LAKSHY BOOK REVIEW IN HINDI

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REVIEW –

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लक्ष्य तय करने की जरूरत किसे पड़ती है ? जो अपने जीवन में सफलता पाना चाहते हैं | अपने परिवार की सुख सुविधाओं के लिए अपनी आमदनी दोगुना करना चाहते हैं | किसी क्षेत्र में नाम कमाना चाहते हैं या फिर खुद को साबित करना चाहते हैं | तो फिर ऐसे व्यक्ति को लक्ष्य की जरूरत पड़ती है क्योंकि सफलता पाने के लिए वह रास्ता खोजने लगते हैं |

जल्दी सफलता पाने का बेहतर रास्ता यही है कि आप अपने लक्ष्य तय करें | इसी लक्ष्य को पाने के 21 कारगर तरीके लेखक ने प्रस्तुत किताब में बताएं है जिन्हें अमल में लाकर आप अपने सपनों को साकार कर सकते हैं | महत्वाकांक्षी लोगों के लिएही यह किताब है |

उनके इन सिद्धांतों की मदद से आप अपने किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं चाहे फिर वह कितना ही बड़ा क्यों ना हो ! इन सिद्धांतों में से कुछ सिद्धांत आपको अपने व्यक्तिगत शक्तियों को पहचानना सिखाएंगे |जीवन में सबसे मूल्यवान चीजों को पहचानना और भविष्य में अपने मनचाही उपलब्धियां को हासिल करने के लिए ध्यान केंद्रित करना सिखाएंगे| लेखक ब्रायन ट्रेसी प्रस्तुत किताब में बताते हैं कि आप अपना आत्मविश्वास कैसे बढ़ा सकते हैं ?

सफलता की राह में आने वाली बाधाओ को, मुश्किलों को कैसे पार कर सकते हैं ? और अपने लक्ष्यों को कैसे हासिल कर सकते हैं ? इस किताब में लक्ष्यों को पाने के लिए वह कोई फंतासी नहीं बताते बल्कि लाखों लोगों ने आजमाया हुआ सिस्टम सीखाते हैं |जिसे आप पूरे जीवन भर उपयोग में ला सकते हैं | चलिए तो ज्यादा बात ना करते हुए हम उन सिद्धांतो को संक्षेप में जान लेते हैं |ताकि पूरी किताब पढ़ने तक उसमें से जो शुरुआती बिंदु है कम से कम आप उन पर तो अमल कर पाए | इसके पहले लेखक की जानकारी देख लेते हैं |

लेखक ब्रायन ट्रेसी दुनिया के टॉप मैनेजमेंट कंसल्टेंट ,प्रशिक्षक और वक्ताओं में से एक है | वह हर साल दुनिया में ढाई लाख से ज्यादा लोगों को लीडरशिप, रणनीति, सेल्स, निजी और प्रोफेशनल लाइफ में सफलता जैसे विषयों पर व्याख्यान देते हैं | लेखक की बिजनेस ,साइकोलॉजी, मैनेजमेंट, सेल्स, हिस्ट्री ,इकोनॉमिक्स ,पॉलिटिक्स ,मैटेफिजिक्स और धर्म जैसे विषयों पर अच्छी पकड़ है |

प्रशिक्षक के रूप में उन्होंने 1000 से ज्यादा कॉर्पोरेशनस में अपनी सेवाएं दी है जिनमें आईबीएम ,जेरॉक्स ,फोर्ड ,एचपी जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल है | लेखक ने 80 से ज्यादा किताबें लिखी है जिनका 12 से भी ज्यादा भाषाओं में अनुवाद हो चुका है | उनके प्रसिद्ध किताबों में शामिल है – अर्न व्हाट यू आर रियली वर्थ , और ईट that फ्रॉग !नो एक्सक्यूजेस प्रस्तुत किताब के –

