हड़प्पा – रक्तधारा का श्राप
विनीत बाजपेयी द्वारा लिखित
रिव्यू –
आज हम आपको विनीत बाजपेई द्वारा लिखित “हड़प्पा श्रृंखला” के बारे में बताने जा रहे हैं जो 2018 से लेकर तो अभी तक बेस्ट सेलर बुक है | उसमें से पहली किताब है – “हड़प्पा – रक्तधारा का श्राप”| इसके पहले हम आपको हड़प्पा के बारे में कुछ जानकारी बताए देते है | हड़प्पा – भारत की एक प्राचीन और उन्नत सभ्यता थी जो सिंधु नदी के तट पर बसी हुई थी जिसका कुछ भाग अभी के पंजाब , गुजरात , पाकिस्तान , हरियाणा और हिमाचल प्रदेश मे भी था | यही वह सभ्यता थी जहां धार्मिक प्रथाएं प्रचलित थी |
7000 साल पहले लोग यहां आए | 6000 साल पहले उन्होंने खेती-बाड़ी शुरू की | 5000 साल पहले उन्होंने बिल्डिंग बनानी शुरू की | और ऐसे ही उनकी सभ्यता फलती और फूलती गई | हड़प्पा के निचले भाग मे मोहेनजोंदारों बसा हुआ था जहां दुनिया के सबसे पहले बाथरूम और वेस्टर्न टॉयलेट पाए गए थे |
हड़प्पा की खुदाई में मिले अवशेषों को अपनी कल्पना की कहानी में पिरोकर विनीत वाजपेई एक बेहतरीन कहानी आपके समक्ष लेकर आए हैं |
इस किताब के –
लेखक है – विनीत वाजपेई
प्रकाशक है – ट्री शेड बुक
हिन्दी अनुवाद – उर्मिला गुप्ता इन्होंने
उपलब्ध है – अमेजॉन और किंडल पर
इसका हिंदी अनुवाद का संस्करण 2019 का है | विनीत वाजपेई लेखक के साथ-साथ एक बिजनेसमैन भी है | हमने उनकी बुक पहली बार ही पढ़ी है | हमें लगता था कि बाकी लेखको की तरह वह भी सिर्फ लेखन कार्य ही करते होंगे लेकिन जब उनका डेजिग्नेशन जाना तो थोड़ी देर के लिए हैरत हुई और उसके बाद बहुत सारी प्रसन्नता….
सचमुच , बदलते वक्त के साथ मनुष्य ज्यादा टैलेंटेड हो गया है | कॉर्पोरेट जगत के व्यक्ति ने इस विषय पर किताब लिखना सचमुच सराहनीय है | नहीं तो , मॉडर्न होने के चक्कर में हम अपनी संस्कृति को ही भूलते जा रहे हैं | जैसे-जैसे हम किताब मे आगे की तरफ जाते हैं | वैसे-वैसे तथ्यों का , पात्रों का , परिस्थितियों का वर्णन भयंकर और डरावना होते जाता है |
हमारा निवेदन है कि जिनका हृदय कमजोर है | वह यह किताब रात में ना पढ़े | सचमुच , किताब पढ़ते समय , हर वक्त हमने लेखक की तारीफ की | की कैसे ? उन्होंने इतना भयंकर वर्णन सोचा होगा ?
और लिखा होगा | इसलिए उन्होंने कितनी जानकारियां जुटायी होगी | हम बहुत से लोग अपने वेदों , ग्रंथों ,उपनिषदों , पुराणों के बारे में ऊपरी तौर पर जानते हैं लेकिन यह किताब आपको उसके सखोल दर्शन कराती है | किताब के शुरुआत में ही बड़े-बड़े दिग्गज लोगों के कमेंट आपको पढ़ने को मिलेंगे | उनके लेखन में उनकी मेहनत साफ झलकती है | जल्द ही इनपर फिल्म और वेबसीरीज भी बनने जा रही है | ऐसा किताब के मुखपृष्ठ पर ही लिखा हुआ है |
किताब पढ़ने मे ही इतनी दिलचस्प और रोंगटे खड़े कर देनेवाली है तो सीरीज और फिल्म तो अलग ही लेवल पर होगी | किताब का मुखपृष्ठ विनीत बाजपेई की धर्मपत्नी इन्होंने डिजाइन किया है | कितना पढ़ने के बाद आपको पता चलेगा कि उन्होंने कितना सही और सटीक डिजाइन तैयार किया है |
विनीत बाजपेयी एक भारतीय व्यवसायी होने के साथ साथ राष्ट्रीय स्तर पर बेस्टसेलिंग लेखक भी हैं | वह मैग्नन ग्रुप के संस्थापक ,अध्यक्ष और टैलेंटट्रैक के संस्थापक हैं | यह बड़ी विज्ञापन कंपनी है | जो मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र को जोड़ने का काम करती है |
उन्होंने मैग्नन सॉल्यूशंस की स्थापना की जिसे बाद में ओमनीकॉम ग्रुप ने अपने साथ मिला लिया |
