FALSE IMPRESSION BOOK REVIEW IN HINDI

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फॉल्स इम्प्रेशन

जेफ्री आर्चर द्वारा लिखित

रिव्यु –

मूल्यवान पेंटिंग के पारखी , कलाप्रिय लोगो के लिए ही यह उपन्यास है ऐसा कहना गलत न होगा | लेखक ने इसके लिए बहुत रिसर्च किया होगा यह बात तो प्रस्तुत उपन्यास पढ़नेवाला कोई भी बता सकता है |हमें तो लिओ नार्दो द विंसी द्वारा चित्रित “मोनालिसा” और भारत के एम्.एफ. हुसैन इन चित्रकारों के आलावा और किसी की भी जानकारी नहीं थी | जैसे इस किताब ने हमारे ज्ञान में बढ़ोत्तरी की वैसे ही यह आप का भी ज्ञान बढ़ाएगी | किताब के अंत में उन्होंने एक चार्ट दिया है जिसमे विश्व प्रसिद्ध चित्रकारों के नाम , उनके द्वारा बनाये गए चित्र और वह अधिक से अधिक कितनी कीमत में बेचे या ख़रीदे गए इसका ब्यौरा आपको देता है | इन चित्रों के पारखी लोगो का , इनके खरीदनेवाले और बेचनेवालो का भी एक अलग ही संसार होता है | इन महंगे और खास चित्रों को अपने संग्रह में जमा करने के लिए वह ऊँची से ऊँची कीमत भी देने के लिए तैयार रहते है | प्रस्तुत किताब विश्व प्रसिद्ध चित्रकार व्हेनगोग और उसके द्वारा चित्रित किये गए चित्र “सेल्फ पोर्ट्रेट विथ बैंडेज ईअर” को हासिल करने के लिए उपन्यास के पात्र कौन – कौन सा खेल खेलते है ? इसका बखूबी वर्णन लेखक ने किया है |

व्हेनगोग और उनके मित्र गोग्याँ इन दोनों का जोरदार झगडा होने के बाद , व्हेनगोग ने ब्लेड से अपना लेफ्ट वाला कान काट दिया लेकिन उसके दोनों सेल्फ पोर्ट्रेट में उसके राईट वाले कान को बैंडेज बंधा हुआ दिखाई देता है | पहले यह एक रहस्य था | अब पता चला है की उसने अपनी यह सेल्फ पोर्ट्रेट आईने में देखकर बनाई थी | यह भी उसके द्वारा लिखे पत्रों से पता चला है जो उसने अपने भाई को लिखे थे जिसमे उसने एक बड़े आईने का ख्याल रखने के लिए कहाँ था ताकि उसे अपने काम में मदद मिल सके |

व्हेनगोग के इसी प्रसिध्द चित्र को उसकी सही जगह पहुँचाने के लिए कहानी की नायीका न्यूयॉर्क से लंडन , लंडन से बुखारेस्ट , बुखारेस्ट से टोकियो , टोकियो से फिर बुखारेस्ट ,बुखारेस्ट से लंडन और लंडन से न्यूयॉर्क ऐसा प्रवास करती है | लेखक ने किताब के शुरुवात में न्यूयॉर्क का चर्चित और दुःखद प्रसंग 9/11 का भी उल्लेख किया है | जब ट्विन टावर पर एयरोप्लेन की धड़क होती है तब कहानी की नायीका नार्थ बिल्डिंग में रहती है | बिल्डिंग गिरने के कारण लोग उसे मरा हुआ समझते है | इसी का फायदा उठाकर ऍना अपना काम करती है | लेखक के बारे में जानकारी हमारे वेबसाइट पर उपलब्ध “मिलियन डॉलर की हेराफेरी” इस ब्लॉग में आप को मिल जाएगी | इस अप्रतिम किताब के मूल लेखक है –

