The Power Of Your Subconscious Mind(आप के अवचेतन मान की शक्ति )
जोसेफ मर्फी द्वारा लिखित
रिव्यू – Read more
हम लोगों ने एक बार यूट्यूब पर एक वीडियो देखा था कि एक महिला ने इस किताब में दी गई बातों पर अमल कर के अपने जीवन में पांच नहीं ,50 नहीं बल्कि पूरी 5000 प्रतियोगिताएं जीती थी और अपनी जिंदगी में खुशियां लाई थी |
यह घटना घटी थी आज से 50 साल पूर्व .. | तब हमने देखा की किताब कौन से साल में छपी है ? किताब सबसे पहली बार 1963 में प्रकाशित हुई थी | तब से लेकर अब तक इस किताब के ज्ञान ने , न जाने कितने सारे लोगों के जीवन में खुशियां लाई होगी |
बहरहाल , उपयुक्त वाकया जानकर हमारे मन में किताब के प्रति कुतूहल जागा और यह किताब पढ़ने का हमने फैसला किया | पढ़ने के बाद बहुत ही अद्भुत बातें हमें पता चली | चलिए तो आज वही बातें हम आपके साथ इस रिव्यू में शेयर करते हैं |
सबसे पहले हम लेखक का परिचय जानते हैं कि वह कौन थे ? और उन्होंने इस ज्ञान की खोज कैसे की ?
लेखक जोसेफ मर्फी इनका जन्म आयरलैंड में हुआ | बाद में वह अमेरिका में बस गए | उन्होंने साइकोलॉजी में पीएचडी की | इसके बाद उन्होंने अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त एशियाई धर्मों के अध्ययन में व्यतीत किया | इस अध्ययन के लिए वह भारत देश भी आकर गए |
विश्व के मुख्य धर्मों का अध्ययन करने के बाद , उनको यह समझ में आया की , संपूर्ण विश्व पर एक ही शक्ति का राज है और वह शक्ति सब में स्थित है | वह शक्ति है , हमारे “अंतर मन की शक्ति”|
जोसेफ मर्फी इनके दौर मे नए विचार प्रचलित हो रहे थे | इन पर भी उन विचारों का अच्छा खासा परिणाम हुआ | उन्होंने पाया की ,हमारी हर समस्या का जवाब हमारे अंदर ही छुपा हुआ होता है | अच्छा और सुखमय जीवन जीने के लिए आपको बाहर की परिस्थितियों को बदलने की जरूरत नहीं बल्कि अपने मन को बदलने की जरूरत है |
अपना विकास करने के लिए आप अपने अंतर्मन की शक्ति का सहारा लेकर बदलाव ला सकते हैं | डॉक्टर मर्फी इन्होंने ढेर सारी किताबें लिखी जिसमें से ” The power of your subconcious mind ” को सर्वश्रेष्ठ किताबों मे गिना जाता है | उनकी अन्य किताबों के नाम है – ” The miracle of mind “, Your Infinite Power To Be Rich “, How To Attaract Money ” etc. इसमे से Your Infinite Power To Be Rich “, इस किताब का विडिओ भी हमारे चैनल सारांश बुक ब्लॉक पर उपलब्ध है | उसे भी आप जरूर देखें | उसका लिंक भी डिस्क्रिप्शन बॉक्स में दिया है |
इस अप्रतिम किताब के –
लेखक है – डॉक्टर जोसेफ मर्फी
प्रकाशक है – मंजुल पब्लिशिंग हाउस
मराठी अनुवाद किया है – संकेत कोरडे इन्होंने
पृष्ठ संख्या है – 211
उपलब्ध है – अमेजन पर इंग्लिश , हिन्दी और मराठी मे
सुखी और दुखी लोगों के जीवन मे अंतर क्योंहोत है ? लेखक को जब इस बात का पता चला तब बाकी सब लोगों को भी इस बारे में पता चले | इसी विचार के तहत उन्होंने यह किताब लिखी |
प्रस्तुत किताब में आपको ऐसे सूत्र मिलेंगे जिन्हे आप अपने जीवन में बड़े आसानी से इस्तमाल कर पाएंगे | अंतर्मन से प्रार्थना कर के अपना मनचाहा फल कैसे प्राप्त करना ? इसी का वर्णन प्रस्तुत किताब में दिया गया है | लेखक ने अपने अध्ययन को पूरे 20 अध्यायो मे पिरोया है | सारांश मे देखते हैं कि , लेखक ने उन 20 अध्याय में क्या लिखा है ?
