ANDHERE ME EK CHEHRA BOOK REVIEW

अंधेरे में एक चेहरा
रस्किन बॉन्ड द्वारा लिखित
रिव्यू –
प्रस्तुत किताब के –
लेखक है – रस्किन बॉन्ड
हिंदी अनुवाद किया है – रश्मि भारद्वाज इन्होंने
पृष्ठ संख्या है – 160
प्रकाशक है – राजपाल एंड संस
उपलब्ध है – अमेजॉन और किंडल पर
प्रस्तुत किताब में 28 कहानियां संकलित की है | यह किताब पढ़ कर , हमें पुराने जमाने का टीवी सीरियल का एक गाना याद आ गया जो यह रहा – “आधी आधी रातों के साएSS… में कोई खो न जाए |” हमें याद नहीं आ रहा है की यह कौन सी सीरियल का गाना है | अगर , आपको याद आ जाए तो हमें कमेंट में जरूर बताइएगा |
खैर … , इस गाने की तरह प्रस्तुत किताब के किस्से – कहानियां भूतिया है जो लेखक ने अपने जीवन के अलग-अलग पड़ाव पर लिखे हैं | पता नहीं इसमें से कितने सच और कितने झूठ है क्योंकि एक कहानी में तो उनकी मुलाकात शेरलॉक होम्स के भूत के साथ होती है |
अब यह कैसे मुमकिन है कि वह शेरलॉक होम्स से मिले क्योंकि यह तो एक काल्पनिक पात्र है जो की सच में नहीं हो सकता | इसलिए हमें लगता है कि कुछ कहानियां बनावटी होगी जैसे की उस महिला की कहानी जिसके सात पती थे |जिनको उसने बारी – बारी से मार डाला और अभी उसका भूत पुरानी घोड़ा – गाड़ी में दिल्ली की सड़कों पर घूमा करता है जिससे रस्किन को सतर्क रहने की सलाह मिली है क्योंकि उनकी अकसर भूतों से मुलाकात होती है |
कहानियों से तो ऐसा ही लगता है | जब रस्किन को पता है कि , उनको ऐसे अनुभव होते हैं तो वह बार-बार रात के अंधेरे में ऐसे सुनसान जगह पर क्यों जाते हैं ? क्यों नहीं वह दिन ढलते ही अपने घर लौट आते हैं या फिर उनको डर नहीं लगता ?
लेखक को लोगों के जीवन की कहानीयां सुनना भी अच्छा लगता है | कभी-कभी वह इसके लिए उन लोगों को पैसे भी देते हैं | लेखक का कहना है कि कुछ उनके साथ घटी है , तो कुछ लोगों द्वारा सुनाए गए किस्से है |
कुछ कहानियों में तो भूतों के नाम पर कुछ नहीं बस .., लोगों का डर है ! जो उनको डराता है | लेखक को तो एक ऐसा तालाब पता है जिसमें जलजीव रहते हैं जो इंसानों को चूसकर उनका खोल फेंक देते हैं |
उनका एक दोस्त जिन्न है जिसे काले , खूबसूरत घने लंबे बालोंवाली लड़कियां पसंद आती है | फिर वह उनके शरीर में घुसकर सिर्फ हड्डियां और त्वचा ही बाकी रखता है | बाकी सब खा जाता है |
वैसे तो किताब हॉरर कहानियों का संकलन है पर यह उतनी ज्यादा डरावनी नहीं लगती | लगनी भी नहीं चाहिए | नहीं तो , पढ़ने के बाद सिर्फ भय का संचार मन मे रहेगा | पर इस किताब के साथ ऐसा कुछ नहीं | यह किताब डर के साथ – साथ , मनोरंजन भी करती है |
हमें किताब बहुत पसंद आई | कभी-कभी लिक से हटके भी किताबें पढ़नी चाहिए | इस किताब की कहानियों के बारे में सच्चाई पता करनी हो तो ! शायद , आपको लेखक को ही पत्र लिखना पड़ेगा | रस्किन को मिलनेवाले इन भूतों से मुलाकात करने के लिए प्रस्तुत किताब जरूर पढिए |
तब तक पढ़ते रहिए | खुशहाल रहिए | मिलते हैं और एक नई किताब के साथ | तब तक के लिए …
धन्यवाद !!

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