पशु
देवदत्त पटनायक द्वारा लिखित
रिव्यु और सारांश –
किताब छोटी सी है लेकिन इसमें बताई गई बात बहुत गहरी है | किताब कम पृष्ठों की है इसलिए रिव्यु और सारांश एकसाथ दे रहे है | देवदत्त पटनायक एक प्रसिद्ध भारतीय पौराणिक कथाकार, वक्ता, चित्रकार और लेखक हैं, जिन्हें हिंदू पुरानो की लोककथाओं, दंतकथाओं और दृष्टांतों पर उनके लेखन के लिए जाना जाता है। उनका काम काफी हद तक धर्म, पौराणिक कथाओं और प्रबंधन के क्षेत्रों पर केंद्रित है। उन्होंने आधुनिक समय में पवित्र कहानियों, प्रतीकों और अनुष्ठानों की प्रासंगिकता पर किताबें लिखी हैं |
देवदत्त अपनी सारी थ्योरी चित्रों के माध्यम से समझाते है | इसीलिए उनके द्वारा लिखी किताबो में पिक्चर्स होते है जो वे खुद निकालते है जो वहां लिखी गई बातो को गहराइ से समझाने में मदद करते है | देवदत्त माइथोलॉजी पर ही लिखते है | यही उनकी खासियत है | पुराणों की बातो को वह विज्ञान से जोडके बताते है | पशुओ के बगैर मानवो का जीवन अधुरा है | मानवों से जुडी बहुत सी बातो में पशुओ का जिक्र मिलता है | पशु और मानवो का संबंध अभी से नहीं बल्कि पुरातन काल से है | यही मानव और पशु का सम्बन्ध लेखक ने प्रस्तुत किताब में बताया है | इस किताब के
लेखक है – देवदत्त पटनायक
प्रकाशक – पफ्फिन
पृष्ठ संख्या – १८४
उपलब्ध – अमेज़न , किनडल पर हिंदी और अंग्रेजी में
ब्रह्मा के पुत्र कश्यप ऋषि को अनेक पत्नियाँ थी | उनमे से हर एक ने पशुओ की अलग – अलग प्रजाति को जन्म दिया जैसे विनीता और कद्रू ने गरुड़ और साँपो को , दिति और अदिति ने देव और राक्षसों को , सुरभि ने खुरवाले जानवरों को ई. | इस किताब में पुरानो से जुडी बहुत सी कहानियो को बताया गया है | जैसे की धनुर्धारी अर्जुन के पोते परीक्षित की पत्नी एक मेंढकी थी |
गरुड़ पहले नागो के दास रहते है फिर वह मुक्त कैसे होते है ? इसकी दिलचस्प कहानी ….. | गरुड़ और नाग एक ही पिता की संतान होने के बावजूद एक दुसरे के दुश्मन क्यों है ? हर एक देवता का वाहन एक पशु ही है | इनसे जुडी कहानिया | धरती पर एक दुसरे के दुश्मन कहे जानेवाले पशु जब देवताओ के साथ रहते है तो प्यार से क्यों रहते है ? क्योंकि वहां भूख नहीं होती |
इसीलिए वहां कोई किसी को खाता नहीं | पशुओ के लिए पेट की भूख ही एक दुसरे से दुश्मनी का कारण है | मदद करना पशुओ के व्यवहार में नहीं | यह मनुष्य में पाए जानेवाला गुण है | पशु अपना यह व्यवहार छोड़कर पांडव पुत्र भीम की मदद क्यों करते है ? सारे अच्छे गुण मानवो में होने के बावजूद , मनुष्य एक पशु ही है | ऐसा किताब के अंत में कहा गया है लेकिन क्यों ? आप जरूर पढ़कर जानिये |
धन्यवाद !
Wish you happy reading ………….