लेखक है – ब्रायन ट्रेसी

अनुवादक है – डॉक्टर सुधीर दिक्षित

प्रकाशक है – मंजुल पब्लिशिंग हाउस

पृष्ठ संख्या है – 216

उपलब्ध है – अमेजॉन पर

किताब में 21 सिद्धांत बताए हैं | इसीलिए अध्याय भी 21 ही है | लेखक अपनी किताब में कहते हैं कि अगर उन्हें 5 मिनट का वक्त मिले और उन्हें सफलता का अचूक फॉर्मूला बताने के लिए कहा जाए तो वह यही कहेंगे कि अपने लक्ष्य तय करें | उन्हें हासिल करने की योजना बनाये और अपनी योजना पर हर रोज मेहनत करें | लेखक कहते हैं हर व्यक्ति के पास ऐसी असाधारण शक्तियां होती है जिनका अभी तक इस्तेमाल नहीं किया गया है अगर व्यक्ति इनका इस्तेमाल करना सीख ले तो इतनी तरक्की कर पायेगा जो बाकी औसत व्यक्ति पूरे जीवन में भी नहीं कर पाता

| इस सिस्टम को लेखक ने भी आजमाया है जिस पर चलकर उन्होंने महान सफलता और ऊपलब्धियां पाई |

चलिए तो निकल पड़ते हैं ,अपने लक्ष्यों को ज्यादा तेजी से पाने की इस राह पर..

सारांश –

आप कौन सा लक्ष्य तय करते हैं ? इससे आपकी योग्यता और क्षमता का पता चलता है क्योंकि ,लक्ष्य मस्तिष्क का ताला खोलता हैं | लक्ष्य तक पहुंचने वाले विचार आप तक पहुंचाता हैं | लक्ष्य अगर स्पष्ट हो तो आपका आत्मविश्वास बढ़ता है और आपकी क्षमता का विकास होता है| व्यक्ति के दिमाग में बहुत ज्यादा नैसर्गिक संभावना होती है जिसका पूरा इस्तेमाल कभी किया ही नहीं गया |

आइंस्टीन अपने दिमाग की शक्ति का सिर्फ 10 से 15% ही उपयोग में लाते थे फिर भी वह अती होशियार लोगों की श्रेणी में आते थे |क्या हो अगर आप अपने दिमागी शक्ति का 50% इस्तमाल करे | 100% तो बहुत दूर की बात है |इसीलिए आपके विचार ही तय करते हैं कि आप कितने सफल बनेंगे , कितने नहीं| इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कहां से आ रहे हैं |आपका जन्म किस परिवार में हुआ है ?

क्योंकि आप जिस के बारे में ज्यादातर वक्त सोचते हैं |आप वही बन जाते हैं | आप जिन परिस्थितियों के बारे में ज्यादा सोचते हैं वही आपको आपके बाहर यानी आपके आसपास दिखती है |इसीलिए दिमागी शक्ति के बारे में जानने वाले लोग कहते हैं कि जैसा भीतर वैसा बाहर .. |

आपके दिमाग में एक दिन में 60000 विचार आते हैं| लक्ष्य तय करके लिखने के बाद दिमाग बाकी सारे विचारों को पीछे धकेल कर आपके लक्ष्य वाले विचार को सबसे आगे रखता है फिर दिमाग इसको सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट मानने लगता है और इस तक पहुंचने के लिए नए-नए तरीके आपको सुझाते रहता है |

सभी मोटिवेशनल किताबो और सेल्फ हेल्प किताबों का सार यही है कि ,आप जिसके बारे में ज्यादातर वक्त सोचते हैं | वही बन जाते हैं | सफल लोग अपनी मनचाही चीजों के बारे में सोचते हैं और असफल लोग अनचाही चीजों के बारे में .. आप अपने दिमागी शक्ति की वजह से कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं फिर चाहे वह छोटा हो या बड़ा |प्रकृति आपके लक्ष्य के आकार प्रकार में भेद नहीं करती | जब जीवन की तरक्की के लिए लक्ष्य इतना इंपोर्टेंट है तब बहुत सारे लोग अपना लक्ष्य क्यों नहीं तय करते ?

