सुधा मूर्ति द्वारा लिखित चौथी किताब का नाम है – महाश्वेता
किताब छोटीसी है इसलिए रिव्यु और सारांश एकसाथ दे रहे है –
रिव्यु और सारांश –
उसे उसके कुष्ठरोग के साथ अपनाकर वसंत उससे से शादी करना चाहता है | वसंत के लिए अनुपमा का बाहरी सौंदर्य मायने नहीं रखता है बल्कि उसका शुद्ध मन वसंत को अपनी ओर खींचता है | यह एक संकुचित विचार के समाज में रहनेवाली लड़की की या कहे एक बहु की कहानी है | ऐसे ही और एक स्त्री की कहानी आप सुधा मूर्ति द्वारा लिखित बकुला मे पढ़ सकते है | Check out our another post BAKULA प्रस्तुत किताब की लेखिका है –
मूल लेखिका – सुधा मूर्ति
मराठी अनुवाद – उमा कुलकर्णी
प्रकाशक – मेहता पब्लिशिंग हाउस
पृष्ठ संख्या – १६०
अनुपमा एक गरीब मास्टर की लावण्यवती बेटी है | सौंदर्य के साथ – साथ भगवान ने उसे अच्छी बुद्धि भी दी है | इसी के अधार पर वह स्कालरशिप लेकर अपनी मास्टर डिग्री कर रही है | उसे नाटक में अभिनय करने का , नाटक का मंचन करने का शौक है |
इसी के जरिये उसकी उसके भावी पति से मुलाकात होती है | उसका पति गोरा , हृष्ट – पुष्ट , प्रसिद्ध एवं धनी परिवार से है | इतना ही क्या कम था की वह खुद एक डॉक्टर भी है | जब अनुपमा की शादी अनंत के साथ होती है तो सारी लडकिया अनुपमा के भाग्य को सराहती है लेकिन तीन महीने बाद ही होनेवाला श्वेत – कुष्ठ का दाग अनुपमा की जिंदगी बदल देता है |
सब लोग उसे कहते है , “ वह अप्सरा तो है लेकिन……श्रापित !”
एक तरफ है उसकी रुढ़िवादी सास तो दूसरी तरफ है सौतेली माँ के हाथ का खिलौना बने हुए उसके गरीब पिताजी…… कौन उसका साथ देगा ? वह ऐसे लोगो के बीच रहती है जहाँ इस रोग को संक्रामक रोग के तौर पर देखा जाता है | कहानी में ऐसा भी है की अनुपमा का ससुराल एक संभ्रांत परिवार है लेकिन उसी परिवार में अनुपमा की ननंद चरित्रहीन है पर यह चीजे बहार से दिखाई नहीं देती तो लोग उसे अच्छा समझते है | अनुपमा मन से शुद्ध , चरित्र से शुद्ध लेकिन दिखनेवाला दाग उसे समाज के सामने अपराधी बना देता है | वह बहुत मानसिक प्रताड़ना से गुजरती है | यह कहानी अपने आप में ही बहुत से चढ़ – उतारो को लिए हुए है |
जिस भाग्य की लोग तारीफ करते नहीं थकते , वही भाग्य अनुपमा को एक झटके में धरती पर ला पटकता है | सुन्दरता की उपासना करनेवाला उसका पति और सास उसे मनुष्य मानने से भी इंकार कर देते है |
सुधा मूर्ति सचमुच एक बहुत ही अच्छी लेखिका है | इसके पहले हमने उनकी कोई किताब नहीं पढ़ी थी | लेकिन एक किताब पढ़ने के बाद जैसे उनकी किताबे पढ़ने की हमें लत लग गयी | इसलिए एक के बाद एक उनकी ९ – १० किताबे पढ़ ली | आप भी अपनी कॉपी अभी Amazon से ऑर्डर करें | https://amzn.to/47zdhJg
हमारी भगवान से प्रार्थना है की वह हमेशा ऐसे ही लिखती रहे……..
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Wish you happy reading………