ASTITVA BOOK REVIEW SUMMARY IN HINDI
अस्तित्व सुधा मूर्ति द्वारा लिखित रिव्यु – यह कहानी दूरदर्शन पर प्रसारित हुई है और खासी प्रचलित भी हुई है | इसी कहानी का हिंदी अनुवाद “द्वंद्व” नाम
अस्तित्व सुधा मूर्ति द्वारा लिखित रिव्यु – यह कहानी दूरदर्शन पर प्रसारित हुई है और खासी प्रचलित भी हुई है | इसी कहानी का हिंदी अनुवाद “द्वंद्व” नाम
सांजवात वि. स. खांडेकर द्वारा लिखित रिव्यु – यह किताब पुरे पांच साल बाद प्रकाशित हुई थी | बहुत सारे साहित्यिको एवं विचारवन्तो को लगा की खांडेकर की
मनोरमा मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित रिव्यू – यह प्रेमचंद द्वरा लिखा एक सामाजिक उपन्यास है | इसके लेखक है – मुंशी प्रेमचंद प्रकाशक है – डायमंड पॉकेट बुक्स प्रा. लिमिटेड
परिणीता शरदचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखित रिव्यु और सारांश – किताब छोटी सी है इसलिए रिव्यु और सारांश एकसाथ दे रहे है | यह किताब प्रसिद्ध लेखक शरदचंद्र चट्टोपाध्याय
प्रेमा मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित रिव्यू – प्रस्तुत उपन्यास एक प्रेमकहानी है |मुंशी प्रेमचंद इनके उपन्यास हमे स्वातंत्र्य पूर्व भारत मे लेकर चलते है | तब की
बारी रणजीत देसाई द्वारा लिखित रिव्यू – प्रस्तुत किताब के लेखक 19 वी सदी के प्रसिद्ध लेखकों मे से एक रहे है | कादंबरी या कहे नॉवेल लिखने
सूर्यास्त वि. स. खांडेकर द्वारा लिखित रिव्यू – यह वि. स. खांडेकर द्वारा लिखित एक कथासंग्रह है | यह 19 वी सदी के मराठी के दिग्गज लेखकों मे
असंही एक रुख्मिणीहरण डॉ. बं. न. जाजू द्वारा लिखित रिव्यू – लेखक की यह चौथी किताब है | लेखक इंजीनियरिंग के प्रोफेसर है | 1966 से उन्होंने अलग
सोनसाखळी साने गुरुजी द्वारा लिखित रिव्यू – बहिणभाऊ ,सोनसाखळी ,दगडफोड्या , मुले म्हणजे देवाची ठेव , खरा भक्त , सदिच्छेचे सामर्थ्य ,शब्दावरून पारख करावी | सोनसाखळी यह सानेगुरुजी
फटकेवाली संयम बागायतकर द्वारा लिखित फटकेवाली इस किताब की पात्र आपको सीधे अंदमान के जंगलों से निकलकर मुंबई जैसे शहर में मिलेंगी | साथ में अपने साथ