उन्होंने टीबीडब्ल्यूए के इंडिया ग्रुप के सीईओ के रूप में कार्यभार संभाला जो दुनिया की टॉप की ऐड्वर्टाइज़िंग एजेंसियों में से एक है |
उनकी उपलब्धि यह है की वह देश में एक बहुराष्ट्रीय विज्ञापन नेटवर्क के सबसे यंग सीईओ में से एक बने | उनकी किताबओ मे शामिल है –
बिल्ड फ्रॉम स्क्रैच (2004)
द स्ट्रीट टू द हाईवे (2011)
द 30 समथिंग सीईओ (2016)
हड़प्पा श्रृंखला (Harappa Series):
हड़प्पा – कर्स ऑफ द ब्लड रिवर (2017)
प्रलय – द ग्रेट डिल्यूज (2018)
काशी – सीक्रेट ऑफ द ब्लैक टेम्पल (2018)
मस्तान – द फॉलन पैट्रियट ऑफ दिल्ली
1857: द स्वोर्ड ऑफ मस्तान (2021)
दिल्ली: सिटी ऑफ द ब्लड गेट्स (2023)
लेखक को उनके बिजनस और कॉर्पोरेट उपलब्धियों के लिए कई पुरस्कार मिले हैं जिनमे शामिल है –
एशिया पैसिफिक एंटरप्रेन्योरशिप अवार्ड (2011)
सीएनबीसी मर्सिडीज बेंज यंग टर्क्स अवार्ड (2012)
एंटरप्रेन्योर पत्रिका द्वारा एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवार्ड (2016)
उनका नाम बिजनेस वर्ल्ड द्वारा भारत के डिजिटल इकोसिस्टम में 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची मे शामिल है |
द टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने उन्हें “भारत का नया साहित्यिक सुपरस्टार” कहा है | वह जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के जैसे साहित्यिक आयोजनों मे नियमित वक्ता हैं |
उनके द्वारा लिखित हड़प्पा सीरीज ने काफी लोकप्रियता और प्रशंसा पाई है | विनीत को उनकी आनेवाली रचनाओं के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं !
हरप्पा सीरीज की पहली किताब का सारांश हम आपको बताने जा रहे हैं | आशा करते हैं आपको पसंद आएगा | तो देखते हैं इसका –
सारांश –
यह कहानी है “विद्युत” नाम के एक युवा की जो दिल्ली का सफल उद्यमी है | एक दिन उसको उसके परदादा “द्वारका शास्त्री ” का बनारस से फोन आता है | उसे वहां बुलाया जाता है क्योंकि उसके परदादाजी वहां के एक प्रसिद्ध मठ के मठाधीश है | इसके पहले किताब की कहानी दो पृष्ठ भूमियों पर चलती है | एक है बनारस मे घटित 2017 की कहानी , तो दूसरी है 1700 ईसा पूर्व हड़प्पा की कहानी |
हड़प्पा की कहानी में 1700 ईसा पूर्व में “विवस्वान पुजारी” है जो वहाँ का शक्तिशाली व्यक्ति है और वहां देवता की तरह पूजा जाता है | वैसे वह भी आधा देवता और आधा इंसान है | वहां की एक महत्वाकांक्षी महिला जो की “विवस्वान पुजारी” के साले की पत्नी है | वह पश्चिम के तीन जादूगरों के साथ मिलकर “विवस्वान पुजारी” के परिवार और मान प्रतिष्ठा को धूल में मिला देती है |
इसलिए “विवस्वान पुजारी” हड़प्पा के लोगों से बदला लेना चाहता है | हड़प्पा के लोग जिस नदी को देवी के रूप में पूजते थे | उसी नदी को वह रक्तधारा क्यों कहने लगे ? इसका जवाब भी आपके यहां मिलेगा | विवस्वान पुजारी के प्रतिशोध की कहानी आप इस किताब में पढ़ पाएंगे |
दिल्ली के युवक विद्युत , उसके परदादा , उनके मठ और विवस्वान पुजारी का आपस में क्या संबंध है ? यह भी आपको यहाँ पता चलेगा | किताब पन्ना दर पन्ना , चैप्टर दर चैप्टर , नए-नए राज खोलती जाती है | लेखक ने हड़प्पा में मिले अवशेषों की फोटो को भी किसी-किसी चैप्टर में जोड़ा है और इनको ही लेकर उन्होंने एक काल्पनिक कहानी तैयार की है जो आपको किताब से दूर नहीं जाने देगी | आगे की कहानी “प्रलय” में दी है | किताब सचमुच बहुत-बहुत अच्छी है | आप इसे जरूर – जरूर पढ़िए | तब तक पढ़ते रहिए | खुशहाल रहिए | मिलते है और एक नई किताब के साथ तब तक के लिए ….
धन्यवाद !!