इसके लिए आप को लक्ष्य लिखने की ताकत के बारे में जानना होगा | इसीलिए आपको एक रिसर्च के बारे में भी जानना होगा| हॉवर्ड बिजनेस स्कूल में सन 1979 और 1989 के बीच एक रिसर्च हुआ | इसके बारे में मार्क मैक् कॉरमैक् ने उनकी पुस्तक “व्हाट दे डोंट टीच यू एट हॉवर्ड बिजनेस स्कूल” किताब में बताया |

उन्होंने इस मे पाया तीन परसेंट एमबीए ग्रैजुएट के पास अपने भविष्य के लिए स्पष्ट तौर पर लिखित लक्ष्य थे और उनको हासिल करने की योजनाएं थी | बाकी के पास नहीं | 10 साल बाद शोधकर्ताओं ने उस क्लास के सारे स्टूडेंट के साथ दोबारा संपर्क किया | उन्होंने पाया कि जिनके पास स्पष्ट लक्ष्य थे वह बाकियों की तुलना में 10 गुना ज्यादा कमा रहे थे |

अपने लक्ष्य तय करे | फिर उसे पाने के लिए काम शुरू करें | लक्ष्य पाने के बीच में आने वाली अड़चनों और चिंताओ को पहचाने | उसमें भी आपकी जिंदगी में उपस्थित इस वक्त सबसे बड़ी तीन चिंताएं कौन सी है ? पता लगाने के बाद उसके तीन उपाय भी लिख ले |

आप वही काम करें जिससे आपको प्रेम हो या फिर जिसे करने में आपको सबसे ज्यादा मजा आता हो ! लेकिन लक्ष्य तय करते समय इन सब बातों का ध्यान रखें की आपका लक्ष्य इतना अ वास्तविक और असंभव भी नहीं होना चाहिए कि जिस के पूरे ना होने की हालत में आप निराशा का शिकार हो जाए | लक्ष्य तय करते समय खुद के प्रति ईमानदार रहे | अब एक कागज ले और उस पर 10 ऐसे लक्ष्य लिखे जिन्हें आप आने वाले भविष्य में हासिल करना चाहते हैं |

उन्हें वर्तमान काल में लिखे जैसे आपने उन्हें पहले ही हासिल कर लिया हो !उदाहरण के तौर पर मैं सालाना 10 करोड रुपए कमाता हूं | उसके बाद लिखे हुए 10 लक्ष्य को देखें और खुद से यह सवाल पूछे कि इनमें से वह कौन सा लक्ष्य है जिसे तुरंत हासिल करने से मेरी जिंदगी पर सबसे ज्यादा सकारात्मक असर होगा |

आपने जिस प्रमुख उद्देश्य को लिखा उसे एक अलग कागज पर लिख ले फिर इसे 3 बाय 5 के इंडेक्स कार्ड पर लिख ले | इस कार्ड को हमेशा अपने पास रखें | इसी लक्ष्य के बारे में सुबह दोपहर शाम रात को सोचते रहे | हर वक्त सोचे | फिर इसे पाने के तरीकों की तलाश करते रहे | सिर्फ एक सवाल खुद से पूछे | की कैसे ? कैसे यह लक्ष्य मैं हासिल करू ?

आपने जो लक्ष्य तय किए हैं उन्हें आप पाएंगे इसका विश्वास रखें | खुद को कमतर ना आँके | जैसे अगर आप अपनी आमदनी दोगुना करना चाहते हैं तो इसे संभव माने | तिगुना करना चाहते हैं तो भी इसे संभव माने क्योंकि नेपोलियन हिल का कहना है कि इंसान का दिमाग जो सोच सकता है और यकीन कर सकता है | वह उसे हासिल भी कर सकता है | इस का एक प्रचलित उदाहरण हम आपको बता रहे हैं जो किताब में दिया हैं |

