BE CAREFUL WHAT YOU WISH FOR REVIEW

द क्लिफ्टन क्रोनिकल्स – पार्ट 4

बी केयर फूल व्हाट यू विश फॉर

इस अप्रतिम किताब के लेखक है – जेफ्री आर्चर

मराठी अनुवाद – लीना सोहोनी

प्रकाशक – मेहता पब्लिशिंग हाउस

पृष्ठ संख्या – 414

उपलब्ध – अमेजन , किन्डल

       यह क्लिफ्टन क्रोनिकल्स का चौथा भाग है | सेबेस्टीयन को मारने के लिए मार्टीनेझ ने जो जाल बिछाया था उसमे वह सफल हो जाता है | इसी के चलते जब एमा को अस्पताल मे लाश की शिनाख्त करने बुलाया जाता है तब के प्रसंग का वर्णन आप के रोंगटे खड़े कर देगा | विजुअल इफेक्ट मे ऐसा होना एक अलग बात है लेकिन सिर्फ शब्दों के जरिए लोगो को ऐसा एहसास दिलाने का हुनर बहुत कम लेखकों के कलम मे होता है | 

      जेफ्री आर्चर उनमे से एक है | इसीलिए वह हमारे चहेते लेखकों मे से एक है और अनुवादक लीना सोहोनी , इनके क्या कहने …. | मूल किताब के भाव को जस का तस अपने भाषांतर द्वारा लोगों तक पहुचाना , यह भी उनका एक हुनर ही है | उनको हमारा बहुत – बहुत धन्यवाद की उनकी वजह से यह किताबे पढ़ने के लिए उपलब्ध हो पायी |

      इस किताब की कहानी मे मार्टीनेझ अपना बदला लेने के लिए क्लिफ्टन और बॅरिंगटन परिवार के पीछे पडा है | वह इनकी बर्बादी के लिए किसी भी हद तक जा सकता है | इसलिए वह हर उस व्यक्ति , परिस्थिति , चीज का इस्तमाल करना चाहता है जो इनकी बर्बादी के काम आ सकती है | इसमे उसका साथ देते है फिशर और गाइल्स की पहली पत्नी लेडी व्हर्जिनिया लेकिन वह कहते है न की जिसका रखवाला भगवान हो उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता | 

      ऐसे तीन लोग क्लिफ्टन और बॅरिंगटन परिवार की जिंदगी मे आते है | यह सारे लोग मिलकर मार्टीनेझ को कैसे हैन्डल करते है | यह आप किताब पढ़कर जरूर जानिए | 1920 से शुरू हुई कहानी अभी 1960 तक पहुँच चुकी है | एमा के पूर्वजों ने स्थापित की हुई कंपनी को वह चेयरमैन बनकर संभालना चाहती है | इसके पहले रॉस बुखानन कंपनी के चेयरमेन रहते हुए एक गलत निर्णय लेते है | सारे बोर्ड मेम्बर उनके इस निर्णय से सहमत रहते है सिर्फ एमा ही इस निर्णय के खिलाफ रहती है | रॉस के चेयरमेन रहते हुए , मार्टीनेझ कंपनी को डूबाने के लिए अलग – अलग षड्यन्त्र रचता है | 

     इस वजह से कंपनी को बहुत बडा नुकसान पहुंचता है | रॉस को लगता है की उनके गलत निर्णय के कारण यह सब हुआ | इसलिए वह एमा को चेयरमेन पद के लिए वोट देकर ,अपने पद से इस्तीफा देते है | प्रस्तुत किताब की कहानी मे बॅरिगटन शिपिंग कंपनी की उलाढाल केंद्रस्थान पर है | इसमे वह एक प्रवासी जहाज बनाने का कान्ट्रैक्ट किसी दूसरी कंपनी को देते है | 

     इसी के चारों ओर यह कहानी गुथी हुई है | इसीलिए शायद किताब के मुखपृष्ठ पर भी जहाज की तस्वीर दिखाई गई है | इसमे एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी किस तरह काम करती है | उसके शेयर होल्डर्स और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का कंपनी मे क्या रोल होता है | यह आप बखूबी जान पाओगे | वक्त के साथ सबकी तरक्की होती है | गाइल्स अभी संसद सदस्य से कैबिनेट मंत्री बनने वाला होता है |

      सारी मुश्किलों के बावजूद वह जहाज बनकर तैयार हो जाता है | उसकी फर्स्ट राइड करने के लिए क्लिफ्टन और बॅरिंगटन परिवार के सारे सदस्य , कंपनी के सारे डायरेक्टर्स , एमा , हॅरी गाइल्स के ज्यादा से ज्यादा दोस्त और रिश्तेदार सब ने इस जहाज पर अपनी बुकिंग कर ली है | साथ ही इस जहाज पर मार्टीनेझ के कुछ प्यादे है जिन्होंने एक ट्रंक के अंदर रखे उस घड़ी के स्विच को ऑन कर दिया है जो कुछ ही घंटों मे जहाज को नष्ट कर देने वाली है | अब जहाज पर सब लोग आराम की नींद ले रहे है और घड़ी का कांटा चल रहा है | कुछ ही देर मे पूरा जहाज नष्ट हो जाएगा | क्या कोई बच पाएगा ? जानने के लिए पढिए क्लिफ्टन क्रोनिकल्स की इस सीरीज को ………..|

    आप को हमारे द्वारा लिखा यह रिव्यू और सारांश कैसा लगा ? यह आप हमे कमेन्ट मे जरूर बताए | अगर आप ने यह किताब पढ़ी है तो , आप के इस किताब के बारे मे क्या विचार है ? इसका अंग्रेजी वर्जन अच्छा है की मराठी ? और कौन से लेखकों की किताबे आप को अच्छी लगती है ? आप को सारांश बुक ब्लॉग पर और कौन सी क्लासिक बुक का रिव्यू चाहिए ? इसके बारे मे भी आप हमे जरुर बताए | इंडिया अभी अंग्रेजी बोलने वालों मे दूसरे नंबर पर है | 

       कही ऐसा न हो की हमारी आने वाली पीढ़िया सिर्फ अंग्रेजी और उससे जुड़े चीजों को ही याद रखे | सारांश बुक ब्लॉग के माध्यम से हम हिन्दी और उससे जुड़े साहित्य को जीवित रखना चाहते है | आइए हमारे साथ जुड़िये ताकि हम ऐसी ही अच्छी किताबों के माध्यम से आप तक ज्ञान को पहुंचते रहे | किताबे ही है जो हमारे विचारों को परिपक्व बनाती है जिससे हम अपनी निजी और व्यावहारिक जिंदगी मे कामयाब हो सकते है |

हमसे जुडने के लिए सारांश बुक ब्लॉग को सबस्क्राइब कीजिए | हमारे फेस्बूक पेज को लाइक कर सकते है | इंस्टाग्राम पे फॉलो कर सकते है |

धन्यवाद !

Wish you happy reading………………………|  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *