हस्ताक्षर विज्ञान
बाई नारायण दत्त श्रीमाली
रिव्यु और सारांश –
आज हम आप को एक बहुत ही रोचक विषय के बारे में बताएँगे जिसका नाम है “हस्ताक्षर विज्ञान” | यह भारत में अभी भी उतना प्रचलित नहीं है जितना की वास्तुशास्त्र !
देखा जाये तो दुनिया के सारे व्यवहार मनुष्यों द्वारा ही होते है | मनुष्यों के अच्छे और बुरे स्वभाव पर ही यह निर्भर होता है की वह ईमानदारी से काम करेगा या धोखा देगा | इसमें हस्ताक्षर विज्ञान आप के बहुत काम आनेवाला है क्योंकि धोकेबाज इन्सान ऊपर से कितनी भी लीपापोती कर के अच्छा बन जाये पर उसकी असलियत उसके लिखावट में झलकती है अगर वह हस्ताक्षरों की नक़ल करे तो भी अनुभवी विज्ञानी उसे पकड़ लेते है | इसीलिए बहुत सी बड़ी कम्पनियां अपने एम्प्लाइज को रीक्रुट करने से पहले उनसे लिखे हुए बायोडाटा मंगवाती है और उसी के अधार पर उनकी हस्ताक्षर विज्ञानी टीम उनको अच्छे कैंडिडेट्स सेलेक्ट करने में मदद करती है |इसी वजह से ऐसी कम्पनिया ऊचाइयो पर रहती है |
प्रस्तुत पुस्तक इसी विषय पर लिखी है | जिसे लिखा है दिग्गज हस्ताक्षर विज्ञानी डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली इन्होने | यह उनकी पुरानी पुस्तक का नया एवं सुधारित वर्जन है | इस किताब के प्रकाशक है “ओरिएंट पेपरबैक” | किताब हिंदी में है और मात्र १३४ पेज की है | इसकी कीमत सिर्फ ८५ रुपये है | यह अमेज़न पर उपलब्ध है |
इस किताब में अलग – अलग क्षेत्रो के दिग्गज लोगो के हस्ताक्षर दिए है | उनके हस्ताक्षर के बारे में डॉ. श्रीमाली के अभ्यास के निष्कर्ष भी दिए है जिसमे राजनीती , बॉलीवुड ,संगीतक्षेत्र ,साहित्य , खेलजगत ई. शामिल है |
इसमें डॉ. साहब के कुछ अनुभव भी बताये है जिन्हें उन्होंने अपने अभ्यास द्वारा बड़ी कुशलता से सुलझाया है | डॉ. श्रीमाली के अनुसार हस्ताक्षर व्यक्ति की असलियत बया कर देते है | हस्ताक्षरों से निगडित और भी बहुत सी रोचक बाते जानने के लिए आप यह किताब जरूर पढ़े | क्या पता कौनसी जानकारी कब काम आ जाए……
धन्यवाद !
Wish you happy reading………..