आइये इसी के साथ देखते है इसका सारांश –
अंतर्मन का कार्य समझने के लिए उसके बारे में जानना होगा | हमारा मन तो एक ही है लेकिन उसके मुख्य दो भाग है | जो मन इस विषय पर अध्ययन करते हैं | उनको इन दोनों का फर्क अच्छे से पता है | इन दोनों के कार्य गुण और शक्ति अलग-अलग है | इन दोनों को डॉक्टर और वैज्ञानिकों ने नाम दिए हैं बाह्यमन और अंतर्मन | या फिर जागृत और सुप्त मन |
इसके साथ यह दोनों और भी नामो से प्रचलित है | प्रस्तुत किताब में लेखक ने इनका उपयोग बाह्यमन और अंतर्मन ऐसा किया है | अंतर्मन में बहुत सारी सुप्त शक्तियां छुपी होती है | इन दोनों मनो के कार्य समझने के लिए ,आपको यह उदाहरण समझना होगा | समझिए , हमारा मन एक बगीचा है | उसकी जमीन बहुत ही उपजाऊ है | उसमें आप जो भी बीच बोओगे उसकी फसल जरूर उगेगी | अगर आप आम का बीज बोओगे ,तो आम का पेड़ मिलेगा | अगर बबुल का बीज बोओगे तो कांटेदार बबुल ही मिलेगा |
इसीलिए लेखक कहते है की , अपने मन को हमेशा सकारात्मक विचार करने की आदत लगाए जैसे की शांति ,स्वास्थ्य ,सद्भाव ,समृद्धि | जिससे आप के आस -पास की स्थिति भी सकारात्मक हो जाए | आप अपने सुप्त मन के इस शक्ति को अपने किसी भी समस्या के वक्त उपयोग में ला सकते हैं |
देखा जाए तो इस वक्त आप ब्रह्मांड को नियंत्रित करने वाले उस परमेश्वर के साथ ही अपना संपर्क स्थापित करते हैं | किताब में ऐसे बहुत सारे लोगों की कहानी है जिन्होंने अपनी अंतर्मन की शक्ति का उपयोग कर , अपने जीवन को खुशहाल बना दिया और साथ में उन स्थिति से जुड़े वाक्य भी जो आप हूबहू उपयोग में ला सकते हैं , अगर आप वैसे स्थिति में है तो .. |
लेखक कहते हैं कि ,जो बातें सत्य है | प्रमाणित हो चुकी है | पवित्र है | उन बातों के बारे में लोगों को पता होना ही चाहिए | आपका मन आपकी अमूल्य संपत्ति है | इसका उपयोग आप अपनी गरज के अनुसार तब कर पाएंगे जब आपको पता चलेगा कि यह कैसे काम करता है ?
हमारे पास मन तो एक ही है बस उसके दो पहलू है , जैसे के सिक्के के होते हैं | एक है – बाह्यमन और दूसरा है अंतर्मन | दोनों अलग-अलग तरीके से काम करते हैं | बाह्यमन यह तार्किक मन है | यह तर्क करता है | कपड़े लेते वक्त | किताब खरीदने वक्त | ऐसे कितने सारे निर्णय आप बाह्यमन की मदद से लेते हैं |
तो दूसरी तरफ आपका अंतर्मन है जो हमारे शरीर के सारे कार्य ईमानदारी से करते रहता है जैसे हृदय का कार्य , लंग्स का कार्य , फ्लो आफ ब्लड इत्यादि | बाह्यमन के जैसे अंतर्मन तर्क – कुतर्क करने में टाइम नहीं गवाता | अंतर्मन उन्ही विचारों पर अमल करता है जो बाह्यमन इसकी तरफ भेजता है | चाहे फिर वह अच्छे हो या बुरे !