मूल लेखक – जेफ्री आर्चर

मराठी अनुवाद – सुधाकर लवाटे

प्रकाशन – मेहता पब्लिशिंग हाउस

पृष्ठ संख्या – 376

इस किताब के अनुवादक श्री. सुधाकर लवाटे इनका यह पहला ही प्रयास है | उन्होंने अच्छा अनुवाद किया है | उन्होंने अपनी तरफ से हर वह चीज की है की किताब पाठक को अच्छी तरह समझ में आये | हमें प्रकाशक और अनुवादक को धन्यवाद देना चाहिए की उन्होंने यह किताब मराठी पाठको के लिए उपलब्ध करवाई लेकिन एक बात का खेद है | इस बार छपाई में बहुत गलतियाँ है | एक बार विषय में खो जाने के बाद ऐसी गलतियां डिस्टर्ब करती है | हलाकि जेफ्री आर्चर की सारी किताबे अच्छी होने के कारण हम इसे पढ़ने का मोह न छोड़ पाए | इस तरह इसका रिव्यु और सारांश आप के लिए लेकर आये है |

जिस व्हेनगोग की पेंटिंग का यह जिक्र हुआ है | उसी पेंटिंग की नक़ल असली पेंटिंग को बचाने का कारण बनती है | इसीलिए किताब का नाम है “फॉल्स इम्प्रेशन” | उपन्यास में तो व्हेनगोग की पेंटिंग को लेकर लेखक ने एक काल्पनिक कथा गढ़ी है लेकिन असली चित्रों के बारे में आप किताब के अंत में पढ़ सकते है |

तो चलिए इसी के साथ देखते है इसका सारांश –

सारांश –

सबसे पहले हम उपन्यास के पात्रो के बारे में जानकारी दे देते है ताकि आप को कहानी समझाने में आसानी हो जाये |

सबसे पहले है फेंस्टन (निकू मोंटीकु) जो एक बैंकर है | यह विश्वप्रसिद्ध चित्रों का चाहने वाला है | इसकी बैंक उन लोगों को कर्ज देती है जिनके पास प्रसिद्ध चित्रों का खजाना है | जाहिर है ऐसे लोग पुश्तैनी अमीर होते है लेकिन एखादी पीढ़ी ऐसी निकल आती है जो इस पुश्तैनी तामझाम को संभाल नहीं पाती | परिणाम , ऐसे लोग कर्जबाजारी हो जाते है | फेन्स्टन की बैंक ऐसे ही लोगो को चुनकर कर्ज देती है | बैंक कर्जदार को कर्ज वापसी के लिए तब तक परेशां नहीं करती जबतक उनका कर्जा बहुत न बढ़ जाये | उसके बाद वह कर्ज लेनेवाले व्यक्ति को क़त्ल करवा देता है ताकि उसकी सारी जायदाद नीलामी के आड़ में हड़प सके |

फेन्स्टन के लिए कत्ल करनेवाली उस कातिल का नाम है – क्रान्त्झ |

जो पहले किसी तानाशाह राजकीय नेता की अंगरक्षक हुआ करती | उसके देश से निकाले जाने के बाद अब वह फेन्स्टन के लिए काम करती है | लेखक ने क्रांत्झ का वर्णन बखूबी किया है | जैसे की उसकी शारीरिक भाषा ,कदकाठी ,सोच , काम करने का तरीका ई. | यह भी आप जरूर पढ़े की क्यों उसने रसोईघर में काम आने वाली छुरी को अपना हत्यार बनाया ?

फेन्स्टन के लिए काम करने वाला अगला व्यक्ति है – लिपमन | लिपमन फेंस्टन का राईट हैण्ड है | फेंस्टन के बाद ऑफिस में लिपमन का ही राज चलता है लेकिन फिर क्यों लिपमन का नाम किसी भी ऑफिस कर्मचारी के रूप में दर्ज नहीं है ? उसको ऑफिस की तरफ से कोई भी वेतन नहीं मिलता ? यह मत समझिये की वह फेंस्टन का कोई रिश्तेदार है | ऐसा बिलकुल भी नहीं है | फिर क्या वजह हो सकती है की लिपमन इसतरह ऑफिस में काम करता है | लिपमन का यह राज जरूर पढ़े |

फेन्स्टन के लिए ही काम करनेवाली अगली व्यक्ति है – फेन्स्टन की सेक्रेटरी टीना…….

