अस्तित्व – काल का रहस्य
चंद्रप्रकाश पांडेय द्वारा लिखित
रिव्यू –
क्या कभी कोई अपना भविष्य जान सकता है ? पुराने लोगों का विश्वास था कि प्राचीन और गूढ विद्याओ के माध्यम से यह मुमकिन है | इसका बहुत ही प्रचलित उदाहरण है “नास्त्रेदमस” जिन्होंने अपने जन्म के 400 सालों बाद तक की भविष्यवाणीयां की थी लेकिन यह कुछ ही लोगों तक सीमित था |
पर क्या यही सारी चीजे विज्ञान के धरातल पर पॉसिबल है जैसा कि आइंस्टीन की थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी कहती है कि हम समय में ट्रेवल कर सकते हैं ताकि हम हमारा भूत , भविष्य जान सके ! बस इसी कॉन्सेप्ट पर बेस है प्रस्तुत किताब का विषय ..
जिसमें क्षितिज नाम का रिसर्च स्कॉलर भविष्य देखने वाले क्लोन का निर्माण करना चाहता है | वह इसमें कामयाब भी होता है लेकिन उसका यह रिसर्च दुनिया के सामने आए उसके पहले ही वह कत्ल कर दिया जाता है |
उसको उसके मौत के बारे में पहले ही पता चल जाता है | वह अपना भविष्य देख लेता है क्योंकि वह समय के कांसेप्ट को सुलझा लेता है | इसीलिए काल या कहे समय उससे खुद बात करता है फिर भी वह होने वाली कोई घटना बदलना नहीं चाहता क्योंकि इससे दूसरो के जीवन में घटनेवाली घटनाएं उलट-पुलट हो जाएगी |
इसीलिए वह होने वाले घटनाओं को होने देता है | वह यह भी कहता है कि उसका पुनर्जन्म होगा | इस तरह विज्ञान के साथ-साथ इसमें पुनर्जन्म ,भूत – प्रेत ,आत्मा का भी कॉन्सेप्ट उपयोग में लाया गया है | किताब बहुत ही दिलचस्प है | रहस्यों से भरी है | पन्ना दर पन्ना नए रहस्य उद्घाटित होते रहते हैं | कहानी पूरे वक्त आपको किताब से चिपकाए रखती है |
ऐसे इस हॉरर , थ्रिलर , साइंस फिक्शन किताब को जरूर पढ़िएगा | इस बेहतरीन किताब के –
लेखक है – चंद्र प्रकाश पांडेय
पृष्ठ संख्या – 449
लेखक के बाकी किताबों की तरह ही इसकी भी कहानी अधूरी ही है जैसे कि अवंतिका , विषकन्या , रक्ततृष्णा इत्यादि | इनका भी रिव्यू और सारांश हमारी वेबसाइट “सारांश बुक ब्लॉग” पर उपलब्ध है | इन्हे भी एक बार जरूर पढ़िएगा | इसी के साथ देखते है इसका –
सारांश –
एक अंधेरी तूफानी रात में चार लोग एक 20 से 25 साल के नवयुवक का कत्ल कर देते हैं | फिर उसे सर विहीन कर देते है | मरनेवाले लड़के का नाम “क्षितिज” है और मारनेवालों में से एक का नाम “आर्यन” है | दूसरे सीन में क्षितिज के 60 साल के प्रोफेसर के पास एक युवक आता है | वह क्षितिज का मित्र है | उससे एक छोटे बच्चे और क्षितिज के थीसिस को प्रोफेसर तक पहुंचाने के लिए कहा गया था |
क्षितिज को मारने के बाद आर्यन ने तान्या को फोन कर के क्षितिज के थीसिस के बारे में पूछा लेकिन उसे कुछ भी हासिल नहीं हुआ | अब उपयुक्त सारी घटनाओं के बाद , कहानी 20 साल आगे बढ़ चुकी है |
