KABRISTAN KA SHADYANTRA BOOK REVIEW

कब्रिस्तान का षड्यंत्र
ओम प्रकाश शर्मा द्वारा लिखित
रिव्यू –
“कब्रिस्तान का षड्यंत्र” लोकप्रिय लेखक ओम प्रकाश शर्मा हिंदी द्वारा लिखित जासूसी उपन्यास है | उन्हें “जनप्रिय लेखक” के नाम से भी जाना जाता था | वे हिंदी पल्प फिक्शन के एक बहुत ही प्रतिष्ठित लेखक थे, विशेषकर जासूसी और थ्रिलर क्षेत्रों मे | उन्होंने 450 से अधिक उपन्यास लिखे थे और देवकी नंदन खत्री के बाद उन्हें हिंदी के सबसे प्रतिभाशाली जासूसी कथा लेखकों में गिना जाता था |
उनके उपन्यास तेज-तर्रार, रहस्य और रोमांच से भरे होते हैं | इनमें अक्सर उनके लोकप्रिय जासूसी किरदार जैसे राजेश, जगत, या जयंत देखने को मिलते हैं | उनकी कहानियों की खासियत उनका मजबूत कथानक, यथार्थवादी पात्र और भारतीय आदर्शों व सामाजिक सच्चाइयों पर ध्यान केंद्रित करना है |
प्रस्तुत किताब की कहानी एक कब्रिस्तान के इर्द-गिर्द घूमती है, जो रहस्य और सस्पेंस से भरी है | लेखक ओम प्रकाश शर्मा का काम बहुत प्रभावशाली था | बहुत सारे अन्य कई प्रसिद्ध हिंदी पल्प फिक्शन लेखक उन्हें अपना गुरु मानते थे |
वे इतने लोकप्रिय थे कि कुछ लेखकों ने उनकी सफलता का फायदा उठाने के लिए उनके नाम से भी उपन्यास लिखे | हिंदी लोकप्रिय साहित्य में उनके योगदान के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा “उपन्यास सम्राट” की उपाधि से सम्मानित किया गया था | प्रस्तुत किताब के –
लेखक है – ओम प्रकाश शर्मा
प्रकाशक है – नीलम जासूस कार्यालय
पृष्ठ संख्या – 122
उपलब्ध है – अमेजन पर
लेखक हास्य के साथ कहानी बताते हैं | जगत और जयंत पाठकों को खूब हँसाते भी है और उनका मनोरंजन भी करते हैं | प्रस्तुत किताब की कहानी हांगकांग की पृष्ठभूमि पर आधारित है |
सारांश –
किताब भारत – चीन संबंधों आधारित है | हालांकि, कहानी काल्पनिक है और इसके पात्र भी ..| कहानी की पृष्ठभूमि वास्तविक धरातल पर रखी गई है और 1970 के दशक में लिखी गई है | जब चीन के साथ भारत का युद्ध हो चुका था |
ऐसे में दिल्ली के केंद्रीय खुफिया विभाग के अव्वल नंबर के जासूस राजेश , हांगकांग में पधार चुके थे | वहाँ उन्होंने चीन के जासूसी खुफिया विभाग चीफ के नाक में दम कर रखा था |
इसलिए चीन के खुफिया विभाग का चीफ वहाँ के थिएटर की नामचीन अभिनेत्री “डार्लिंग” के पास आता है , कि वह राजेश को अपने प्रेमजाल में फंसाए और उन्हें कब्रिस्तान लेकर आए |
अब डार्लिंग उनका यह काम क्यों करेगी ? अव्वल तो वह एक चीनी है , इसलिए अपने देश की खातिर और दूसरा उसके कुछ राज चीनी जासूसी विभाग का चीफ जानता है जो वह नहीं चाहती कि दुनिया के सामने आए |
अब राजेश और डार्लिंग की नजदीकी बढ़ाने के लिए षडयंत्र रचे जाते हैं | डार्लिंग राजेश से अपना परिचय करवाने मे कामयाब हो ही जाती है | पहली ही मुलाकात में वह राजेश को कब्रिस्तान लेकर जाने में कामयाब होती है | तब उनको एक घुड़सवार दिखाई देता है |
डार्लिंग उसे भूत – प्रेत साबित करने की कोशिश करती है पर राजेश दिखते सीधे – सादे हैं , पर है बहुत चालाक…. वह पता कर ही लेते हैं कि वह कोई भूत -प्रेत नहीं , असली इंसान है | अब कहानी में ट्विस्ट यह है कि यहाँ जयंत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय ठग “जगत” भी मौजूद है |
यही हमारा फेवरेट कैरक्टर भी है | वह यहाँ एक पाकिस्तानी अनाज विक्रेता के रूप में मौजूद है | वह अकेला नहीं है | उसके साथ उसकी दो मित्र महिलाएं भी उपस्थित है | एक है ढाका की और एक है पाकिस्तान की …
राजेश , जयंत और जगत मिलकर एक प्लान बनाते हैं क्योंकि उन्हें डार्लिंग पर शक है और नहीं भी | इसी के तहत जब डार्लिंग राजेश को कब्रिस्तान लेकर जाती है तो जगत भी पादरी बनकर वहाँ उपस्थित होता है और इस तरह चीनतेह का प्लान फेल हो जाता है |
राजेश और डार्लिंग के जाने के बाद पादरी बने जगत पर हमला होता है | जगत अपने चालाकियों से बच जाता है | वह यह खबर राजेश को देता है | राजेश अब हाँगकाँग की पुलिस अधिकारी “कोलाविल” के साथ मिलकर षड्यंत्र कारियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाते हैं पर इसका पता चीन तेह को लग जाता है |
अब वह अपने प्लान को अंजाम देने के लिए राजेश और डार्लिंग को बीच रास्ते से ही अगवा कर , वहां के एक छोटे से गांव में ले जाता हैं | चीन तेह , राजेश को बेहोशी का इंजेक्शन देकर उसी हालत में उन्हें कब्र में दफनाना चाहता है ताकि किसी को भी पता ना चले की खुफिया जासूस राजेश का क्या हुआ ? और वह भारत के खिलाफ आसानी से अपनी सजिशे रच सके | इसीलिए वह राजेश को अपने रास्ते से हटाना चाहता था क्योंकि राजेश उसकी किसी भी साजिश को कामयाब नहीं होने देते थे |
अब राजेश की जान बचाने के लिए डार्लिंग अपनी जान दाव पर लगा देती है क्योंकि वह जान चुकी है कि राजेश एक अच्छे व्यक्ति है | वह शरण आए दुश्मन को भी माफ कर देते हैं | वह सब के साथ प्रेम से रहना चाहते हैं | स्त्रियों का बहुत आदर करते हैं और वह चीन को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचा रहे है |
राजेश , डार्लिंग के साथ चीनी होते हुए भी अच्छा व्यवहार करते हैं क्योंकि दोनों देशों मे युद्ध होने के बाद दोनों देशों के लोग एक दूसरे को संदेह की दृष्टि से देखते थे | इसके बावजूद वहाँ की आम जनता सुकून चाहती है और एकदूसरे का आदर करती है क्योंकि युद्ध तो हमेशा सरकारे लड़ती है | सरकार बदलती है | जनता वही रहती है |
अब चीन तेह ,डार्लिंग को भी मारना चाहता है | उसे भी बेहोशी का इंजेक्शन दे दिया जाता है और कब्र में गाड़ने के लिए भेज दिया जाता है | अब इधर राजेश को भी इंजेक्शन देने की तैयारी पूरी कर ली जाती है ,तभी राजेश उनके साथ लड़ाई शुरू कर देते हैं |
इधर जयंत को ड्राइवर समझकर चीन तेह के आदमी कब्रिस्तान जानेवाले बीच रास्ते में ही उसे बांधकर चले जाते हैं | कुछ देर बाद जगत भी वहां पहुंचता है | वह कोलाविल को भी अपनी फोर्स के साथ बुला लेते हैं | अब यह दोनों उस गांव में पहुंचते हैं जहां राजेश को ले जाया गया था | अब वहाँ जाने के बाद यह लोग क्या देखते है ?
क्या राजेश इनको जिंदा मिलते हैं या नहीं ? क्योंकि वह अकेले थे और चीन तेह अपनी सैनिक टुकड़ी के साथ था | और डार्लिंग के साथ क्या हुआ ? क्या वह भी अपने पूर्वजों जैसे अपने देश के लिए मर मिटने मे कामयाब हो गई ? पढ़कर जरूर जनिएगा |
आखिर में जगत को चीन में अनाज सप्लाई करने का परमिट मिल ही जाता है | तो क्या डिसाइड करता है जगत ? आपस मे प्रेम और भाईचारे का और अच्छाई के लिए अपनी कुर्बानी का संदेश देती | इस किताब को जरूर पढ़िएगा | “कब्रिस्तान का षड्यंत्र” ओम प्रकाश शर्मा द्वारा लिखित | तब तक पढ़ते रहिए | खुशहाल रहीए | मिलते हैं और एक नई किताब के साथ | तब तक के लिए ….
धन्यवाद !!