बचपन में अल्बर्ट आइंस्टीन को उनके स्कूल वालों ने सीखने में अक्षम करार देकर घर भेज दिया | उन्होंने उसके माता-पिता को यह बताया कि यह बच्चा सीख ही नहीं सकता लेकिन उसके माता-पिता ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया और उसके लिए अच्छी शिक्षा का प्रबंध किया | इसके बाद उन्होंने 20 साल के पहले ही डॉक्टरेट हासिल कर ली और सबसे महान वैज्ञानिकों में से एक बन गए| इसलिए लेखक कहते हैं कि विशेषज्ञों को नजर अंदाज करें |

अपने मन पर पूरा भरोसा रखें और अपने मनचाहे लक्ष्य को पा ले | इसी बात को लेखक ने कई उदाहरणों के साथ “सोच बदलो जिंदगी बदलो” इस विचार के तहत बताया है | अपने आमदनी को प्रति घंटे के हिसाब से तय करें ना की सालाना या महीने वारी | हर घंटे के हिसाब से अपने आमदनी निकालने के लिए अपने घंटे की साप्ताहिक दर नीकाले और इसकी तुलना पिछले हफ्ते से करें | फिर अपनी वर्तमान आय बढ़ाने के लिए अपने हर घंटे का मूल्य बढ़ाने का संकल्प ले |

लक्ष्य को लिखने के बाद आप उस लक्ष्य तक कैसे पहुंचेंगे उसके तीन जवाब लिख ले| अगर हम पहले 3 सवालों के सटीक जवाब देते हैं तो सटीक ब्लूप्रिंट ज्यादा आसानी से बन जाता है | इसे रणनीतिक योजना कहते हैं | योजना बनाने से पहले अगर हमने यह तय नहीं किया कि हम कहां है और वहां तक कैसे पहुंचेंगे तो बहुत मुश्किल हो जाती है | खुद को दूसरों के द्वारा स्कोरिंग देना शुरू करें | आजकल के मैनेजमेंट में संतुलित स्कोर कार्ड का फंडा बड़ा लोकप्रिय हो रहा है |

इस स्कोर कार्ड के जरिए कंपनी के हर स्तर के सदस्य को प्रोत्साहित किया जाता है ताकि वह खुद को इंप्रूव कर सके और सफलता की ओर बढ़ सके | अगर आप सेल्स लाइन में है और अपनी आमदनी दोगुना या तिगुनी करना चाहते हैं तो आप हर दिन, हर हफ्ते और हर महीने कितने कॉल्स कर रहे हैं |

कितनी प्रस्तुतियां दे रहे हैं ,प्रस्ताव दे रहे हैं ,कितनी बिक्री कर रहे हैं इसका हिसाब किताब करें | उनकी संख्या बढ़ाने की कोशिश करें | अगर कोई लक्ष्य हासिल करते समय उसमें बाधा आ रही हो तो सोचे कि इन बाधाओ को कैसे हटा सकते हैं | उन समाधानों के बारे में सोचे जो आप कर सकते हैं क्योंकि समस्याओं को सुलझाना भी एक योग्यता है | जब भी आप कोई कार्य शुरू करते हैं तो बाधाओ की गुरूत्वाकर्षण शक्ति एक्टिव हो जाती है जो आपको आपके लक्ष्य से और दूर लेकर जाती है और दूसरा है 20/80 का नियम | इन दोनों नियमों के बारे में हमने टाइम मैनेजमेंट इस बुक में डिटेल में बताया है आप उस विडिओ को जरुर देखे |

