MANAGEMENT AND CORPORATE GURU CHANAKYA BOOK REVIEW SUMMARY HINDI

मैनेजमेंट और कॉर्पोरेट गुरु चाणक्य

हिमांशु शेखर द्वारा लिखित

{ चाणक्य प्राचीनतम इतिहास के सबसे पुराने मैनेजमेंट गुरु है }

लेखक – हिमांशु शेखर

प्रकाशक – डायमंड बुक्स

पृष्ठ संख्या – 182

लेखक परिचय –

      हिमांशु शेखर युवा पत्रकारों में से है | उन्होंने जनसत्ता से अपने लेखन की शुरुवात की है | उनके लेख तक़रीबन सारे प्रमुख पत्र – पत्रिकाओ में छप चुके है | उन्होंने 500 के ऊपर लेख लिखे है | उन्होंने स्कूल की पढाई अपने नेटिव प्लेस बिहार से की है | उन्होंने ग्रेजुएशन दिल्ली से किया है | इसके बाद की पढाई भी उन्होंने दिल्ली से ही की है | वह देश के प्रमुख अखबार में कार्यरत है |

आजकल सबलोग अपने – अपने मैनेजमेंट कोर्स बनाकर बेचते है लकिन आप अगर उनके कोर्स की जड़ में जाकर देखोगे तो आप पाओगे की वहां चाणक्य की कही गई बाते ही दोहराई गई है ऐसा खुद लेखक का मानना है इसके लिए उन्होंने किसी पाश्चिमात्य मैनेजमेंट गुरु का नाम भी दिया है जो सबसे पहले मैनेजमेंट की बातो के लिए प्रसिद्ध हो गए थे |

चाणक्य की बातो पर इसलिए भरोसा करना चाहिए क्योंकि उनके ही मैनेजमेंट के कारण चन्द्रगुप्त मौर्य का राज्य इतना फला – फुला | उनके राज्य में हर बात की मुबलकता थी | उनके ही कारण जगज्जेता सिकंदर भारत पर आक्रमण न कर सका | किसी भी राज्य को या किसी भी बिज़नस को चलाने के लिए सही व्यक्तियों की पहचान होना बहुत जरूरी है | वह आप के साथ इमानदार होने चाहिए | आप के सुख – दुःख उनके होने चाहिए तभी वह हर परिस्थिति में आप का साथ निभा पाएंगे | 

         आप को धोका देने का सोचेंगे भी नहीं | एक राजा को कैसे होना चाहिए ,उसके राज्य में समृध्दी कैसे आएगी , उसका राज्य कैसा बढे ? इसके लिए कौन सी परिस्थितियाँ उपयुक्त रहेंगी | इसके बारे में भी उन्होंने अपने ग्रंथो में लिख छोड़ा है | अभी राजा और राज्य तो रहा नहीं तो आप इसे अपने बिज़नस से रीलेट कर सकते हो | उन्होंने अपने ग्रन्थ संकृत में लिखे है | प्रस्तुत किताब में लेखक ने चाणक्य द्वारा लिखे संस्कृत वाक्य दिए है फिर उन्ही का हिंदी में अर्थसहित मर्म समझाया है की वह असलियत में क्या कहना चाहते थे | वैसे भी आजकल बड़ी – बड़ी कम्पनियां अपने एम्प्लोइज को हायर करने के लिए “हस्ताक्षर विज्ञान” का सहारा लेने लगी है जिससे उन्हें पता चलता है की कौनसा व्यक्ति उनके काम का है और कौन नहीं ?

प्रस्तुत किताब में पुरे 20 अध्याय है जिसमे शामिल है व्यक्ति की पहचान , नेतृत्व क्षमता ,रणनीतिक कौशल , सही किताब के मुखपृष्ठ पर लेखक द्वारा लिखा एक चार लाइन का बहुत ही अच्छा विचार लिखा है जिसमे पुरे किताब का सार आ गया है | की अच्छे मैनेजमेंट गुरु में कौन – कौन से गुण होने चाहिए जैसे की लोगो से काम निकालने के लिए मीठे वचन बोलते आना चाहिए , वह कठोर परिश्रमी होना चाहिए अगर किसी ने कुछ गलत किया तो वक्त पर कठोर फैसले लेने की क्षमता भी उस व्यक्ति में होनी चाहिए | यह सारी बाते तब भी प्रासंगिक थी और अब भी है | कोई भी इन्हें अपना कर कॉर्पोरेट की दुनिया में ऊंचाई पर जरूर पहुँच सकता है |

तो इस किताब को खरीदकर अपने पास जरूर रखिये ताकि चाणक्य अपने विचारो द्वारा अभी भी आप की मदद करते रहे |

धन्यवाद !!!!!!!!!!!!!!!

Wish you happy reading……………


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