पुरुष क्यों नहीं सुनते और
महिलाये क्यों नहीं समझती
ऐलन और बारबरा पीज द्वारा लिखित
रिव्यु –
यह किताब मानव मस्तिष्क पर की गई विविध परीक्षाओ के नतीजो पर आधारित है | जिनसे पता चला है की महिला और पुरुष की आदतों और स्वभाव में इतना अंतर कैसे हो सकता है | इस किताब को लिखने के लिए लेखक को पुरे तीन साल लगे | इसके लिए लेखक और उनकी टीम ने विविध पत्रिकाओ ,रिसर्च लेखो ई. का बहुत अध्ययन किया | तब जाकर लेखक यह किताब हमारे लिए लेकर आ पाए | बहुत सारे विश्वविद्यालयो और वैज्ञानिको ने मानव मष्तिष्क पर बहुत सालो तक रिसर्च किये |लोगो के हावभाव ,बोलचाल ऐसे ही अनेक स्थितियों पर अध्ययन किया और जो नतीजे निकले उनके आधार पर यह किताब लिखी गई है | यह किताब मुख्यतः अंग्रेजी में लिखी गई है | जिसे लिखा है –
लेखक – ऐलन और बारबरा पीज
हिंदी अनुवाद – नीलम भट्ट
प्रकाशक – मंजुल पब्लिशिंग हाउस
पृष्ठ संख्या – २८२
उपलब्ध – अमेज़न , किनडल (अंग्रेजी और हिंदी में )
यह किताब जैसे – जैसे आप पढ़ते जायेंगे वैसे – वैसे आप की इसमें दिलचस्पी जागते जाएगी | इस किताब के माध्यम से हम उन सारे तथ्यों को जान पाएंगे जिनसे हम अभीतक अंजान थे | इसलिए हमे लेखक, लेखिका और उन सारे लोगो का धन्यवाद करना चाहिए जिनकी वजह से यह किताब पढ़ने के लिए हमारे हाथ में है | लेखक के मतानुसार आप को स्वयं को विपरीत लिंग के व्यक्ति को समझने में मदद मिलेगी जिससे रिश्ते ज्यादा आनंद दायक और अच्छे हो | आइये तो जानते है इस किताब का सारांश –
सारांश –
इसमें पुरे ग्यारह चैप्टर है जो महिलाओ और पुरुषो की अलग – अलग आदतों के बारे में आप को जानकारी देगी | इससे दोनों को एक दुसरे के प्रति ग़लतफ़हमी है तो वह दूर करने में जरूर मदद मिलेगी |
इस किताब में दिए अध्ययनो के अनुसार हर भ्रूण शुरुवाती स्टेज में मादा ही होता है | बाद में उसे मिलनेवाले नर या मादा हॉर्मोन की वजह से उसकी तबदीली लड़का या लड़की में होती है | उनको मिलनेवाले नर या मादा हॉर्मोन के ऊपर ही उनका स्वभाव तय होता है | अध्ययनों ने इस बात को झुठलाया है की बच्चे के आस – पास का वातावरण उसके स्वभाव के लिए जिम्मेदार होता है बल्कि बच्चे जब भ्रूण के रूप में माँ के पेट में रहते है तब ही उनका मस्तिष्क तैयार होता है | तब ही यह निश्चित हो जाता है की वह कैसा जीवन जियेगा | इसलिए उसकी माँ और उस के आस – पास का वातावरण प्रसन्न रखे |
वैज्ञानिको के सारे तथ्य और शोध जो इस किताब में दिए है | इस बात पर आधारित है की पुरुषो का दिमाग एक शिकारी के तौर पर तैयार हुआ है जब की महिलाओ का घरौंदे की रक्षा करनेवाली के रूप मे |
इसीलिए पुरुषो का दिशा ज्ञान अच्छा होता है | उन्हें दूर तक का दिखाई देता है जब की फ्रिज में रखी पास की चीजे नहीं | उनके पास शब्दों की कमी होती है इसीलिए वह मितभाषी होते है | शिकारी है इसीलिए भावनाए उनके लिए महत्व नहीं रखती जब की महिलाओ के लिए भावनाए ज्यादा महत्व रखती है | महिलाओ को ज्यादा बोलना अच्छा लगता है | उन्हें नक़्शे जल्दी समझ में नहीं आते | इसीलिए शायद युद्ध के समय क्लियोपेट्रा को जो भी व्यक्ति नक्षा समझाता था वह उसे मृत्युदंड देती थी |
लेखक ने पुरुषो के लिए एक वार्निंग भी बताई है | वह ये की अगर आप की पत्नी ने आप से बात करना कम किया है या बिलकुल ही बंद | तो यह पुरुषो के लिए खतरे की घंटी है | या समझे तूफान के आने के पहले की शांती……..
तो अब आप ही समझ जाइए की इस किताब में आप को आप के हर सवाल का जवाब मिल जायेगा जिसकी वजह से किसी दो विपरीत लिंग के लोगो में ग़लतफ़हमी हो सकती है | यह किताब आप के रिश्ते अच्छे करने में मददगार साबित होगी | किताब पढ़कर इसे अन्यथा न ले बल्कि अपने ज्ञान को बढाने और अपने रिश्ते अच्छे करने के लिए इसका उपयोग करे | जिससे आप का आनेवाला जीवन अच्छा हो सके | आशा है आप यह किताब पढेंगे | इसे खरीदकर अपने पास ही रखिये ताकि कुछ बाते आप भूल जाये तो आप उन्हें पढ़कर दोहरा सके और लेखक और लेखिका की मेहनत को सफल कर सके | ध्यान रखे किताब बच्चो के लिए नहीं है |
धन्यवाद !
Wish you happy reading……..
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