JOSH SE HI SARA FARK PADTA HAI REVIEW

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जोश से ही सारा फर्क पड़ता है

नॉर्मन विंसेंट पील

रिव्यू –

जोश एक बेशकीमती गुण है , जो हर चीज का कायाकल्प कर देता है | यह कहना है इस किताब के लेखक और धर्मगुरु नॉर्मन विंसेंट पील इनका और यही संदेश वह इस किताब के माध्यम से लोगों तक पहुंचाना चाहते है |

हर इंसान की परिस्थिति और परेशानियाँ अलग – अलग होती है जिसमे गरीबी ,तनाव ,शारीरिक और मानसिक बीमारियां ई. शामिल है | लेखक ने इन सारी परेशानियों को हल करने का सिर्फ एक ही जवाब बताया है और वह है -जोश

क्या है यह जोश ? कहाँ से यह हमारे अंदर आएगा ? हमारे जीवन को यह किस तरह प्रभावित करेगा ? तो इसका जवाब हमे मिलता है अध्यात्म मे |

जोश वह चीज है – जिसमे हम अपनी परेशानियों पर विजय हासिल कर के हर्षो उल्लास के साथ अपना जीवन जी सकते है | यह जोश हमारे अंदर तब आएगा जब हम खुद को और हमारे परेशानियों को अपने आराध्य देव के हवाले कर देंगे | उन्हे दिनभर अपने साथ रहने के लिए बिनती करेंगे | दिनभर के काम मे उनका मार्गदर्शन मांगेंगे ताकि हम दिनभर सही निर्णय ले सके और हमारे काम सफलता की ओर बढ़ सके | रात मे भगवान को अच्छी नींद का वरदान मांगकर , उन्हे शुभरात्री कहकर और सुबह मिलने का वादा कर के ,सोने चले जाए | ऐसा अगर आप पूरे विश्वास के साथ करते है तो आप पाएंगे की आप की सारी परेशानियाँ कुछ ही दिनों मे गायब हो रही है | जिंदगी मे सही समय पर , सही निर्णय लेना बहुत जरूरी होता है क्योंकि हमारे कल के निर्णय , हमारे आज को प्रभावित करते है और आज लिए निर्णय हमारा भविष्य तय करते है | सही निर्णय न लेने के कारण हमारी परिस्थितियाँ बिगड़ जाती है | फिर हम इसके लिए कभी अपनों को , तो कभी अपनी किस्मत को दोष देते है लेकिन गलती किसी की नहीं सिर्फ हमारी होती है |

जैसा की हमने बताया लेखक एक धर्मगुरु है और लोगों को आध्यात्मिकता की राह दिखाते है | परमेश्वर से लोगों के लिए प्रार्थना करते है | चूंकि वह ईसाई धर्म को मानते है | इसलिए उन्होंने , उनके आराध्य परमेश्वर येशु की शरण जाने के लिए कहाँ है | उन्होंने पवित्र बाइबल की कुछ पंक्तियों का भी किताब मे उल्लेख किया है जिससे आप के अंदर नया जोश और सकारात्मकता भरने मे मदद मिलेगी | हमे भी वह पंक्तीया अच्छी लगी | अब वह विशेष पंक्तीया कौन सी है ? इसके लिए आपको यह किताब पढनी पड़ेगी | इस अद्भुत किताब के –

लेखक है – डॉ. नॉर्मन विंसेंट पील

हिन्दी अनुवादक – डॉ. सुधीर दीक्षित

प्रकाशक – मंजुल पब्लिशिंग हाउस

पृष्ठ संख्या – 272

उपलब्ध – अमेजन और किन्डल

इस किताब के लेखक डॉ. नॉर्मन विंसेंट पील 46 पुस्तकों के लेखक है जिनमे आंतरराष्ट्रीय बेस्ट सेलर “द पावर ऑफ पाज़िटिव थिंकिंग” शामिल है | वह अपने युग के सबसे प्रभावी धर्मगुरुओ मे से एक रहे है | उन्होंने अपनी सलाह से बहुत से लोगों के जीवन की परेशानियों को दूर किया है | इस किताब मे उन्होंने जोश को लेकर ऐसी कौन सी बाते बताई है जिनसे किताब मे वर्णित लोगों के जीवन की परेशानियाँ दूर हो गई | जिससे वे सारे लोग खुशियों के उच्चतम बिन्दु पर पहुँच गए | यह हम जानेंगे |

किताब मे पूरे 12 अध्याय है जिसमे शामिल है – जोश आप के लिए क्या कर सकता है ? जोश जो कभी कम नहीं होता ,जोश को काम -धंदे मे आजमाकर देखे , जोश समस्याओ मे चमत्कार करता है ,जोश मुश्किलों के बीच शक्ती देता है इ. |

आईए , इसी के साथ देखते है इस किताब का सारांश .. ..

