BHARTIYA SENA..BOOK REVIEW IN HINDI

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भारतीय सेना के शूरवीरो की शौर्यगाथाए

बाई – शिव अरूर और राहुल सिंह

रिव्यू –

चाह नहीं, मैं सुरबाला के गहनों में गुथा जाऊ |

चाह नहीं, प्रेमिमाला में बिंध प्यारी को ललचाऊ |

चाह नहीं ,सम्राटो के शव पर , हे हरी ! डाला जाऊ |

चाह नहीं ,देवो के सर पर चढू | भाग्य पर इठलाऊ |

मुझे तोड़ लेना वनमाली , उस पथ पर देना तुम फेंक |

मातृभूमि पर शीश चढाने ,जिसपर जावे वीर अनेक |

यह माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा रचित “पुष्प की अभिलाषा” यह कविता है जो प्रस्तुत पुस्तक पर एकदम सटीक बैठती है | जब भी मैं जन्म – जन्मान्तर के चक्र से गुजरू और जब भी एक फुल बनकर जन्म लू तो मैं भी उसी राह पर फेका जाऊ जिस रास्ते पर से मातृभूमि पर जान लुटाने देश के जवान जाते है |

गर्व से भर देने वाली और मन में कई सारे विचारों को जन्म देने वाली

इस किताब के लेखक है शिव अरूर और राहुल सिंह |

प्रकाशक – प्रभात प्रकाशन |

पृष्ठ संख्या – ३२७

उपलब्ध भाषा – हिंदी

अमेज़न और किनडल पर उपलब्ध है |

लेखको ने ही किताब के परिचय में इतना कुछ लिख दिया की अब हमारे लिखने के लिए कुछ भी नहीं बचा | फिर भी इस किताब के बारे में जो कुछ भी महसूस किया , जिन जवानो के बारे में जाना उसके बारे में थोडा बहुत आप लोगो के साथ साझा करना चाहते है | इन सैनिको की बहादुरी , साहस , देश पर मर मिटने की तयारी , उनका जज्बा , वह क्या है जब वह लड़ाई के मैदान में होते है तो वह अपना परिवार , सारा सुख – दुःख भुलाकर सिर्फ और सिर्फ अपने मातृभूमि की रक्षा करते है | इनका जवाब लेखको ने बहुत सारे सैनिको के साक्षात्कार के माध्यम से देने की कोशिश की है | आप यह किताब जरूर – जरूर पढ़े ताकि आप अपने असली नायको ( हीरो ) के बारे में जान सके |

देश के सैनिक हमेशा से ही हमारे लिए सुपर हीरो रहे है | देश की सेवा करने का उनका जूनून और उनकी ट्रेनिंग उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से इतना मजबूत बना देती है की वह हम आम इंसानों के लिए हीरो बन जाते है |

हमारी मन से इच्छा है की आप इन नायको के बारे में जाने जिनकी वजह से हम अपने घरो में सुख – चैन से रह पाते है | अपनों के साथ हर त्यौहार मना पाते है वही दूसरी ओर इन सैनिको के परिवार उनकी राह तकते है या फिर उनके बिना ही त्यौहार मना लेते है लेकिन उनका जश्न इन सैनिको के बगैर फीका होता है |

जितने तारीफ के काबिल सैनिक है उतने ही तारीफ के काबिल उनके परिवार है क्योंकि शहीद होने के बाद परिवार को तो उनके बगैर ही जीना होता है |

स्पेशली , उनकी पत्नियाँ , उनकी हिम्मत के तो क्या कहने …….

उनकी हिम्मत को हमारा शत – शत नमन…..

इसी के साथ आइए जानते है इस किताब का सारांश –

प्रस्तुत पुस्तक सच्ची कहानियो पर लिखी गई है | किताब में पहले दो सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बताया गया है उनमे से एक “उरी” में किया गया सर्जिकल स्ट्राइक है | उसके बाद उन जवानो के दिलेरी और साहस के किस्सों के बारे में लिखा है जो अभी सैन्य इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखे है | इसमें उन सैनिको की सूझ – बुझ , टीम को लीड करने की शक्ति और बद से बदतर परिस्थितियों में जीत कैसे हासिल की इसके बारे में लिखा है |

इस किताब में उन सैनिक का भी किस्सा है जो छः दिन बर्फ में रहने के बाद भी जिन्दा बच गए थे | जो किस्सा सोशल मीडिया पर छाया था | जिनकी जिंदगी के लिए पुरे देश ने प्रार्थना की थी |

इसमें बताया गया की सियाचिन में सैनिको का सबसे बड़ा दुश्मन वहां का मौसम होता है | सैनिको के लिए “शांतिकाल” नाम की कोई चीज नहीं होती | वे हमेशा ही जंग के मैदान के जैसी परिस्थिती में रहते है | वे लोग तो अपना फर्ज वहां निभाते ही है |

आइये , आज से हम भी अपनी प्रार्थनाओं में उनकी सलामती और उनके परिवार के लिए भगवान से हिम्मत मांगे | खुदके लिए तो हमेशा माँगते ही रहते है |

देश के सैनिको को हमारा शत – शत नमन !

धन्यवाद !

Wish you happy reading………….*/

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