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सवाल है ? जवाब यहाँ है | (FAQs SECTION)

Q.1.’कब्रिस्तान का षड्यंत्र’ उपन्यास के लेखक कौन हैं ?
A. उपर्युक्त उपन्यास के लेखक ओम प्रकाश शर्मा है |
Q.2.ओम प्रकाश शर्मा को ‘जनप्रिय लेखक’ क्यों कहा जाता है ?
A.क्योंकि उनके द्वारा रचित पात्र काल्पनिक नहीं लगते बल्कि हाड़ – मांस के बने इंसान है जो अपने से लगते है | इसीलिए पाठक उन्मे खुद को देखते है | इसीलिए….
Q.3.यह उपन्यास किस विधा याने Genre का है ?
A. यह एक जासूसी, थ्रिलर उपन्यास है |
Q.4.यह कहानी किस पृष्ठभूमि पर आधारित है ?
A.यह कहानी भारत – चीन संबंधों पर आधारित है | कहानी का मुख्य शहर हांगकांग है |
Q.5.इस उपन्यास के मुख्य पात्र कौन-कौन हैं ?
A.भारतीय खुफिया एजेंसी के नंबर 1 जासूस राजेश, उनके असिस्टेंट जयंत, अंतर्राष्ट्रीय ठग जगत, और अभिनेत्री डार्लिंग |

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