SHYAMCHI AAI REVIEW SUMMARY IN HINDI

रिव्यु और सारांश – श्यामची आई ( श्याम की माँ )

यह किताब मुलतः मराठी में लिखी गई है | इस किताब के लेखक सानेगुरुजी है जो हमारे प्रसिद्ध स्वातंत्र्य सेनानीयो में से एक थे | इस किताब पर पिक्चर भी बनी हुई है जो आप को यू – ट्यूब पर मिल जाएगी | इसके हिंदी ,मराठी और अंग्रेजी में नाटक है जो आप को टाटा स्काई थिएटर पर दिखाई देंगे | अगर आप को इसकी किताब पढनी है तो इसकी एक “ श्यामची आई ” नाम की अप्लिकेशन ही है जो आप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते है |

जब सानेगुरुजी अपने पढाई के लिए हॉस्टल में रहा करते थे तब वह हर दिन संध्या समय अपने मित्रो को कहानी सुनाया करते जिसकी मुख्य किरदार उनकी माँ हुआ करती | ऐसे ४५ दिनों की कहानी इस किताब है | तो चलिए तो शुरू करते है इसका सारांश………

सारांश –

    इसमें सानेगुरुजी ने अपनी माँ की यादो को संजोये रखा है | माँ की यादो के साथ – साथ उनके पिताजी की , उनके भाई – बंधुओ की , उनके आस – पड़ोस में रहनेवाले लोगो की यादे इसमें है | इन सारे लोगो ने मिलकर उनका व्यक्तित्व कैसे तैयार किया यही इस किताब में बताया गया है | श्याम को तैरने के लिए भेजना , श्याम के ना कहने पर उसे मारना , वापस आने पर उसे ढेर सारा प्यार करना , वह एक अच्छा इन्सान बने इसके लिए कभी – कभी कठोर बन जाना , ऐसी श्याम की माँ की यादे इसमें है |

श्याम की माँ के हात – पैरो में हमेशा दर्द रहता था इसलिए श्याम उनकी घर के कामो में मदद किया करता था | ऐसा करते समय उसे बड़ी लज्जा आती थी की लोग क्या कहेंगे ऐसे समय यह संकोच श्याम की माँ ने ही उसके मन से निकाला | पहले के ज़माने में खाना खाने के लिए पेड़ के पत्तो से पत्रावल बनाई जाती थी | वैसी पत्रावल बनाना हो या श्याम के समय भगवान के सामने श्लोक बोलना हो , रात को आंगन में गाना गाते – गाते आटा पिसना हो , ऐसी कितनी सारी यादे सानेगुरुजी ने इसमें बताई है | सानेगुरुजी मुलतः कोंकण के रहनेवाले थे इसलिए उनकी हर याद में , बात में कोंकण की संस्कृति झलकती है |

किताब पढ़ते वक्त आप इसमें इतना खो जायेंगे की लगेगा जैसे आप खुद ही कोंकण के रहिवासी हो और श्याम के पड़ोस में रहते हो | उनकी यादो के व्यक्तियों जैसे लोग अभी गायब ही होने लगे है | अभी हर एक व्यक्ति अपने घर में ही रहता है | टेलीविजन और मोबाइल पर ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताता है | दोस्त और पडोसी जैसे उसको पता ही नहीं |

श्याम की माँ ने इंसानों पर ही नहीं बल्कि जानवरों पर भी अपनी ममता लुटाई | ऐसी उनकी पसंदीदा बिल्ली उनकी मौत के बाद उनके ही कमरे में दो दिन बाद मर गयी | जिस दिन श्याम की माँ मरनेवाली थी उस दिन की पहली रात वह श्याम के सपने में गयी थी क्योंकि श्याम उनके दिल का टुकड़ा था | वे उसे बेहद प्यार करती थी | ऐसी यह श्याम की यादे पढ़ते – पढ़ते आँखों से आसू रुकते नहीं है | हम खुद को ही परखने लगते है की क्या हम भी इतने ही प्रेम वात्सल्य से भरे हुए है | क्या मै भी अपने सर्किल के लोगो को इतनी अच्छी बाते सिखा सकता हु ?

प्रेम दुनिया की सर्वोच्च शक्ति है | इसी प्रेम के कारण रामजी ने शबरी के झूठे बेर खाए थे | प्रेम सर्वोच्च भावना है जो आप तक दुनिया की हर अच्छी चीज पहुंचाती है | इस बात का प्रतिपादन रोंडा बर्न की “ सीक्रेट ” यह बुक भी करती है | इसका ब्लॉग भी आपको हमारी वेबसाइट पर मिल जायेगा | आप जरूर पढ़े……..

हम चाहते है की उस किताब की बातो को आप भी अपने जीवन में जरूर उतारे ताकि लाखो लोगो जैसे आप भी उस किताब के ज्ञान का फायदा ले सके |

अगर आप माता – पिता है | अपने बच्चो को अच्छा व्यक्ति बनाना चाहते है तो “ श्यामची आई ” यह किताब जरूर………. पढ़े |

आप को हमारे द्वारा लिखा यह रिव्यू और सारांश कैसा लगा ? यह आप हमे कमेन्ट मे जरूर बताए | अगर आप ने यह किताब पढ़ी है तो , आप के इस किताब के बारे मे क्या विचार है ? कौन से लेखकों की किताबे आप को अच्छी लगती है ? आप को सारांश बुक ब्लॉग पर और कौन सी क्लासिक बुक का रिव्यू चाहिए ? इसके बारे मे भी आप हमे जरुर बताए | इंडिया अभी अंग्रेजी बोलने वालों मे दूसरे नंबर पर है | कही ऐसा न हो की हमारी आने वाली पीढ़िया सिर्फ अंग्रेजी और उससे जुड़े चीजों को ही याद रखे | सारांश बुक ब्लॉग के माध्यम से हम हिन्दी से जुड़े साहित्य को जीवित रखना चाहते है | आइए हमारे साथ जुड़िये ताकि हम ऐसी ही अच्छी किताबों के माध्यम से आप तक ज्ञान को पहुंचते रहे | किताबे ही है जो हमारे विचारों को परिपक्व बनाती है जिससे हम अपनी निजी और व्यावहारिक जिंदगी मे कामयाब हो सकते है |

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