तो अब इस बाह्यमन को कैसे कंट्रोल में रखें ? ताकि वह हमारे मनचाहे विचार अंतर्मन की तरफ भेजें | इसके लिए पहले बाह्यमन के बारे में जान लेते हैं | बाह्यमन का संबंध हमेशा वास्तविक जगत के साथ आता है | अपने पांच इंद्रियों जैसे आंख ,नाक, कान ,जीभ और त्वचा इनके द्वारा वह इस दुनिया को परखता है |
इनके द्वारा ही वह आस -पास में घटने वाली घटनाओं के बारे में जानकारी इकट्ठा करता है | अपने अलग-अलग अनुभव और अनुभवों के माध्यम से वह जानकारी प्राप्त करते रहता है | इसे ही फिर वह तर्क करना सीख या है | निष्कर्ष निकालना सिख गया है जैसे कि किसी खूबसूरत जगह को देखकर हम यह निष्कर्ष निकालते हैं कि यह बहुत खूबसूरत जगह है |
यह बाह्यमन ने तय किया | अपने निरीक्षण के आधार पर | और यही उसका काम है | जब यह बाह्यमन काम नहीं करता है या फिर सोता है , तब अंतर्मन अपने परमोच्च बिंदु पर एक्टिव रहता है | वह आपकी भावनाएं ,विचार , घटनेवाली घटनाओं का अर्थ लगाने में लगा रहता है |
अंतर्मन को किसी भी इंद्रिय की जरूरत नहीं | इसके बिना ही उसको सारी चीजे पता चल जाती है | अपना अंतर्मन शरीर छोड़कर दूर देश की यात्रा करके वहां की हूबहू जानकारी ला सकता है | अंतर्मन की मदद से आप दूसरों के मन के बातें जान सकते हो | बंद लिफाफे के अंदर का मैटर पढ़ सकते हो | अंतर्मन इतना शक्तिशाली है की बाह्यमन जो भी जानकारी इकट्ठा करता है |
इस पर अपने जो विचार बनाता हैं | वही अंतर्मन की तरफ भेजे जाते हैं | अंतर मन उसी पर अपनी प्रतिक्रिया देता है | वह उन्ही विचारों को सच करने में लग जाता है ,जो बाह्यमन ने उसकी तरफ भेजे हैं | फिर यही विचार घटनाओं के रूप में हमारे सामने प्रकट होते हैं |
इसीलिए बड़े ही केयरफुल्ली अपने अंतर्मन को आदेश देने चाहिए जिससे आप को खुशी मिले , बरकत हो, सपन्नता मिले | एक बात सदैव ध्यान मे रखे | आप का अंतर्मन कभी भी मजाक नहीं समझता है | वह आप के द्वारा दिए गए आदेश का शब्दशः पालन करता है |
मनुष्य जिस समाज मे जन्म लेता है | उसमे जन्म से ही उसपर नकारात्मक सूचनाओ का हल्ला बोल दिया जाता है | जैसे की तुम्हे यह नहीं जमेगा , तुम यह नहीं कर सकते , तुम पूरी तरह गलत हो ! ई. |
इसी को हमारा अंतर्मन चाहे अनचाहे स्वीकार कर लेता है और उस पर प्रतिक्रिया देकर वैसी ही परिस्थितियाँ हमारे आस – पास निर्माण कर देता है | फिर हम इन्ही परिस्थितियों को सत्य मान इनको बदलने की कोशिश मे लग जाते है | आप के अंतर्मन ने भूतकाल मे ग्रहण की गई नकारात्मक सूचनाओ को आप सकारात्मक सूचनाए देकर बदल सकते है !
