यह निमिष सोनार लिखित और एक मराठी कादंबरी है | “जलजीवा” की सफलता के बाद उन्होंने यह कादंबरी लिखी है | यह किताब “ई. साहित्य ” पर फ्री मे उपलब्ध है | इस किताब के लेखक के बारे में हम जलजीवा के सारांश में बता चुके है | चूँकि यह किताब अंग्रेजी में उपलब्ध नहीं है इसलिए अगर इसका सारांश आपको पसंद आता है तो आप लेखक को इसके अंग्रेजी वर्जन के लिए उनके ई.मेल पर लिख सकते है | वह फ़िलहाल आई. टी. सेक्टर में कार्यरत है |
“वलय” यह सीने – टी.वी. आधारित “सिनेमास्कोप” कादंबरी है | फिल्म इंडस्ट्री में अपना “वलय” मतलब अपना स्टारडम बनाये रखने के लिए वह लोग क्या –क्या करते है इसके बारे में पूरा – पूरा लिखने की कोशिश लेखक ने की है | वह शायद इस किताब का दूसरा भाग भी लिखने वाले है ऐसा लगता है है क्योंकि इस किताब के कुछ प्रश्न अनुत्तरित ही है | इसके साथ –साथ किताब की समाप्ति भी ऐसे की है जैसे कहानी बीच में ही छूटी हो | खैर………यह तो लेखक ही जाने, तो आइए हम आपको इसका सारांश बता देते है |
यह कहानी ,स्टोरी राइटर राजेश के साथ शुरू होती है और इसीके साथ –साथ फिल्म- इंडस्ट्री में काम करनेवाली तीन लडकियों के इर्द – गिर्द यह कहानी घुमती है | जिसमे पहली है सुप्रिया जो राजेश की ही लिखी डेली सोप में काम कर रही है | राजेश की तरफ से शादी के लिए इंकार के बाद ,शादी कर के अपने पति के साथ इटली में सेटल हो जाती है | दूसरी है रागिनी , वह अपने बॉयफ्रेंड के साथ लीव – इन में रहती है | वह उसके हाथो धोका खाकर अपने ही बॉयफ्रेंड के हाथो मारी जाती है फिर आत्मा बनकर अपने बॉयफ्रेंड को सजा देती है |
तीसरी है सोनी बनकर , जो एक रियलिटी शो जीतकर स्टार बन जाती है फिर वह एक फिल्म में हीरोइन बन जाती है | लीड रोल करने के बाद वह रियलिटी शोज में जज बनकर आती है | वह अपने रियलिटी शो के पार्टनर के साथ शादी कर लेती है | उसकी जिंदगी अच्छी चलते रहती है की नताशा नाम की हीरोइन उससे उसका पति छीन लेती है | इस सदमे से वह पागल सी हो जाती है | पैसे ना होने की वजह से वह भिकारिन बन जाती है | आखिर वह गाँव जाती है वहा अपनों का साथ ना पाकर वह भी आत्महत्या कर लेती है |
इसमें राजेश का करैक्टर बहुत देर तक पढने को मिलता है | राजेश इस फिल्म इंडस्ट्री में एक ध्येय के साथ आया है | फिल्म – इंडस्ट्री के कुछ निर्देशक और प्रोडूसर लेखक लोगो की कहानी पहले सुनते है फिर उसी पर तीन – चार साल बाद उसी कहानी पर फिल्म बनाकर उस कहानी को अपना बताते है | राजेश की स्टोरी भी ऐसे ही किसी निर्देशक ने चुराई है उसको ऐसे लोगो का पर्दा फाश करना है | इसके लिए राजेश क्या – क्या करता है ? कौन से पापड़ बेलता है |
यही इस कहानी में लिखा गया है | लेखक ने कहानी बहुत ही अच्छी तरह लिखी है | नए मराठी लेखको में , हमें निमिष सोनार का लेखन पसंद आया | अभी तक नए मराठी लेखको का लिखाण हमें बच्चो जैसा ही लगता था | हम अभी तक पुराने मराठी लेखको को ही पढ़ा करते थे जैसे वी.स. खांडेकर , पू.ल.देशपांडे ई. | निमिष सोनार को अपने लेखन में और थोड़ी क्वालिटी लाने की जरूरत है | बाकि उनकी लिखी कहानी , कादंबरी हमें तो बहुत अच्छी लगी |
वह अपना लेखन ऐसे ही जारी रखेंगे और हमें ऐसे ही उनकी किताबे पढने को मिलेंगी ऐसी आशा करते है | तो आप भी इनकी लिखी किताबे पढना शुरू कर दीजिये ता की लोगो को पता चले की मराठी मे भी अच्छे लेखक और किताबे है | हमारा मोटो ही यही है की हम आपको भारत के साहित्य के साथ पूरा परिचय कराने की कोशिश करे | उसकी शुरुवात हमने कर दी है |
धन्यवाद !
Wish you happy reading………