“शैल” नाम के एक युवा की शिकागो के शैक्षणिक सेमिनार में “यथार्थ” नाम के युवक से भेंट होती है | उसके मोबाइल में क्षितिज की फोटो है | भारत वापस आने पर शैल का जबरदस्त बाइक एक्सीडेंट हो जाता है | उसमें उसके जिगरी दोस्त की जगह पर ही मौत हो जाती है | शैल की भी हालत बहुत अच्छी नहीं |
उसका ब्रेन डेड हो चुका है परंतु किसी चमत्कार के जैसे उसके ब्रेन फंक्शन फिर से शुरू हो जाते हैं | उसे अपनी पिछली जिंदगी याद नहीं | वह खुद को “क्षितिज” की यादों से जुड़ा हुआ पाता है | वह ऐसे शहर का नाम बताता है जहां वह कभी गया ही नहीं |
उसका ट्रीटमेंट करनेवाले “डॉक्टर रेहान” उसके ब्रेन के इस बिहेवियर से अचंभित है | पर न जाने क्यों ? वह बीच में ही उसका ट्रीटमेंट अधूरा छोड़कर कहीं गायब हो जाते हैं | अब शैल को एक पत्र मिलता है | इस पत्र के अनुसार उसे “डगसाई” के एक चर्च में बुलाया जाता है |
जहां क्षितिज की पूर्व प्रेमिका “मरियम उर्फ कविता ” उसका पिछले 21 सालों से इंतजार कर रही है | वहां पहुंचने पर उसे पता चलता है कि वह लेटर मरियम ने नहीं भेजा था | लेटर भेजनेवाली मरियम नहीं तो फिर कौन है ? इसका भी जवाब उसे खोजना है |
डगसाई के उस चर्च के पीछे एक पागलखाना है | वहाँ एक रात , एक पागल का कत्ल हो जाता है | उसके अगले दिन पता चलता है कि उस कोठरी में एक 80 साल के प्रोफेसर को रखा गया था लेकिन कत्लवाली रात उसकी जगह पर “प्रोफेसर आर्यन दीक्षित” को रखा गया था | उसी की हत्या हुई है |
आर्यन के गुमशुदा होने की रिपोर्ट , एक दिन पहले ही आर्यन के पत्नी ने लिखवाई थी | आर्यन के कत्ल की पूछताछ में पुलिस को “तान्या” के बारे में पता चलता है | छानबीन के बाद उन्हें पता चलता है कि जिस रात क्षितिज की हत्या हुई थी | उसी रात तान्या की भी हुई थी | तान्या को अभी तक मुक्ति नहीं मिली | उसकी आत्मा अभी तक भटक रही है और अपने कातिल की तलाश मे है | इसी तान्या की आत्मा डगसाई आते वक्त शैल को कार में मिलती है |
तान्या का खंडहर बना घर भी पागलखाने के आसपास ही है | कत्लवाली रात पागलखाने के चौकीदार और बाकी लोगों ने अचानक सर्द ठंड महसूस की जैसे क्षितिज ने कार में महसूस की थी जब तान्या की आत्मा उसके पास मौजूद थी | तो क्या आर्यन की कातिल तान्या है ? पर यह कैसे हो सकता है ? आर्यन तो तान्या से प्यार करता था | अगर तान्या नहीं तो फिर कौन हो सकता है ? डॉक्टर रेहान ? जिसने यह अदला-बदली की थी |
एक दिन बदहवास डॉक्टर रेहान , डगसाई के चर्च में आकर मरियम को बताता है कि “डॉक्टर शक्तिस्वरूप सिंघानिया” वापस आ चुका है | यह सुनकर मरियम के तो होश ही उड़ जाते हैं और तभी से कहानी फ्लैशबैक में शुरू होती है जिससे आपको सारी कहानी समझ में आ जाएगी |
20 साल पहले की कहानी मे “क्षितिज” फिजिक्स का रिसर्च स्कॉलर है | इसी रिसर्च में उसके साथ है – आर्यन ,तान्या और तीन लोग | क्षितिज की थीसिस सबसे अलग है | उसके प्रोफेसर के अलावा वह किसी को नहीं मालूम | यह पांचों जी – जान से कोशिश करते है की उसकी थीसिस के बारे मे कुछ तो पता चले लेकिन कामयाब नहीं हो पाते |
