KUNDALINI REVIEW AND SUMMARY IN HINDI

रिव्यु –

इस किताब के लेखक ओम स्वामी है | वह मूलतः लेखक नहीं है | वह एक साधक है पर अपने अनुभव एवं जानकारी लोगो के साथ पुस्तक के रूप में साझा करते रहते है | ओम स्वामी यह उनका सन्यास के बाद का नाम है | उनका असली नाम और उनकी बचपन से लेकर तो साधक बनने की कहानी उन्होंने “द मोंक्स मेमोर ” इस किताब में बताई है | वह किताब भी मैंने पढ़ी है | उसका रिव्यु और सारांश भी हम आप को जल्द ही देंगे पर अभी हम फ़िलहाल बात करेंगे “कुंडलीनी” इस किताब के बारे में | 

    इस किताब को जयको पब्लिशिंग हाउस द्वारा प्रकाशित किया गया है | इसका पहला प्रकाशन २०१७ साल में निकला था | यह ९७ पेज की किताब है और इसकी कीमत है ११८ रुपये | यह अमेज़न पर हिंदी और अंग्रेजी भाषाओ में उपलब्ध है | अगर आप साधक है , रेकी के स्टूडेंट है या फिर रेकी कर के चक्रों पे काम कर रहे है तो यह बुक आप के लिए है | इस किताब में उन्होंने चक्रों से जुड़े , जो भी मिथ्या तथ्य जनमानस (साधक) में फैले है उनको दूर करने की कोशिश की है | आइये तो जानते है सारांश के रूप में की उन्होंने ऐसा क्या लिखा है इस किताब में………….

सारांश –

इस किताब में उन्होंने पौराणिक कहानियो के जरिये बताने की कोशिश की है की सबसे पहली बार कुंडलिनी का जिक्र कहाँ आता है | उन्होंने यह कहानी शुरू की है माता सती के पिता दक्ष के यहाँ होनेवाले यज्ञ से | जहाँ भगवान शिव के अपमान के कारण माता सती अपने आपको भस्म कर देती है | ऐसे ही कहानियो के जरिये उन्होंने कुंडलिनी के महात्म्य के बारे मे बताते – बताते वह “ललिता – सहस्त्रनाम” तक पहुंचते है | जहाँ पहली बार कुंडलिनी का जिक्र आता है | इस किताब में उन्होंने वह तरीका बताया जिससे की आप अपने ही हातो की उंगलियों से अपने शरीर पर चक्रों की सही जगह स्पॉट कर सकोगे | 

उन्होंने यह भी जानकारी बताई की कौनसे चक्र की कौनसी देवी है , उनका रहस्य और गुप्त रहस्य बताया है | हर एक चक्र की देवी को कौनसा खाना पसंद है? हर एक चक्र का बीजमंत्र कौनसा है ? कौनसा चक्र जाग्रत करते वक्त कौनसा खाना खाए ? मंत्र कब जपे और ध्यान कब लगाये ? हर एक चक्र जाग्रत करने के लिए कितना समय देना चाहिए ? दैनन्दिन जीवन में कम से कम कुंडलिनी जागृत करनेवाले साधक को दो घंटे की साधना उन्होंने बताई है | हर एक चक्र का शरीर पर होनेवाला परिणाम भी उन्होंने बताया है | कुछ धूर्त लोग चक्रों के नाम पे लोगो को कैसे बेवकूफ बनाते है | यह भी उन्होंने यहाँ बताया है | उन्होंने खुद कितनी कड़ी साधना की है इसका जिक्र भी उन्होंने यहाँ किया है | कुल मिलाकर कुंडलिनी से जुड़े हर एक शब्द पर , विचार पर उन्होंने प्रकाश डाला है | 

    कुंडलिनी जागृत करने का तरीका भी उन्होंने इस किताब में बताया है | कुंडलिनी जागृत करना एक महान प्रक्रिया है| इसके लिए किसी महान गुरु की आवश्यकता होती है | अतः किसी गुरु के मार्गदर्शन में ही यह ध्यान – साधना करे जो इस मार्ग पर चल चुके हो | आप उनको ओम स्वामी के नाम से गूगल पे सर्च कर सकते है | अगर आप साधक है | ध्यान – साधना आप के दैनंदिन जीवन का हिस्सा है तब यह किताब उन्होंने आप ही के लिए लिखि है | पढियेगा जरूर ……..

अगर आप को यह ब्लॉग अच्छा लगा तो कमेंट में बताइएगा जरूर ………

धन्यवाद् !

Wish u happy reading …………

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