KAALA MOTI BOOK REVIEW SUMMARY IN HINDI

काला मोती

शिवेन्द्र सूर्यवंशी द्वारा लिखित

रिव्यू –

    बरमूडा ट्रायऐंगल , धरती का एक ऐसा भाग जिसने अभी तक न जाने कितने जहाजों और हवाई जहाजों को गायब कर दिया | उनका अभी तक कोई नामोनिशान नहीं मिला | इन जगहों के रहस्यों को कोई भी वैज्ञानिक सुलझा नहीं पाया है | इसी बरमूडा ट्रायांगल और उसके रहस्यों को आधार बनाकर लेखक ने एक कहानी गढ़ी है जिसमे आप को ग्रीक मायथोलॉजी के कुछ पात्र और रहस्य , हिन्दू मायथोलॉजी के कुछ पात्र और रहस्य और धरती पर से हजारों साल पहले गायब हुए प्राणियों के बारे मे पढ़ने को मिलेगा | लेखक ने किताबों की पूरी सीरीज ही लिखी है | अब इसमे कितनी किताबे है | यह बताना तो मुश्किल है लेकिन अभी तक हम इसकी चार किताबे पढ़ चुके है | लेखक को इनकी विषयवस्तु तैयार करने के लिए पूरे 25 साल लगे |

        इस दौरान उन्होंने कई विषयों के बारे मे जानकारी जुटाई जिसमे शामिल है फिज़िक्स के सूत्र , रसायन विज्ञान की रासायनिक प्रक्रिया , विचित्र जीव – जन्तुओ का संसार , वनस्पती विज्ञान , पृथ्वी व ब्रह्मांड का भौगोलिक दर्शन , अतीत के मानव का इतिहास , रत्न विज्ञान , ज्योतिष विज्ञान ई. बापरे !!!!!!!!!! उन्होंने इतने सारे विषयों की जानकारी जुटाई की हमे लिखते – लिखते ही इतना सारा समय लगा तो उन्हे 25 साल लगने लाजमी है | इस किताब के –

लेखक है – शिवेन्द्र सूर्यवंशी

प्रकाशक है – सूरज पॉकेट बुक्स

उपलब्ध – अमेजन , किन्डल ,फ्लिपकार्ट

सारांश –

     यह इस सीरीज की छठी किताब है | कहानी के इस भाग मे देवयुद्ध के लिए सारे लोग अराका द्वीप पर जमा हो रहे है | अराका द्वीप पर इसलिए क्योंकि पृथ्वी को नष्ट करने की जड़े यही से काम कर रही है | इस भाग मे “काला मोती” के निर्माण की कहानी बतायी है जो की एक काल्पनिक कहानी है | यह काला मोती है तो पोसाइडन के पास लेकिन इसकी जड़े ब्रह्मदेव से जुड़ी है , कैसे ? यह आप किताब मे पढिए | इस भाग मे एलेक्स और तौफीक , इंद्राक्ष के वरदान से पुनः जीवित होकर अपना तिलिस्म का द्वार पूरा करते है |

         बाकी के लोग भी जैसे क्रिस्टी , जेनिथ ,शैफाली , सुयश यह भी अपने – अपने तिलिस्म द्वार की कसौटी पर खरे उतरते है | आखिर मे द्वार न. 7 पर सब एक दूसरे से मिलते है | जिसमे अल्बर्ट और ब्रुनो भी शामिल है | तिलिस्म के हर एक द्वार पर लेखक ने जितनी भी पहेलियाँ लिखी है , जैसे चीजों का वर्णन किया है ,वह बहुत ही लाजवाब है | हमे तो पढ़ते वक्त सिर्फ तिलिस्म के अगले द्वार की पहेली का ही इंतजार रहता था | वैसे इन पांचों किताबों को पढ़ते वक्त आप के ज्ञान मे बहुत सारा इजाफा जरूर हो जाएगा | किताबों को पढ़कर ही समझ मे आता है की क्यों लेखक को इसके लिए 25 साल की तैयारी करनी पड़ी |

देवयुद्ध के लिए नीलाभ को महादेव की शक्तियां धारण करना है | इसलिए उसे महादेव के पंच अवतारों को प्रसन्न करना है | अबतक नीलाभ वीरभद्र , कालभैरव और हनुमानजी इनको प्रसन्न कर चुका है , लेकिन कैसे ? उसके लिए उसने कौन – कौन सी चुनौतियों का सामना किया | यह आप किताब पढ़कर जरूर जाने | व्योम को भी अपने जन्म के बारे मे सारी असलियत पता चल जाती है | किताबे बहुत अच्छी है जो आप को इस पृथ्वीतल से लेकर ब्रह्मांड मे स्थित अन्य अकाशगंगाओ की सैर पर लेकर जाती है |

         पहले अध्याय मे अगर आप हनुमानजी के संग पवित्र वातावरण मे है तो दूसरे ही पल आप पोसाइडन के साथ समुंदर की गहेराइयों मे होंगे | किताब के लिए सिर्फ इतना ही कहना होगा – अप्रतिम , अप्रतिम .. अप्रतिम | इस सीरीज की आखिरी पुस्तक मार्च 2022 मे प्रकाशित होगी | इस सीरीज को जरूर पढिए |

धन्यवाद !

Wish you happy reading…….

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