरी के दोस्त होने की वजह से गाइल्स और डिकिन्स को भी …. | यह फिशर का पात्र भी अंत तक हॅरी और गाइल्स के साथ कहानी मे बरकरार रहता है |
गाइल्स के जन्मदिन पर हॅरी और डिकिन्स , गाइल्स के महल जैसे घर मे जाते है | वहाँ गाइल्स की छोटी बहन एमा , हॅरी को पहली बार देखकर ही उसके साथ शादी करने का फैसला कर लेती है | बड़े होने के बाद हॅरी और एमा एक दूसरे से बेहद प्यार करते है | दोनों के घरवाले राजी होने पर भी वह शादी नहीं कर पाते | वह दोनों चाहकर भी शादी नहीं कर सकते ? ऐसी क्या बात है जो इन दोनों को शादी करने से रोकती है ? इसके पीछे बहुत बडा सत्य छुपा हुआ है |
इसके बारे मे आप खंड दो मे जान पाओगे | अब हॅरी और गाइल्स नवयुवक बन चुके है | वह उच्च अध्ययन के लिए ऑक्सफोर्ड जाना चाहते है | इसी दौरान महायुद्ध की परिस्थितियाँ पूरे इंग्लैंड को झकझोर देती है | देश के बहुत सारे नवयुवक अपनी करियर , घर , नौकरी सबकुछ छोड़कर देश की तरफ से लड़ने के लिए देश की सेना मे भर्ती हो जाते है | हॅरी और गाइल्स के सामने भी यही परिस्थितियाँ है | अच्छे देशवासी की तरह वह भी अपने देश को चुनते है |
इन सब के बीच मे हॅरी ऐसी परिस्थितियों मे से गुजरता है जिससे उसे लगता है की अगर वह खुद को समाप्त कर दे तो उससे जुड़े लोगों की सारी परेशानियाँ खत्म हो जाएंगी | इसीलिए वह युद्ध से आने के बाद बॅरिंगटन शिपिंग कंपनी से अमेरिका जाने वाले जहाज मे नौकरी पाकर उसमे सफर पर निकल पड़ता है | सफर के दौरान उस जहाज का एक्सीडेंट हो जाता है |
इसमे हॅरी तो बच जाता है लेकिन वह उपर्युक्त सोच के चलते मेडिकल टीम को अपना नाम हॅरी न बताकर मि. ब्रैडशॉ बताता है जो उसका कुछ समय पहले जहाज पर साथी हुआ करता था | पर यह क्या .. .. ? जैसे ही वह ब्रैडशॉ बनकर अमेरिका की धरती पर पैर रखता है उसके हाथों मे हथकड़ियाँ पहेनाकर गिरफ्तार कर लिया जाता है |
इसके साथ ही हॅरी और पाठकों के सामने एक बहुत बडा प्रश्न चिन्ह खड़ा हो जाता है | इसके आगे की कहानी जानने के लिए हमे अगली किताब पढ़नी होगी | इसका रिव्यू भी हम आप के लिए जल्द ही लेकर आ रहे है | तो चलिए चलए है , किताब के माध्यम से एक रोमांचकारी सफर पर …… |
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