HIDIMBAA BOOK REVIEW SUMMARY IN HINDI

हिडिम्बा

यह नरेन्द्र कोहली द्वारा लिखित किताब है | इस किताब को पढ़कर लगता ही नहीं की यह वही लेखक है जिन्होंने “वरुनपुत्री” लिखी | लेखक ने यह किताब बहुत अच्छी लिखी है |

प्रकाशक – वाणी प्रकाशन

पृष्ठ संख्या – ९५ ( इसमें पुरे पांच अध्याय है )

यह किन्डल एप्प पर उपलब्ध है |

सारांश –

   यहाँ महाभारत के उस हिस्से का वर्णन है जहाँ पांडव और उनकी माँ वारणावत के लाक्षागृह से अपनी जान बचाकर हिडिम्ब वन में भाग जाते है | वहां हिडिम्ब वन का राजा हिडिम्ब अपनी बहण हिडिम्बा को पांडवो को मारने ले लिए भेजता है ताकि उसके बाद वह पांडवो को खा सके | लेकिन भीम को देखते ही हिडिम्बा को उससे प्यार हो जाता है | वह मन ही मन उसे अपना पति स्वीकार कर लेती है और फिर कुछ सालो बाद भीम के बच्चे घटोत्कच को जन्म देती है | वह भीम से वादा करती है की वह घटोत्कच को एक वीर योद्धा बनाएगी न की पेड़ पर लटकनेवाला और नर मांस खानेवाला एक राक्षस…….

यह तो सौ फी सदी सही है | हिडिम्बा अपने बेटे को एक वीर योद्धा बनाती है | इसीलिए तो वह कुरुक्षेत्र के युद्ध में भाग ले पाता है और वीरगति को प्राप्त होता है

इस किताब में हिडिम्बा कैसी है ? उसके व्यक्तित्व के अन कहे पहलु आप यहाँ जान पाएंगे | इसमें राक्षस जाती का और मानव जाती का फर्क बताया है | राक्षस जहाँ खुद का ही विचार करते है वहां मनुष्य अपने से पहले अपनों का विचार करते है | आज के समाज पर तो यह बात लागु होती है | आज राक्षस तो नहीं है पर उनके विचार धारण करने वाले व्यक्ति समाज में बढ़ते ही जा रहे है | यही विचार तो मनुष्य को मनुष्य से अलग करते है | यहाँ पांडव जिस ऋषि के आश्रम में सहारा लेते है | उन ऋषि और पांडवो की ( भीम को छोड़कर ) धर्म और न्याय को लेकर चर्चा भी यहाँ दी है | वैसे किताब बहुत छोटी सी है | आप इसे बहुत जल्दी पढ़कर ख़त्म कर सकते है |

धन्यवाद !

Wish you happy reading ………..

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