सारांश –

सबसे पहले लेखक ने बताया की , पुरानी पीढ़ी आस्तिक थी | वह हर रविवार बिना भूले चर्च जाते थे जिससे उनमे हमेशा जोश का संचार रहता था लेकिन नई पीढ़ी इन सब बातों को नहीं मानती थी | वह अपनी सारी ऊर्जा नशा करने , दोस्तों के साथ वक्त बिताने और ऐसे ही नकारात्मक कामों मे बिताया करती | जिनसे उनमे नकारात्मकता बढ़ती गई और वह हर क्षेत्र मे पिछड़ते गए | जब इसी युवा पीढ़ी मे जोश का संचार हुआ तो वह सृजनात्मक बन गई |

छोटे – छोटे लक्ष्य मिलाकर , बडा लक्ष्य हासिल करना चाहिए | लक्ष्य हासिल करने के लिए दिमाग का उसपर केंद्रित होना जरूरी है | इसके लिए दिमाग की सफाई करना बहुत जरूरी है | तो यह कैसे की जाए ? दिनभर मे हुई सारी अप्रिय घटनाओ की पोटली बनाकर उन्हे बाहर फेंक दे | जिससे आप के खुशी का आवेग बढ़ जाएगा |

हमेशा खुद को वे सारी अच्छी खबरे बताते रहे जो आप बात सकते है | ” जोश से लोगों को राजी करना” मे उन्होंने बताया की – आप जो भी काम करे , उसपर भरोसा करे | अपने काम से समझौता ना करे , चापलूसी ना करे , दृढ़ मानसिकता और इच्छाशक्ति के साथ संवाद करे | इस सिद्धांत को आजमाकर “सुल्का” दुनिया के सबसे मशहूर हेबर डैशर बन गए | वे अपने क्षेत्र मे निर्विवाद और असाधारण सेल्स मेन बन गए | किताब के लेखक ने धर्मगुरु बनने के पहले , एक जमाने मे कभी अल्युमिनिअम के बर्तन भी बेचे थे जिनसे उन्हे ऐसे ग्राहक मिले जो जीवनभर उनके मित्र बने रहे |

लेखक ने एक बात और अच्छी कही की , हम ऐसे युग मे रह रहे है ,जिसमे बहुत सारे लोगों को शिक्षा और अवसरों का वरदान मिला है | पुरानी पीढ़ी के सदियों के त्याग और मेहनत के कारण उत्पन्न दौलत और संस्कृति विरासत मे मिली | फिर भी बहुत सारे लोग यह सोचते है की यह जिंदगी अर्थहीन है और इसका कोई महत्व नहीं है |

डर से कैसे मुक्ति पायी जाए ? इसके लिए डॉ. पील इन्होंने रचनात्मक आध्यात्मिक मौन की शक्ति का उपयोग करने के लिए है | क्या है यह ? इसे कैसे इस्तमाल करे ? तो ईश्वर के सामने प्रार्थना कर के कहे की , “मैं अपने डर को और खुद को आप के हवाले करता हु | मेरा इसी वक्त इलाज करने के लिए धन्यवाद !”

जोश को आप अपने काम धंदे मे भी आजमाकर देख सकते है | इससे आप अपने हर दिन को अच्छा बना सकते है | अपने दिन को बुरा बनाने की शक्ती भी आप ही के हाथों मे है | अपने मन मे ईश्वर की उपस्थिति का अहसास बढाते जाए | जैसे – जैसे यह बढ़ेगी आप का जोश भी बढ़ता जाएगा क्योंकि जोश एक उपचारक शक्ती भी है | गलत सोच शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव डालती है | यह कहना है , प्रसिद्ध मनोचिकित्सक , डॉ. पॉल टूर्नीयर इनका | इनका जिक्र भी किताब मे दिया है | उपर्युक्त सारी चीजों को हम “जोश “से ठीक कर सकते है | तनाव , घबराहट से मुक्ति पाने के लिए लेखक ने जोश की मदद लेने की सलाह दी है | इसका इस्तमाल कैसे करे ? यह आप किताब मे पढे |

समस्याए जिंदगी की निशानी है | इसपर लेखक ने एक बहुत ही अच्छा विचार बताया है की आप के पास जितनी ज्यादा समस्याए है , आप उतने ही ज्यादा जीवंत है | इस वाक्य को उन्होंने कैसे साबित किया | इसके लिए भी आप को किताब पढ़नी पड़ेगी | “संघर्ष प्रकृति का हिस्सा है |” इसके लिए उन्होंने ब्रदर एंड्रूज की बात बताई | जिनके पास पैसा चुंबक की तरह खींचा चला आता था | ब्रदर एंड्रूज बड़ी परेशानी देखकर नाखुश होने की बजाय खुश होते थे | उनके अनुसार परेशानी उन्हे तरक्की की ओर अग्रसर करती थी |

इसके बाद है,”अपनी रचनात्मक शक्ती का प्रयोग करे” | इस अध्याय मे बताया गया की , आप जिसके सपने देखते है , उसकी खयाली तस्वीर देखे और उसके लिए मेहनत करे | हारने की आदत को इतना अच्छा न माने , नहीं तो आप हमेशा हारते ही रहोगे | हमेशा हमारे पूर्वजों के संघर्ष को याद रखे | उनके कारण हमे जो भी अच्छी चीजे मिली है | उनका मान करे, उनका खयाल रखे |

यह किताब , दुनिया के सबसे महान सकारात्मक चिंतक मे से एक मूसा अलेमी का उदाहरण बताती है | जिन्होंने एक ऐसे रेगिस्तान को चमन बना डाला जो इतिहास मे कभी चमन नहीं बन पाया था और जहां दूर – दूर तक पानी का कोई नामोनिशान नहीं था | उन्होंने यह कर दिखाया क्योंकि उन्हे इस पर यकीन था | इनकी पूरी कहानी आप को जरूर पढ़नी चाहिए | जो जोश का एक जबरदस्त उदाहरण है | ऐसे ही “फोर्ड” कार के उत्पादक “हेनरी फोर्ड” के जबरदस्त जोश के बारे मे भी आप को जान लेना चाहिए | ऐसे ही बहुत सारे उदाहरणों से यह किताब भरी पड़ी है जिन्होंने जोश को आजमाकर अपनी जिंदगी को बुलंदियों पर पहुंचाया |

आशा है आप भी यह किताब पढ़ेंगे और अपनी जिंदगी को और बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे |

धन्यवाद !

Wish you happy reading……….

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