अंतर्मन कभी भी सोता नहीं वह 24/7 काम करते रहता है | अपने अंतर्मन से काम निकलवाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि रात में जब आपको बहुत तेज नींद आने लगे तो , आप उसको यह काम बता दे| सूचना दे , जो आप उसे देना चाहते हैं | यानी कि सोने के पहले आपका अंतिम विचार वही होना चाहिए जो आप उसे देना चाहते हैं |
और उठते बराबर ही आप उसी अच्छे विचार के बारे में सोचे तो आपका अंतर्मन आपको जवाब जरूर देगा | महान साहित्यकार शेक्सपियर को अंतर्मन की शक्ति के बारे में पता था | इसकी शक्ति को इस्तेमाल करके उन्होंने महान साहित्य की रचना की | उनके साहित्य में यह झलकता भी है | उनके जमाने के किसी भी व्यक्ति को इसके बारे में पता नहीं था | ऐसे ही महान जर्मन संगीतकार बीथोवन इन्होंने अंतर्मन की शक्ति से महान संगीत बनाया|
17 वि और 18वीं सदी के ऐसे बहुत से डॉक्टरो के बारे में आपको किताब में पढ़ने को मिलेगा जिन्होंने अंतर्मन की शक्ति से अपने मरीज का इलाज किया | जिन पर बाकी लोगों को विश्वास करना मुश्किल था | लोग उन्हें चमत्कार के रूप में देखते थे |
हमारा शरीर और उसके सारे भाग अंतर्मन ने ही तैयार किए हैं | इसीलिए शरीर के किसी भी भाग में अगर कुछ गड़बड़ हो गई तो उसको अंतर्मन ठीक करना जानता है जैसे रोबोट फिल्म में बिगड़े हुए रोबोट को बनाने वाला वैज्ञानिक चीट्टी ही उसे ठीक कर सकता है |
आप अपने अंतर मन को सही आदेश देकर अपनी किसी भी बीमारी का इलाज कर सकते हैं | बस , आपको इस पर विश्वास रखना होगा जैसे कि जोहान्सबर्ग के एक धर्म गुरु ने अपने अंतर्मन की शक्ति पर विश्वास कर के , उनके शरीर में लाकर अपने लिए एक प्रार्थना तैयार की और उसे वह दिन में कई बार दोहराते रहे |
वह यह तब भी करते थे जब वह जबरदस्त नींद के अमल के नीचे रहते थे | उनकी यह दिन की आखिरी प्रार्थना होती थी | कुछ ही दिनों में वह पूरी तरह ठीक हो गए | उन्होंने प्रार्थनाओं में अपने लिए शरीर की पुनरनिर्मिती ,सेहत और स्वास्थ्य मांगा | प्राचीन काल में भी अंतर्मन की शक्ति द्वारा मानसिक उपचार किए जाते थे | बस, उनके तरीके अलग-अलग थे |
उपचार करने वाले लोग रोगियों को सम्मोहित कर उनके अंतर मन को सेहत और स्वास्थ्य का विचार भेजते थे | अंतर्मन इस पर काम करता था और परिणाम रोगी ठीक हो जाता था |
फ्रांझ अँटन मेसमेर सन 1730 से 1815 के बीच होकर गए | यह एक ऑस्ट्रियन डॉक्टर थे | वह पेरिस में प्रैक्टिस करते थे | एक बार उन्हे पता चला कि मरीज के शरीर को चुंबक लगाने से उसका रोग ठीक हो जाता है | उसके बाद उन्होंने कांच और मेटल के टुकड़े भी उपचार करने के लिए उपयोग में लाए |
उसके बाद वह अपना हाथ मरीज के शरीर पर से घूमाने लगे | उनका ऐसा दावा था कि एक रहस्यमय चुंबकीय तत्व डॉक्टर के हाथों द्वारा मरीज की तरफ जाता है | इस रोग मुक्ति के स्रोत को उन्होंने प्राणिक चुंबकत्व कहा | मरीजों को ठीक करने की इस प्रक्रिया को उन्होंने खुद का नाम दिया | यह प्रक्रिया “मेसमेरिझम ” इस नाम से प्रख्यात हो गई | अभी इस प्रक्रिया को “सम्मोहन” कहते हैं |
