काशी – काले मंदिर का रहस्य (विनीत वाजपेयी द्वारा लिखित )
रिव्यु –
काशी यह हड़प्पा सीरिज की तीसरी बुक है इसलिए इसके रिव्यु में वही बाते आती है जो इसके पहले प्रलय वाले ब्लॉग में दी है | लेखक के बारे में जानकारी भी आप को उसी ब्लॉग में मिल जाएगी | बहरहाल , अभी हम आप को सीधे सारांश ही बता देते है | आइये तो जानते है इस किताब का सारांश –
सारांश –
इस में मनु और उसकी विशाल नाव का प्रकृति के खिलाफ संघर्ष बतलाया है तो दूसरी तरफ मनु का इस विशाल नाव को बचाने के लिए राक्षसों के साथ युद्ध बताया है | अब यहाँ आप को पढ़ना है की मनु इन दोनों मोर्चो में कितना सफल होता है |
मनु की इस विशाल नाव पर जो की धरती की आखरी नाव है उस पर सप्तसिंधु के हर एक गाँव के व्यक्ति ने शरण ली है | इसी नाव पर अधिकार करने के लिए स्याह जंगलो के राक्षस जिनका सरदार नर – मुंड है | वह इस नाव पर हमला कर देते है | ये राक्षस इंसानों को कच्चा ही चबा लेते है | इनके साथ नाव पर मौजूद लोगो ने लढाई लड़ना मतलब मौत के कुंए में पाँव रखना | नर – मुंड का वर्णन विनीत ने ऐसा किया मानो उसे हराना मनु के लिए असंभव हो | तो इस अच्छाई और बुराई की लड़ाई को आप इस भाग में पढ़ पाएंगे | साथ ही काले मंदिर का रहस्य क्या है ये भी आप को जानने के लिए मिलेगा |
अगर आप ने इसके पहले के दो भाग पढ़े है तो यह तीसरा भाग पढ़ने के लिए आप की उत्कंठा चरम पर होगी लेकिन ऑफिस या अन्य कामो की वजह से आप को वक्त नहीं मिल पा रहा है तो इस रहस्य को जानने के लिए हम आप की थोड़ी मदद कर देते है |
काले मंदिर में वह रहस्य सुरक्षित है जिसे मत्स्य ने मनु को संभालकर रखने के लिए दिया था, की जब विवास्वन पुजारी , विद्युत् के रूप में दुबारा जन्म ले तो , तो काले मंदिर के रक्षक जो की मनु के ही वंशज थे | वह इन चीजो को विद्युत को दे सके और बाद में विद्युत यह रहस्य उस शक्ति को दे सके जो न्यू वर्ल्ड आर्डर के खिलाफ लड़ेगी |
इस काले मंदिर का हर २०० साल में नया ढांचा बनाया जाता है | इसमें विद्युत को चार चीजे मिलती है |
पहली है – भगवान विष्णु के सेवक –शेषनाग |
दूसरी है – रत्न-मारू तलवार
तीसरा है – एक बॉक्स जिसके अन्दर हड़प्पा की प्राचीन लिपि में एक पत्र लिखा है | वह एक सन्देश है जिसे सिर्फ विद्युत ही पढ़ सकता है | इसी पत्र में वह रहस्य है जिससे न्यू वर्ल्ड आर्डर भी डरता है | तो इस रहस्य को जानने के लिए इस किताब को जरूर…………जरूर पढ़े |
लेखक ने किताब बहुत बहुत अच्छी लिखी है | उन्होंने तथ्यों का , चरित्रों का ,परिस्थितियों का वर्णन इस प्रकार किया है मानो उन्होंने इन सबको पास से देखा हो , महसूस किया हो | एक अच्छे लेखक की यही ख़ास बात होती है की वह किताब के हर पन्ने के साथ , वाचक को जोड़ के रखे | विनीत इसमें कामयाब रहे………
उनको , उनकी आनेवाली रचनाओ के लिए बहुत – बहुत शुभकामनाये……
उन्होंने किताब इतनी अच्छी और इतनी साफ़ – सुथरी लिखी है है की परिवार का हर सदस्य इसे पढ़ सके नहीं तो आजकल वह दिन तो गायब ही होते जा रहे है जहाँ पूरा परिवार मिल कर टीवी सीरियल या फीर कोई फिल्म देख लेते | बहुत से लोगो ने यह कबुल किया है की आजकल परिवार के साथ कोई फिल्म या वेबसीरिज देखने बैठे तो दिल की धड़कन बढ़ जाती है की….. न जाने अगली सीन में क्या दिखा दे जिसे हम एकसाथ देखने में शर्म महसूस करे | इतनी अच्छी किताब लिखने के लिए विनीत का एक बार पुनः अभिनन्दन………
धन्यवाद !
Wish you happy reading……….