AALEKH BOOK REVIEW SUMMARY IN HINDI

आलेख – गाँव के लोगो के जीवन पर आधारित कुछ मर्मस्पर्शी कथाये

रिव्यु –

    आलेख यह रणजीत देसाई इनका 24 मराठी कथाओ का संग्रह है जो गाँव के जीवन पर आधारित है | इस किताब को पब्लिश किया है – मेहता पब्लिशिंग हाउस

पृष्ठ संख्या – 196

उपलब्ध – किनडल

हमें लगता है की गाँव का जीवन बहुत ही सादगीपूर्ण और शांत है लेकिन जैसे ही आप इसके नजदीक जाकर महसूस करोगे तो यह असत्य निकलेगा | वहां भी अलग – अलग विचारो के लोग है | अलग – अलग स्वभाव के लोग है जिनमे भगवान पर श्रद्धा रखकर मेहणत करनेवाले है तो अंधश्रद्धा रखनेवाले भी है | मित्रो पर शक करनेवाले , चालाक चंट है तो विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी चालाकी और थोड़े से ज्ञान के बदौलत शांति से उसको पार करनेवाले लोग भी है |

इन 24 कथाओ में गाँव के बहुत सी जगहों का वर्णन है जिसमे हर एक कहानी घटित होती है जैसे गाँव के स्कूल की इमारत , खेत , घर , बसस्टैंड ई. | गाँव के विविध तरह के लोगो की उतनी ही भावनाओ के दर्शन लेखक ने कहानी के माध्यम से कराये है | गाँव के लोगो की जिंदगी जानवरों के बगैर अधूरी होती है इसलिए शायद हर दूसरी कहानी में इंसान और जानवर के रिश्ते की कहानी लिखी है |

लेखक के बारे में जानकारी इसके पहले के ब्लॉग “ मेख मोगरी ” में दी है | अगर आप मेख मोगरी पर क्लिक करोगे तो डायरेक्ट मेख मोगरी के ब्लॉग में पहुच जाओगे | यह हम इसलिए बता रहे है क्योंकि बहुतो को इस बात का पता नहीं होता है | अभी सीधे हम सारांश पर ही चलते है | पुरे 24 कथाओ का सार बताना तो पॉसिबल नहीं है लेकिन जो जो कथाये हमारे मन को छू गई | उसके बारे में हम आप को जरूर बताये देते है | चलिए तो शुरू करते है इसका सारांश –

सारांश –

    पुंडलिका भेटी – एक ऐसे गाँव की कहानी है जहाँ अकाल में सिर्फ एक ही व्यक्ति के खेत में मके की फसल है बाकि सारे भगवान को खुश करने के लिए अनेक तरह की विधिया कर रहे है | पुरे गाँव के लोग उस आदमी की पूरी फसल लुट लेते है , क्यों ? क्योंकी उसने भगवान को खुश करने की विधियों में हिस्सा ना लेकर अपने खेत में मेहनत की | इसी फसल की वजह से पूरा गाँव एक साल तक अपना भरण – पोषण करता रहा | बिचारा…….. वह किसान बर्बाद हो जाता है | शहर में मजदूरी करने लगता है लेकिन गाँव का पाटिल उसका यह एहसान हमेशा याद रखता है | जब गाँव फिर से संपन्न हो जाता है तो पाटील उस गरीब किसान को गाँव में बुलाकर उसे भी संपन्न कर देता है | उस किसान को पाटिल के रूप में पुंडलिक भगवान ही दिखाते है | उसे लगता है की उसने पाटिल के रूप में पुंडलिक भगवान के ही दर्शन कर लिए है | इसीलिए इसका नाम “ पुंडलिका भेटी ” |

शिकवणी , मोर , सांगता यह कहानियाँ भी अच्छी है | जप्ती कहानी का नायक तो विस्मय के साथ कहानी के अंत में आप के चेहरे पर हंसी ला देता है | इसके साथ ही आप उसके चालाकी के कायल भी हो जाओगे | अपने ऊपर आयी विपरीत परिस्थिति को वह कैसे अपने ज्ञान और चालाकी से मटियामेट कर देता है | यह आप जरूर पढ़िए | हमें यह कहानी तो बहुत ही पसंद आयी |

ताम्रपत्र – स्वातंत्र्य सैनिक की कहानी है जो आझादी के बाद अपने ही लोगो द्वारा अपमानित होता है | उसी दिन उसे अपनी देशसेवा के लिए ताम्रपट मिलनेवाला रहता है | पढ़िए अपने ही लोगो से आहत वह ताम्रपट स्वीकार करता है या नहीं |

वर्दल – ऐसे ही बुजुर्ग की कहानी है जो गर्मियों में लोगोकी मदद के लिए अपने खेत की जमीन खुली रखता है बिना कंपाउंड डाले…….

जब यही लोगो की गर्दी उसके बहु के चरित्र हनन की कोशिश करती है , तो वह तुरंत कंपाउंड डालकर लोगो का आना – जाना बंद कर देता है | कुछ राहगीरों के कुकर्मो की सजा बहुत सारे निरपराध राहगीरों को भी चुकानी पड़ती है क्योंकि उनसे अभी भरी दोपहरी में आसरा देनेवाली जगह छीन गई है |

भिंत – पति का उसकी पतिव्रता पत्नी पर शक उसकी जिंदगी बर्बाद कर देता है | शक की वजह से वह अपने वफादार दोस्त का खून कर देता है और अपने जिंदगी के कीमती साल जेल में गुजारता है | सबसे आखिर में है “यातना” | यह कहानी आप को रुलाएगी भी और मन को झकझोर के भी रख देगी | कहानी वास्तविकता को दर्शाती है | गरीब किसानो की पैसो की तंगी और गाँव में चिकित्सा की कमी उनको कितने दुःख देती है | इसका पास से दर्शन कराती है |

भाव” कहानी भी बहुत अच्छी है | रिश्वत लेनेवाले पुलिसवाले को गाँव के शिकार करनेवाले तीन लड़के कैसे अपनी चतुराई और चालाकी से परास्त करते है | कहानी के अंत में आप खुद –ब – खुद कह उठेंगे , बापरे……..!!!!!!!!! इतनी चालाकी………. और एक लम्बी सी मुस्कान आप के चेहरे पर खिल जाएगी |

किताब को जरूर पढ़िए | बहुत ही अच्छी किताब है |

धन्यवाद !

Wish you happy reading………

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