टीना के केबिन में एक बटन है जिसे दबाते ही फेन्स्टन के केबिन में क्या चल रहा है और वहां क्या बाते हो रही है ? यह सब वह देख और सुन सकती है | वह फेन्स्टन के कंप्यूटर में से सारे दस्तावेज भी कॉपी कर लेती है | वह ऐसा क्यों कर रही है ? क्योंकि बॉस के साथ इमानदार रहना हर एम्प्लोयी का कर्तव्य होता है | तो ऐसा करने के पीछे उसका कौन सा कारण है ?

फेन्स्टन के बैंक में और एक कर्मचारी है जिसका नाम है – “Ana”

ऍना ही इस कहानी की नायीका है | कर्जदार लोगो के संग्रह की कितनी कीमत हो सकती है | इसका ब्योरा तैयार करना ऍना का काम है | कम करते – करते उसे यह बात समझ में आती है की फेन्स्टन अपने कर्जदारों को धोका देता है | इस बार ऍना जिस का केस हँडल कर रही है वह है “विक्टोरिया वेंटवर्थ” | इनके संग्रह में विश्वप्रसिद्ध चित्रकार द्वारा बनाई गयी पेंटिंग “सेल्फ पोर्ट्रेट विथ बैंडेज इअर” है | जिसे फेन्स्टन ठगी से हासिल करना चाहता है | ऍना, विक्टोरिया वेंटवर्थ को मिलकर यह बताना चाहती है की , “वह ये पेंटिंग बेचकर अपना सारा कर्जा चूका सकती है और साथ में अपनी बाकि की इस्टेट भी बचा सकती है |” इसीलिए वह लंडन जाना चाहती है जहाँ वेंट वर्थ एस्टेट है | ऍना का ऑफिस न्यूयॉर्क के प्रसिद्ध ट्विन टावर के नार्थ बिल्डिंग में है जिसपर एक हवाई जहाज गिरने की वजह से उस ईमारत का उपरी भाग गिर जाता है | ऍना उस समय वही पर होती है | उसके अच्छे भाग्य के चलते वह बच जाती है | फेन्स्टन और लिपमन को लगता है की वह मर गयी | वह दोनों ऍना की तरफ से बेफिक्र हो जाते है | ऍना इसी का फायदा उठा कर लंडन पहुँच जाती है | यही से ऍना का द्विअर्थी प्रवास शुरू हो जाता है | एक तो विक्टोरिया वेंटवर्थ की एस्टेट बचाना और दूसरा फेंस्टन का सारा सच सामने लाना |

ऍना के लंडन पहुँचने के दो दिन पहले यानि के वर्ल्ड ट्रेड सेण्टर पर होने वाले हमले के एक दिन पहले ही क्रांत्झ , विक्टोरिया का क़त्ल कर देती है | फेन्स्टन की कंपनी में काम करने के कारण अमेरिका की पुलिस का एजेंट “जैक” ऍना पर संदेह करता है की वह फेन्स्टन के अपराधो में शामिल है | उसे बाद में पता चलता है की ऍना अच्छाई के लिए काम करती है | इसी के चलते वह व्हेनगोग का असल चित्र ताकाशी नाकामुरा को बेचकर , उसकी नक़ल अपने पुराने मित्र से बनवाकर वेंटवर्थ एस्टेट में रख देती है | उसकी अच्छाई के कारण उसको जैक जैसा जीवनसाथी , ऍराबेला वेंटवर्थ और टीना जैसी सहेली और नाकामुरा के ऑफिस में एक उच्च पद की नौकरी मिलती है |

ऍना , ऍना के पिता , फेंस्टन ,क्रांत्झ यह चारो एक ही देश से है | यह चारो एक दुसरे के साथ कैसे जुड़े है ? इन चारो को जोड़ने वाला व्यक्ति कौन है ? यह भी आप किताब में जरूर पढ़े ! बहुत ही उम्दा किताब !

जो लोग अच्छे चित्रों के पारखी है | वह इस उपन्यास के विषय में एक बार डुबकी जरूर लगाये…………. सिर्फ कहानी भी पढ़नी है तो भी किताब बहुत अच्छी है |

धन्यवाद !

wish you happy reading……..

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