बिसवे शतक के प्रारंभ में “हिपोलाइट बर्नहिम ” नाम का मेडिकल प्रोफेसर ने यह सबसे पहली बार प्रतिपादित किया कि , अंतर्मन की शक्ति द्वारा डॉक्टर रोगियों को जो सूचना देते हैं | वह रोग ठीक करने में बहुत परिणाम कारक होती है |
इन सूचनाओं के द्वारा उन्होंने बहुत से मरीजों को ठीक किया | प्रार्थना चिकित्सा को “मानसिक उपचार” या “वैज्ञानिक प्रार्थना” कहते हैं | चार्ल्स बॉडोइन फ्रांस में रशियन इंस्टिट्यूट के प्रोफेसर थे | वह एक साइकोलॉजिस्ट और न्यू नान्सी स्कूल ऑफ़ हीलिंग के रिसर्च डायरेक्टर थे |
उन्होंने यह ढूंढ के निकला कि , अंतर्मन को सूचना भेजने का सर्वश्रेष्ठ तरीका तब है जब शरीर की सारी गतिविधियां कम हो जाए | मन अर्धचेतना अवस्था में रहे | यानी तेज नींद आने के पहले का समय .. |
उस वक्त आप अंतर्मन को , आपको जो चाहिए वह सूचना भेज सकते हैं | | इसे “बॉडोइन फार्मूला” कहते हैं | इसी तंत्र का उपयोग कर एक युवती ने अपनी केस जीत ली थी |
दूसरा है – आभार तंत्र
इसमें आप अंतर्मन को की गई विनती के साथ आभार प्रकट करें | इससे आपको असामान्य परिणाम देखने को मिलेंगे क्योंकि कृतज्ञ हृदय हमेशा ही रचनात्मक शक्तियों के निकट रहता है | आभार तंत्र का उपयोग कर एक मां ने अपने छोटे-छोटे बच्चों के लिए वह सारी सुख -सुविधाए मांगी जो वह उनको देना चाहती थी |
उसकी प्रार्थना थी ,”परमपिता , मेरे धन के लिए आपका आभार ! ” इसी तंत्र का उपयोग कर आप भी अपनी मनचाही चीज पा सकते हैं | प्रार्थना के शब्दों को बार-बार दोहराना गौण है | जरूरी है कि आप के वाक्य सकारात्मक हो !
यही सकारात्मक वाक्य आपके अंतर्मन द्वारा स्वीकार किए जाते हैं | इन पर वह अपनी प्रतिक्रिया देता है और आपको आपके जीवन में समाधान कारक परिस्थितिया मिलती है | इसी को सकारात्मक विधि कहते हैं |
वादविवादात्मक विधि – इस विधि को डॉक्टर फिनिज पार्कहर्स्ट क्वीम्बि भी ने इजाद किया | वह मानसिक और आध्यात्मिक उपचारों के बारे में बताने वाले पहले व्यक्ति थे | वह सच में पहले मनोविश्लेषक थे | वह मन और शरीर की दवाइयां के निर्माता थे | उनके इस पद्धति में आध्यात्मिक तर्कों का समावेश था |
इसमें उपचारक मरिज के दिमाग में यह पूरी तरह भर देता है कि उसके रोग यह गलत विश्वास ,आधारहीन भय और अंतर्मन मे भरे नकारात्मक विचारों की वजह से हुआ है | इसके बाद रोग मुक्ति के आदेश उपचारक देता है | आखिर में ब्रह्मांड में व्याप्त मन एक ही होने की वजह से डॉक्टर को जो सच लगता है | वही रोगी को भी लगता है और फिर वह ठीक हो जाता है |