क्षितिज , तान्या से बहुत ही चिढ़ता है फिर भी वह थीसिस को पाने के चक्कर मे उसीसे चिपकी रहती है | क्षितिज का रूममेट है “रेहान”| वह एमबीबीएस के बाद “न्यूरोसर्जरी” की पढ़ाई कर रहा है | क्षितिज धनवान घर का लड़का है | इसलिए रेहान की मदद करते रहता है | दोनों क्लोज फ्रेंड है | रेहान की मदद से ही क्षितिज को कविता मिलती है | कविता इंग्लिश लिटरेचर की स्टूडेंट है | यह तीनों एक ही यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं |
वक्त के साथ कविता , क्षितिज को पसंद करने लगती है | कविता बहुत ही खूबसूरत और सुलझी हुई लड़की है | हर लड़का उसके पीछे पागल है | इसी में शामिल है जेनेटिक साइंटिस्ट शक्तिस्वरूप सिंघानिया .. लेकिन वह कविता के पिता का मित्र है | वह उन्हीं की उम्र का है | उसकी कविता पर बुरी नजर है |
जब उसे पता चलता है कि कविता , क्षितिज से प्यार करती है तो उसका क्षितिज को मारने का इरादा और पक्का हो जाता है क्योंकि वह क्षितिज के थीसिस को देखकर भी डर जाता है | क्षितिज की यह थीसिस उससे उसका सब कुछ छीन सकती है | यहां तक की उसका पैसा ,पावर और पोजीशन भी..
क्षितिज की खोज के कारण लोग उसे सर आंखों पर बिठा सकते हैं | क्षितिज के शोध के आगे उसके प्रोजेक्ट का कुछ भी महत्व नहीं | इससे डरकर वह क्षितिज की हत्या करने का फैसला करता है | वह कविता के घर को आग लगा देता है | कविता को चर्च में शरण लेनी पड़ती है |
शक्ति स्वरूप सिंघानिया उसे लेने चर्च में आता है ताकि वह कविता को अपने साथ अमेरिका ले जा सके | पर रेहान ऐन वक्त पर कविता को बचाने आ जाता है | तभी रेहान को शक्तिस्वरूप सिंघानिया की गाड़ी में एक बैग दिखती है |
उसमें जो है | उसे देखकर वह सन्न रह जाता है | वह नहीं चाहता की कविता उस चीज को देखे | वह चीज शक्तिस्वरूप सिंघानिया के लिए बहुत ही जरूरी है | इसीलिए सिंघानिया ,कविता को छोड़कर बैग लेकर भाग जाता है |
इसी सवाल का जवाब कविता , रेहान से 21 साल बाद भी मांगती है | जिसका जवाब सिर्फ रेहान के अलावा किताब में भी नहीं | हमें लगता है कि उस बॅग में क्षितिज का कटा हुआ सर था क्योंकि उसकी सर कटी लाश चर्च के पास के घाटी में मिली थी |
उसका सर शक्ति स्वरूप सिंघानिया के लिए इसलिए जरूरी रहा होगा क्योंकि क्षितिज ने मरने से पहले उसके अंडरग्राउंड हाइटेक लैब का कोड बदल दिया था जो की नामुमकिन सा काम था | शक्ति स्वरूप सिंघानिया सोच रहा होगा कि वह क्षितिज के ब्रेन का एनालिसिस कर के लैब का कोड पता करेगा या फिर क्षितिज के ब्रेन का क्लोन तैयार करेगा जिससे उसकी लैब डिकोड हो जाए !
आपको क्या लगता है ? अपना जवाब हमें कमेंट में जरूर बताइएगा | बहुत ही अच्छी किताब है | किताब को जरूर पढ़िएगा | तब तक पढ़ते रहिए | खुशहाल रहिए | मिलते हैं और एक नई किताब के साथ | तब तक के लिए ..
धन्यवाद !!!!!!