GARUDJANMACHI KATHA BOOK REVIEW HINDI

सुधा मूर्ति द्वारा लिखी पांचवी किताब है – गरुडजन्माची कथा

रिव्यु और सारांश –

    यह पुराणों की कथा का संग्रह है या आप कह सकते है की कहांनियो का एक गुच्छा है | वैसे तो इतने सारे पुराण है और उसमे कितनी ही कहानिया है | लेकिन उनमे से इस किताब में कुछ ही कहानिया संकलित है | इसमें मुख्य गरुड़ और साँप के जन्म की कथा है क्योंकि यह दोनों सौतेले भाई है और किसी न किसी तरह से भगवान विष्णु से रिलेटेड है | इसमें चित्रों के माध्यम से कहानियो को दर्शाया गया है जिससे कहानी और इंट्रेस्टिंग लगेगी |

क्या आप को पता है धरती पर सांपो की प्रजाति कैसे आयी अर्थात पुराणों के अनुसार…..

तो विनीता और कद्रू यह कश्यप ऋषि की दो पत्नियाँ थी | जिसमे से कद्रू सांपो की माँ है और विनीता गरुडो की……

सबसे पहले जन्मे नाग शेषनाग है जो भगवान विष्णु की शय्या है और दुसरे है वासुकी जो नागो के राजा है | पहले जन्मे गरुड़ सूर्यदेव के रथ के सारथी है जिन्हें अरुण के नाम से जाना जाता है इसलिए सूर्योदय को हम अरुणोदय भी कहते है | दुसरे गरुड़ भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी के वाहन है |

विनीता और कद्रू में स्वर्ग के देवता इंद्र का घोडा “उच्चैश्रवा” की पूंछ को लेकर शर्त लगती है | अब वो क्या है और इसी शर्त से जुडी गरुड़ के जन्म की कहानी है | जो इसी किताब में दी गई है |

क्या आप जानते है है की रावण और कुम्भकर्ण , हिरण्याक्ष और हिरण्यकश्यिपू , शिशुपाल और दन्तवक्र यह वास्तव में कौन थे ? जिन्हें भगवान विष्णु के अलग – अलग अवतारों के हाथो मृत्यु प्राप्त हुई थी | तो पुराणों में बताया गया है की यह दोनों वैकुण्ठ के द्वार के द्वारपाल जय और विजय है | जाहिर है की वैकुण्ठ में वे ही लोग रहते है जो भगवान विष्णु के निस्सीम भक्त हो लेकिन फिर क्यों इनको भगवान विष्णु के हाथो मृत्यु प्राप्त हुई ? इसकी भी बड़ी ही रोचक कहानी आप को यहाँ मिलेगी |

भगवान विष्णु का रामजन्म क्यू हुआ ?इस जन्म में उनको बंदरो और भालुओ का सहारा क्यों लेना पड़ा ? इससे जुडी कहानी भी यहाँ है | एक स्वयंवर के कारण नारदमुनी और पर्वतमुनी अपने ही द्वारा कहे गए वचनों में कैसे फंसते है | इसकी भी कहानी यहाँ है | भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिर और सबसे अमीर मंदिर भगवान तिरुपति बालाजी की कहानी भी यहाँ है | यह सारी कहानिया जहां घटी है | उससे जुड़े स्थल और मंदिरो के बारे में भी यहाँ लेखिका ने जानकारी साझा की है |

दो देर किस बात की यह किताब जल्द से जल्द खरीदिये और रोज एक कहानी अपने बच्चो को सुनाइए और ऐसे ही कहानी के जरिये अपने पुरानो को एक्स्प्लोर कीजिये | वैसे भी यह कहानिया अपने आप में ही कुछ सिख लिए होती है | वैसे भी कहते है की बच्चो को रात में कहानी सुनाने से वह अपने मम्मी – पप्पा से भावनात्मक रूप से जुड़े रहते है | उनकी बात सुनते और मानते है | इसतरह माता – पिता उनमे अच्छी आदते और गुण डेवलप कर सकते है | किताब अच्छी है जरूर पढ़िए |

धन्यवाद !

wish you happy reading…………..

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