80-20 का नियम क्या कहता है पता है ? यही की 80% लोग 20% पैसा कमाते हैं जो कि आपकी तरक्की के लिए अच्छा नहीं| इसलिए आपको 20 /80 का नियम अपनाना चाहिए जिसमें 20% लोग 80% पैसा कमाते हैं | लेखक के अनुसार आप हमेशा ध्यान में रखें कोई भी आपसे बेहतर नहीं और कोई भी आपसे स्मार्ट नहीं है | हर काम में 5 से 7 प्रमुख परिणाम क्षेत्र होते हैं | 1. प्रोस्पेक्टिंग 2. तालमेल स्थापित करना 3. आवश्यकताओं को पहचानना 4. समाधान प्रस्तुत करना 5. आपत्तियों का जवाब देना 6. सेल्स क्लोज करना और 7. संतुष्ट ग्राहकों को दोबारा बिक्री करना |

अगर आप सेल्स लाइन में है तो इसमें से हर एक क्षेत्र में खुद को एक से 10 के ग्रेड में मूल्यांकन करना चाहिए जिसमें एक सबसे कम और 10 मार्क्स सबसे ज्यादा गिनना चाहिए | इन सातों श्रेणियों में आपका स्कोर कम से कम 7 होना चाहिए तभी आप अपने क्षेत्र के टॉप 20% लोगों के समूह में पहुंच सकते हैं | एक बार आप जब आप खुद को ग्रेड दे दे तब यही ग्रेडिंग लिस्टअपने बॉस या किसी ग्राहक के पास ले जाए |

उनसे भी खुद के लिए ग्रेड ले | इससे आपको अपना सही मूल्यांकन पता चल जाएगा | इससे आपको पता चलेगा कि आप किस क्षेत्र में कमजोर है | अब आपको अपने इस कमजोर क्षेत्र पर मेहनत करनी चाहिए | इसको बाकी योग्यताओं के बराबर करना चाहिए | यही योग्यता आपकी आमदनी की ऊंचाई तय करती है | साथ में यह भी तय करते हैं कि आप कितनी तेजी से कितनी दूर जाते हैं |

अगर आप मैनेजमेंट में है तो सात प्रमुख परिणाम क्षेत्र आपके काम में आपकी सफलता और असफलता को तय करते हैं | उसमें से 1. प्लानिंग 2.organising 3. स्टाफ की नियुक्ति 4. काम सौपना 5. supervising याने निरीक्षण करना 6. मूल्यांकन करना 7. रिपोर्टिंग

सभी सफल मैनेजर इन सातों में बहुत अच्छे होते हैं | कमजोर मैनेजर इनमें से एक या दो में अच्छे होते हैं | जो कि उनकी सफलता में बाधक बन जाते है | 360 डिग्री का विश्लेषण आजकल आधुनिक प्रबंधन में खाँसा प्रचलित है |इसमें क्या होता है कि किसी खास मैनेजर के अंदर काम करने वाले लोगों से उसके बारे में गुमनाम रिपोर्ट मांगी जाती है फिर यह रिपोर्ट बाहर के किसी व्यक्ति को सौपी जाती है जो निर्णय दे सके |यही रिपोर्ट फिर उसे मैनेजर को दिखाई जाती है ताकि उसे पता चले कि दूसरा उसका मूल्यांकन कैसे करते हैं |

इससे अक्सर वह मैनेजर disappoint हो जाता है | इसीलिए पहले बताएं अनुसार अपने साथियों से अपना नियमित मूल्यांकन करते रहे | इससे आपको बहुत मदद मिलेगी | जब भी आप कोई लक्ष्य निर्धारित करते हैं तो इसका मुख्य हिस्सा यह होना चाहिए कि आप उन लोगों , समूह और संगठनों को पहचाने जिनकी मदद की जरूरत आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए होगी जैसे कि आपके बिजनेस के भीतर और बाहर काम करने वाले व्यक्ति |

उदाहरण के तौर पर आपका बॉस ,आपके कलीगस , ग्राहक ,सप्लायर्स ,वेंडर्स इन सब लोगों की एक लिस्ट बनाएं और देखें कि इनमें से कौन से लोग आपका लक्ष्य हासिल करने में आपकी ज्यादा मदद कर सकते हैं या फिर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं |अपने ग्राहको को पहचाने | कुछ परिस्थितियों में बिजनेस संगठनों में लोगों के साथ संबंध बनाने में निवेश करना चाहिए |

