MEKH MOGRI REVIEW AND SUMMARY IN HINDI

मेख मोगरी

रणजीत देसाई द्वारा लिखित

रिव्यु –

यह एक कथासंग्रह है जिसमें अलग – अलग पृष्ठभूमि की और अलग – अलग वक्त की पांच कहानिया शामिल है | इसे लिखा है मराठी के प्रसिद्ध साहित्यकार रणजीत देसाई इन्होने | उनकी कहानिया एक ही पृष्ठभूमि पर आधारित नहीं होती | वह भारत में स्थित ज्यादा से ज्यादा प्रदेशो पर , वहां की संस्कृति पर , अलग – अलग पृष्ठभूमि पर आधारित कहानियां लिखते है |

इससे वह जताना चाहते की वह एक महाराष्ट्रीयन बाद में , एक भारतीय पहले है | उनकी कहानिया सच्चाई को अपने साथ लिए होती है | रणजीत देसाई इनको 1964 में साहित्य अकादमी और 1973 में पद्मश्री सन्मान से नवाजा गया है | स्वामी , श्रीमान योगी , राधेय ,पावनखिंड , कांचन मृग यह उनकी कुछ प्रसिद्ध किताबे है | उन्होंने कई नाटक भी लिखे है जैसे स्वर सम्राट तानसेन , रामशास्त्री ई. |

प्रस्तुत पुस्तक अपने आप में पांच कहानियाँ समेटे हुए है | जो इस प्रकार है –

मेख मोगरी , संस्कार ,सुरसिंगार ,मोकळ आकाश ,शेवटचा शिवाजी |

किताब के प्रकाशक है – मेहता पब्लिशिंग हाउस

पृष्ठ संख्या – 113

उपलब्ध – अमेज़न और किनडल पर

सारांश

एक प्रेमकथा है | दो सरदार घरानों की कहानी है | दोनों घरानों के वरिष्ठ सरदार बहुत अच्छे मित्र है | एक को बेटा और दुसरे को बेटी है | बेटी के पिता को अपने वंश परंपरागत अमीरी पर गर्व है | उनका आव्हान है की कोई भी सूर्योदय से सूर्यास्त तक उनके महल को पूरा लूटकर दिखाए अन्यथा महल के प्रवेशद्वार पर लटकाई गई मेखमोगरी से अपना सर फोड़कर मृत्यु को प्राप्त कर ले |

इसमें मेख मोगरी उनके घराने की शान को दर्शाती है साथ ही साथ हारनेवालो को मृत्यु का भय भी दिखाती है | लड़का यह आव्हान स्वीकार करता है | वह चाहता तो दोनों घरानों में आसानी से रिश्ता हो जाता लेकिन लड़का अपने कर्तबगारी से लड़की का दिल जीतना चाहता है | लड़का महल की वह चीज लुटता है जिससे उनके घर में अमीरी रहती है और साथ में लड़की का दिल भी | क्योंकि एक बेटी के पिता के लिए उसकी बेटी ही उसका सबकुछ होती है | इस तरह लड़का जीत जाता है |

इसमें मराठी की वह भाषा उपयोग में लाई गई है जो पुराने मराठी फिल्मो में बोली जाती थी | कहानी पढ़ते वक्त आप को पुराने मराठी फिल्मो की याद जरूर आएगी अगर आपने देखी हो | सारी कहानियां अच्छी है | लेखक का लिखने का तरीका और भाषा बहुत अच्छी है | वैसे भी पुराने लेखक बहुत अच्छा लिखते थे |

सुरसिंगार – भोगराज नाम के महाराज की कहनी है जो नाम की तरह ही भोगविलास में डूबा रहता है | राजा बनते ही वह अपने पिता के सारे वफादारो को राज्य के बाहर का रास्ता दिखा देता है |

भोगराज के कारण सुरसिंगार का सारा वैभव जाता रहता है | पारंपरिक सन्मान प्राप्त वस्तुओ को वह मार्किट में कम दामो में बेचता जाता है | उन्ही वस्तुओ को भोगराज के पिता का मित्र और वफादार खरीदकर , सहेजकर रखता है | भोगराज हमेशा ही उस मित्र को दुश्मन समझता है लेकिन वही भोगराज की गवाई हुई सारी संपत्ति जमा कर के उसके हवाले कर खुद तीर्थयात्रा पर निकल पड़ते है | कहानी बहुत अच्छी सिख लिए हुए है जो बताती है की दुनिया में अच्छे लोग अभी भी बाकी है |

ऐसे ही संस्कार और शेवटचा शिवाजी इनकी भी कहानी बहुत अच्छी है | हमें सबसे अच्छी कहानी मोकळ आकाश लगी क्योंकि यह नए ज़माने की है बाकि की सारी कहानिया तो बीते ज़माने की है |

मोकळ आकाश कहानी बताती है की विवाह के बाद स्त्रियों पर कितने बंधन लग जाते है | ससुराल के लोग खून के रिश्ते को ही अच्छा मानते है चाहे उनमे कितनी ही खोट क्यों न हो | लेकिन एक लड़की अगर शादी के पहले कोई मुहबोले रिश्ते बनाती है |

चाहे वह कितनी ही पवित्रता के साथ उन्हें क्यों न निभाए | ससुराल जाने के बाद वह उन रिश्तो को पराये बनाने पर मजबूर हो जाती है क्योंकि उसके मन के पवित्रता का कोई मापदंड नहीं होता | ऐसे ही मुह्बोले भाई – बहन की यह कहानी है | जहाँ भाई अपने बहन के ऐसे व्यवहार से पूरी तरह टूट जाता है | अपनी बहण से दुबारा न मिलने के सारे बहानो को तिलांजलि देकर वह अपने घर लौट आता है | इससे उसके मन का सारा बोझ कम हो जाता है | अभी उसे सारा आसमान खुला – खुला लगता है जैसे उसका मन है |

सारी कहानियाँ बहुत अच्छी है | किताब को जरूर पढ़िए |

धन्यवाद !

wish you happy reading…………

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