बहिर्जी
स्वराज्याचा तीसरा डोळा
ईश्वर त्रिम्बकराव आगम द्वारा लिखित
रिव्यू –
सबसे पहले तो बता देते है की बहिर्जी कौन थे ? सत्यता अगर परखी जाए तो उनका व्यक्तिमत्व इतना ऊंचा था की उसे शब्दों मे बयां नहीं किया जा सकता | जिस स्वराज्य के कारण छत्रपती शिवाजी महाराज को लोग दुनियाभर मे जानते है उसी स्वराज्य के जासूसी खाते के प्रमुख “बहिर्जी नाईक” थे | उनका असली नाम बहिर्जी जाधव था | वह कदकाठी से मजबूत थे और बहुरूपिया का खेल दिखाकर अपना जीवन यापन करते थे | अपनी बहादुरी और हुशारी की वजह से वह स्वराज्य के जासूसी खाते के “नायक” याने के “नाईक” बन गए | यह पदवी उन्हे शिवाजी महाराज की माँ ने दी थी | तभी से वह बहिर्जी जाधव से बहिर्जी नाईक जाधव हो गए | उन्हे स्वराज्य की तीसरी आँख भी कहते थे | उन्ही की लाई जानकारी के अनुसार छत्रपती शिवाजी महाराज अपनी योजना बनाते थे और लगातार सफलता हासिल करते थे | हालकी , यह बात जगजाहिर है की शिवाजी महराक उनके पास उपलब्ध जानकारी और चीजों का अच्छे से उपयोग करने मे माहिर थे | वे हर व्यक्त हमेशा चौकन्ना रहा करते तभी तो उन्होंने इतने सारे अभाव मे भी स्वराज्य निर्माण किया | प्रस्तुत किताब के लेखक है – ईश्वर त्रिम्बकराव आगम |
प्रकाशक और पृष्ठ संख्या नहीं दी है | यह शायद ई -बुक है | किताब मराठी भाषा मे है | यह किन्डल पर उपलब्ध है | इसमे पूरे 10 अध्याय है जैसे की झूँज ,दवंडी ,वाघाची शिकार ……निशानाचा हत्ती ई. | आईये , इसी के साथ देखते है इसका सारांश ……………..
सारांश –
इस किताब की कहानी तब से शुरू होती है जब बहिर्जी 15 साल के थे तब उन्होंने बैल – पोला के दिन एक बिगड़ैल बैल को अपने काबू मे किया था और बहुत सारे लोगों की जान बचाई थी | उनका यह कारनामा शिवाजी महाराज को भी पता चल गया | उन्होंने बहिर्जी को पुणे के लाल – महल मे आने के लिए कहाँ | शिवाजी महाराज तब छोटे बच्चे ही थे और पुणे के लाल -महल उनका निवास – स्थान था | वह स्वराज्य निर्माण की तैयारी कर रहे थे | बहिर्जी ने लल – महल पहुँचने के पहले बहुत सारे बदमाश जंगली जानवरों का शिकार किया | अब यह क्यों और किसलिए ? यह आप किताब पढ़कर जानीये | 15 साल के बहिर्जी का नाईक बनने का सफर यहाँ अध्याय दर अध्याय आप को देखने को मिलेगा | किताब तब खत्म होती है जब शिवाजी महाराज , अफजल खान से मिलने वाले रहते है | उसके पहली ही रात को बहिर्जी , शिवाजी महाराज को एक ऐसी चीज देते है जिसे देखकर उनके आँखों से आँसू निकल पड़ते है | आखिर वह चीज है क्या ? यह आप किताब पढ़कर जरूर जानिए जिससे इतिहास का वह प्रसंग फिर से आप की याददाश्त मे ताजा हो जाए जिसे आपने बचपन मे स्कूल मे पढा था | शिवाजी महाराज और उनसे जुड़े व्यक्तियों के बारे मे जानने के लिए पढ़ते रहिए – सारांश बुक ब्लॉग्स क्योंकि इनसे जुड़ी बहुत सारी किताबे हम आप के लिए लेकर आने वाले है और कुछ तो हमारी साइट पर उपलब्ध भी है | तो आप उनको पढ़ने का मजा लीजिए |
धन्यवाद !
Wish you happy reading…………|