व्यावसायिक नेटवर्क बनाएं यानी ऐसी कमेटी चुने जिसके सदस्यों से आप जान पहचान बढ़ा सके जिसकी मदद से आप प्रमुख लोगों के संपर्क में आए संगठन के भीतर भी और बाहर भी ताकि यह लोग समय प ने पर आपके करियर में आपकी मदद कर सके | अपने क्षेत्र के अखबार पढ़ कर अपने समुदाय के टॉप लोगों की लिस्ट बनाएं | अपने शहर के 100 सफल खिलाड़ियों के नाम पदनाम और बिजनेस की सूची बनाएं |

सूची बनाने के बाद इनमें से हर एक को पत्र लिखे उन्हें कोई ऐसी चीज भेजें जो बिजनेस से संबंध ना रखती हो| आपने उनके बारे में जो पढ़ा हो उसके आधार पर उन्हें कोई छोटी पुस्तक , कविता या अखबार की कटिंग या उनकी जिसमें दिलचस्पी हो ऐसी कोई चीज भेजे | हर बार जब भी उनसे संपर्क स्थापित करने का मौका मिले तो उन्हें पत्र लिखें | आप अपने संपर्कों को फैलाने के लिए जो भी कोशिश करेंगे वह कभी पूरी तरह गुम नहीं होगी |

बीजों की तरह ही अलग-अलग संपर्कों को फलने फूलने के लिए अलग-अलग वक्त लगता है | कुछ तुरंत परिणाम देते हैं | कुछ महीना या वर्षों में भी परिणाम नहीं देते हैं| इसलिए आपको धैर्यवान बनने की जरूरत है | व्यवसाय में सफलता पाने के लिए काम शुरू करने के पहले समय लगाकर योजना बनाएं| इस से चमत्कारिक रूप से सफलता मिलती है | योजना बनाने की प्रक्रिया ,कुंजी है | योजना बनाने से लाभ होता है | |योजना से समय और खर्च बचता है सफलता का फार्मूला 6 “p “ में छुपा है | प्रॉपर,, प्रायर, प्लानिंग ,प्रीवेंट्स ,पुअर, परफॉर्मेंस ,| उचित पूर्व नियोजन यानि पहले से बनाई गई योजना के 7 फायदे हैं | उन्हें आप किताब में पढ़ लीजिएगा |

कागज पर सोचे , मतलब हर प्रक्रिया के हर पायदान की लगातार सूची और उपसूची बनाते रहे | |अपनी योजना को लगातार अपडेट करते रहे | इसे कागज पर उतारते रहे| जब भी आपको अपने लक्ष्य हासिल करने में कोई प्रश्न दिखाई दे तो उस प्रश्न को एक कागज पर लिख ले फिर उसके कम से कम 20 जवाब तो लिखिए| आपके पहले पाँच जवाब आसान होंगे |अगले 5 थोड़े ज्यादा मुश्किल और आखिरी 10 जवाब सबसे ज्यादा मुश्किल होंगे |

चाहे आपको यह काम कितना भी मुश्किल क्यों ना लगे आपको इसके लिए खुद को अनुशासित करना होगा हो सकता है कि आपका आखरी जवाब भी वह क्रांतिकारी जवाब हो जो आपके हजारों डॉलर बचा ले और सैकड़ो घंटे की मेहनत भी ..हर समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के पांच कदम है जिसे आप किताब में पढ़ लीजिएगा |अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर दिन कुछ करें इसके लिए आप सेल्फ मेड मिलियनर्स का वीडियो देखें | लेखक ने किताब के अंत मे कहाँ है की कभी हार मत मानो | तब तक जुटे रहो जब तक आप सफल न बन जाओ| इसके लिए उन्होंने कविता भी दी है जो सफलता के लिए आपके हौसले बुलंद करने में मदद करेगी |

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