AKHIRI DAANV REVIEW SUMMARY IN HINDI

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                                         आखिरी दाव

                                                              जेम्स हेडली चेईस  द्वारा लिखित      

रिव्यु –

आज हम पता करेंगे नब्बे से ज्यादा नावेल लिखनेवाले लेखक जेम्स हेडली चेईस के नावेल आखिरी दाव के बारे में | यह एक अपराध जगत पर लिखा हुआ नावेल है | जैसे की इस नावेल का नाम है “आखिरी दाव ” इसी के मुताबिक इस कहानी के सारे पात्र अपने जिंदगी का आखिरी दाव लगाते है | यह नावेल जेम्स हेडली चेईस द्वारा अंग्रेजी में लिखि गई है | इसका हिंदी अनुवाद सबा खान इन्होने किया है |

     इस किताब के प्रकाशक है “ सूरज पॉकेट बुक्स ”| इसका प्रथम संस्करण फेब 2017 में निकला है | इसका आवरण डिजाईन : जय खोहवाल ( स्केच व रंग ), निशांत मौर्य ( सुलेख ) इन्होने किया है | इनकी सारी किताबे amazon .in, flipkart.com, dailyhunt, kindle and other online stores में उपलब्ध है | यह 245 पेज की बुक है |

    लेखक अपराध कथा लेखन में एक नामी हस्ती रहे है | उनकी बुक्स आज भी हातोहात बिक जाती है | उन्होंने लगभग नब्बे के आसपास उपन्यास लिखे है | चेईस ने अपने लेखन शैली से अपने ज़माने में धूम मचा दि थी | उनके इस बढ़ाते प्रभाव से उस ज़माने के प्रसिद्ध साहित्यकार “ जोर्ज ओरवेल ” इन्होने एक लेख लिखकर उनके उपन्यास के परखच्चे उड़ाने की कोशिश भी की थी | चेईस के उपन्यास अमेरिकन पृष्ठभूमि पर आधारित रहते थे पर उनको अमेरिका से वह पाठक वर्ग नहीं मिल पाया जो उनको फ्रांस से मिला |

      वह फ्रांस के चहेते लेखको में से थे | उनके उपन्यास पर सबसे ज्यादा फिल्मे फ्रांस में ही बनी और सफल भी रही | जेम्स हेडली चेईस का जन्म २४ दिसंबर १९०६ को लन्दन में हुआ और उनका निधन ७८ वर्ष की उम्र में ६ फरवरी , १९८५ को स्विट्ज़रलैंड में हुआ | आखिरी दाव यह चेईस द्वारा लिखित one bright summer morning का हिंदी अनुवाद है | यह उपन्यास १९६३ में छाया हुआ था | उनके लिखे उपन्यासों के लिस्ट में इसका न. ३४ है | इस उपन्यास पर बनी फ्रेंच फिल्म “ क्राइम ऑन अ समर मोर्निंग ” एक बहुत ही सफल फिल्म थी | इसके हिंदी अनुवाद में उर्दू भाषा का भी असर दिखाई देता है | तो चलिए पढ़ते है सबा खान की कलम से आखिरी दाव का सारांश ……………

सारांश –

जैसा की मैंने बताया यह कहानी अपराध जगत पर आधारित है तो इसके आधे से ज्यादा पात्र भी वैसे ही है | अपराधी किस्म के ……….

यह कहानी मुख्य तौर से अपराधी जगत का सरगना क्रेमर , जुड़वाँ भाई – बहन रीफ और चीटा क्रमशः , क्रेमर का राईट हैण्ड मो जिगेटी , एक प्रख्यात नाटककार विक्टर डर्मोट और क्रेमर जैसे खूंखार का दुश्मन इंस्पेक्टर डेनिसन इनके इर्द – गिर्द घुमते रहती है |

क्रेमर फ़िलहाल अपना अपराधी जगत छोडके और चार करोड़ डॉलर बटोर के अभी एक अच्छी खासी इज्जतदार और अमीरी भरी जिंदगी जी रहा है | तभी उसका अपराधी जगत का साथी और वकील , क्रेमर के चार करोड़ डॉलर जुए मे हार के आत्महत्या कर लेता है | अब क्रेमर के सामने यह सवाल खड़ा होता है की बाकि की जिंदगी बिना पैसे के कैसे गुजारी जाये | तो फिर से पैसे हासिल करने के लिए वह एक अरबपति की बेटी “जेल्डा” को अगवा करने का प्लान बनाता है | उसके इस काम में उसका दाहिना हाथ मो भी साथ होता है क्योंकि उसे अपने माँ के इलाज के लिए पैसे चाहिए होते है | मो के पास भी ढेर सारे पैसे रहते है पर वह भी उन्हें जुए में हार जाता है | एक बार उसकी अपनी ही बनाई योजना पर काम करते वक्त वह पुलिस के हातो गिरफ्तार हो जाता है | जेल में उसके साथ हुए व्यवहार के कारण वह इतना घबराता है की पुलिस के नाम से ही थर – थर कापने लगता है | फ़िलहाल वह एक फटेहाल जिंदगी जी रहा है फिर भी सिर्फ अपनी माँ के लिए वह क्रेमर के साथ यह आखिरी दाव खेलने के लिए राज़ी हो जाता है |

रीफ और चीटा एकदम जंगली और खूंखार भाई – बहन है | उनकी जेल्डा को अगवा कर ने की साजिश काम कर जाती है | वह विक्टर डर्मोट को जेल्डा के पिता के पास फिरौती के पैसे लेने भेजते है | विक्टर एक शरीफ शहरी है | वह यह काम करने के लिए इसलिए राज़ी हो जाता है क्योंकि उसकी बीवी और बच्चा रीफ ,चीटा और मो के कब्जे में है |

      योजना के बीच में ही क्रेमर की हार्ट अटैक से मौत हो जाती है तो मो को चीटा मार देती है | तो अभी सारे पैसो के मालिक रीफ और चीटा है | तो क्या यह दोनों पैसा लेकर आराम की जिंदगी जी पाते है ? इसमें इंस्पेक्टर डेनिसन का रोल है ? वह इस केस को सुलझाता है या नहीं ? विक्टर डर्मोट अपने बीवी ,बच्चे को जिन्दा देख पाता है या नहीं ? इन सारे सवालो के जवाब पाने के लिए यह उपन्यास जरूर पढ़िए |

     इस किताब का मुखपृष्ठ कहानी के हिसाब से एकदम सार्थक लगता है | पढ़ते वक्त ऐसा लगता है हम कोई फिल्म ही देख रहे हो | मैंने इस तरह का नावेल पहली बार पढ़ा है | जिन लोगो को ऐसा नावेल या ऐसी कहानिया अच्छी लगती है उनके लिए यह एक अच्छा नावेल है | लेखक की लेखनकला बहुत ही उम्दा है |

    लिखते समय एकदम छोटी – छोटी बातों के बारे में बारीकी से सोचके लिखना एक बहुत ही बड़ा टास्क होता है | यह बुक टीन एजर के लिए नहीं है |

धन्यवाद!

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