सुधा मूर्ति द्वारा लिखित 5 किताबे
उसमे से पहली किताब है –
सर्पाचा सूड
रिव्यु –
जैसा हमने आप को बताया था की बच्चो के लिए हम कुछ किताबो का सारांश लेकर आयेंगे जिससे की उनके ज्ञान में वृद्धी हो | ऐसे ही और एक बुक है जो सुधा मूर्ति द्वारा लिखी गई है | “सर्पाचा सूड”| ओरिजनली यह बुक कन्नड़ में लिखी गई है | हमें इसका मराठी वर्जन पढ़ने को मिला है | इसलिए मराठी बुक के बारे में ही जानकारी दे रहे है |
नाम – सर्पाचा सूड
लेखिका – सुधा मूर्ति
अनुवाद – लीना सोहोनी
प्रकाशन – मेहता पब्लिशिंग हाउस
पृष्ठ संख्या – 254
लेखिका का परिचय –
सुधा मूर्ति “ इनफ़ोसिस फाउंडेशन ” की अध्यक्षा है | वह एक नामवंत समाजसेविका है | उन्होंने हमेशा ही बच्चो की शिक्षा पर जोर दिया है | उनके बारे में आप को किताब की शुरुवात में ही पढने को मिल जायेगा | उनकी ज्यादा से ज्यादा किताबे बच्चो के लिए होती है | इसलिए हम भी उनकी ही किताबे आप के लिए लेकर आये है | हमें उनकी किताबे पढ़ना पसंद है क्योंकि वह अपने विचार बड़े बेबाकी से रखती है | चूँकि यह ब्लॉग बच्चो के लिए है हम अपने ब्लॉग की भाषा सिंपल रखना चाहते है | उम्मीद है आप को पसंद आएगा |
आइये , तो जानते है इस किताब में क्या लिखा है |
सारांश –
जैसा की आप किताब के मुखपृष्ठ को गौर से देखोगे तो आप को समझ में आएगा की एक साँप इन्सान से भी बड़ा हो गया है | चित्र में दिखाया गया व्यक्ति राजसी कपड़ो में है और उसके हाथो से एप्पल की टोकरी फिसलकर सारे एप्पल गिर गए है |
तो यह कहानी हम आप को बताये देते है | यह पांडवो के वंशजो की कहानी है | वंशज मतलब पांडवो के बाद उनके पीढ़ी में जन्मे लोग ……
पिक्चर में दिखाया गया व्यक्ति राजा परीक्षित है जो की अर्जुन का पोता है और अभिमन्यु का बेटा है | राजा परीक्षित ने ध्यान कर रहे ऋषि के गले मे मरा हुआ साँप डाल दिया था जिस कारण उसे श्राप मिला था की उसकी मृत्यु साँप के काटने से होगी | इसलिए उसे बचाने के लिए एक ऐसा महल बनाया जाता है जिसमे एक चींटी भी न जा सके | राजा परीक्षित महल के सबसे ऊँची मीनार पर रहता है |
लेकिन सांपो में शक्तिशाली साँप तक्षक वहा एप्पल में एक इल्ली के रूप में छुपकर वहां पहुँच जाता है | जैसे ही परीक्षित उस एप्पल को खाने लगता है तक्षक एप्पल में से निकलकर इल्ली से बड़ा और बड़ा होते जाता है और आखिर में परीक्षित को काट लेता है और परीक्षित मर जाता है |
राजा परीक्षित मर जाता है उसके बाद की कहानी ऐसे है …….
अब तक्षक ही राजा परीक्षित को काटने के लिए क्यों आता है तो यह वही साप है जो अपने पुरे परिवार और अपनी प्रजा के साथ खांडव वन में रहता था | खांडव वन वही जगह है जहाँ पांडवो ने इन्द्रप्रस्थ नगरी बनाई थी | जिसके निर्माण के लिए पांडवो ने खांडव वन अग्निदेवता की मदद से जला दिया था | जिस कारण तक्षक के परिवार को बहुत नुकसान पहुंचा | उसकी पत्नी मर गयी और प्रजा हताहत हो गई | तब उसने अर्जुन को कहाँ था की , “मैं तुम्हारे वंशजो का सर्वनाश कर दूंगा |” क्योंकि श्रीकृष्ण जी के साथ के कारण वह उनको कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता था | इसीलिए उनके वंशजो से बदला लिया और इसीलिए किताब का नाम , “सर्पाचा सूड” मतलब साँप का बदला………
राजा परीक्षित का बेटा जन्मेजय अपने पिता का बदला लेने के लिए एक यज्ञ करता है जिसमे दुनिया के सारे साँप जलकर मर जाये | अब वे कैसे बचते है इसकी अलग कहानी है | इस किताब में महाभारत की कुछ ऐसी ही कहांनिया शामिल है जिससे बहुत से लोग अनभिज्ञ है | जैसे की धरती के पहले पुरुष मनु एवं उनकी पत्नी श्रद्धा इनके बेटे की कहानी ,पुरुरवा , ययाति , पुरु , कुरु , हस्तिन जिससे पांडवो की नगरी का नाम हस्तिनापुर पड़ा |
विश्वामित्र और स्वर्ग की अप्सरा मेनका की बेटी शकुंतला और हस्तिनापुर का राजा दुष्यंत इनकी प्रेम कहानी , दुष्यंत और शकुंतला का बेटा भरत जिसके नाम से हमारे भारतवर्ष का नाम भारत पड़ा | कृष्ण और शकुनी के द्वारा की युद्ध में की गयी युक्तिया, अर्जुन के पहले जन्म की कहानी जिसमे कृष्ण और कर्ण भी जुड़े हुए है | क्यों अर्जुन को इतने सारे नामो से जाना जाता है इसकी भी अलग से कहानी है | अर्जुन के पत्नियों की कहानी , नदियों में श्रेष्ठ गंगा नदी क्यों अर्जुन को श्राप देती है और क्यों अर्जुन अपने ही बेटे के हाथो मारा जाता है ? मर जाता है तो पांडवो के साथ स्वर्गयात्रा कैसे करता है ?
कुरुक्षेत्र के युद्ध के बाद राजा बना युधिष्ठिर यज्ञ करता है | वह घोडा जिस – जिस राज्य में जाता है | वहां के राजा और व्यक्तियों की कहानी , भीम का बेटा घटोत्कच और घटोत्कच का बेटा बार्बरिक की कहानी भी आप को यहाँ मिलेगी |
चलिए तो इस किताब के बारे में सारी जानकारी हमने आप को दे दी है तो देर किस बात की …..
इस किताब को अमेज़न से मंगवाइये और रोज एक कहांनी के साथ- साथ अपने पुरानो और ग्रंथो को भी एक्स्प्लोर कीजिये |
धन्यवाद !
https://saranshbookblogs.com/kalpvrukshachi-kanya-by-sudha-murti-book-review-and-summary-in-hindi%e0%a4%95%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%aa%e0%a4%b5%e0%a5%83%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b7%e0%a4%be%e0%a4%9a%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%a8/.