परम विधि पद्धति – इस विधि में रोगियों के नाम का उल्लेख किया जाता है | फिर उस व्यक्ति को भगवान और उसके गुणो के चिंतन में लगा दिया जाता है | जब वह व्यक्ति ऐसे देवी विचारो में लीन हो जाता है तब उसकी चेतना एक अलग ही आध्यात्मिक लेवल पर पहुंच जाती है | इसके बाद उस व्यक्ति को ऐसे लगता है कि उसकी सारी तकलीफें भगवान के प्रेममय विशाल सागर में कहीं घूलकर विलीन हो गई है | इस “परमिधि” की तुलना आज के “अल्ट्रासाउंड चिकित्सा” विधि से की जा सकती है |
उसके बाद है – आदेश देना | एक युवती ने इसी आदेश विधि पद्धति का उपयोग कर , उसका पीछा कर के परेशान करने वाले लड़के से पीछा छुड़ाया | अब वह क्या है ? यह किताब में पढ़ें | आप अपने अंतर मन को नया ब्लूप्रिंट देकर अपने आप को फिर नया बना सकते हैं | आपका शरीर हर 11 महीने में नया बनते रहता है |
आप अपने विचार बदलकर अपने शरीर को बदल सकते हैं | ईर्ष्या , चिंता , फिक्र के विचार आपके पेशी और ग्रंथियो को नुकसान पहुंचा कर उनको नष्ट करते हैं | मानसिक और शारीरिक रोग निर्माण करते हैं | इस शक्ति का और इन पद्धतियों का इस्तेमाल कर के आप अपने मनचाहे परिणाम पा सकते हैं | अपने जरूरत का धन पा सकते हैं |
जैसे लॉस एंजेलिस में रहने वाला एक ऑफिसर ढेर सारा पेमेंट पाता है | वह अपनी लाइफ अच्छे से इंजॉय करता है | पर उसके कंपनी में ऐसे भी लोग हैं जो ,उससे ज्यादा काबिल और होशियार है | फिर भी वह इसको मिलने वाली सैलरी का दसवां भाग ही प्राप्त कर पाते हैं | इस पर इस ऑफिसर का कहना है कि ,उनको उनके अंतर्मन की शक्ति में रुचि ही नहीं है |
इसके अलावा दुनिया में ऐसे भी लोग है जो सकारात्मक वाक्य बोलते तो है लेकिन वह असफल रहते हैं | क्यों ? क्योंकि जब वह कोई सकारात्मक वाक्य बोलते हैं जैसे कि मैं करोड़पति हूं ! उसी क्षण उनको यह भी लगता है कि यह बात झूठ है | इस कारण उनका बाह्यमन इस बात को अस्वीकार कर देता है |
ऊपरी तौर पर वह जो बोलते हैं | वह व्यर्थ हो जाता है | इसलिए फिर उन्हें विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है | अंतर्मन केवल प्रबल और शक्तिशाली विचारों को ही स्वीकार करता है | अपने लिए धन संपत्ति पाने का सबसे आसान तरीका है कि रात को सोने के पहले “संपत्ति ” इस शब्द को शांति और भावपूर्ण तरीके से दोहराएं |
इस शब्द को धीरे-धीरे लोरी के जैसे दोहराए और यह शब्द बोलते बोलते नींद आ जाए तो सो जाए | इसका परिणाम देखकर आप भी दांतो तले उंगली दबा लोगे | धन की नदी आपके तरफ बहाने लगेगी | अमीर बनना आपका हक है क्योंकि गरीबी एक मानसिक बीमारी है | अपने धन संपत्ति पर टीका टिप्पणी कभी नहीं करना चाहिए |
आपको जितना धन चाहिए उतने धन को कैसे आकर्षित करें ? वैज्ञानिक बुद्धिमान लोग पैसे की तरफ किस दृष्टिकोण से देखते हैं ? इस बारे में भी आप किताब में पढ़ पाओगे | अंतर्मन की शक्ति का उपयोग कोई किताबी बात नहीं कि ,यह किताब पढ़कर अब कोई नए लोग इसका इस्तेमाल करना शुरू करेंगे बल्कि इस शक्ति का इस्तेमाल दुनिया के जाने-माने वैज्ञानिक पहले ही कर चुके हैं जिनमें शामिल है एडिसन ,मार्कोनी ,आइंस्टीन इत्यादि |
इनमें से ही एक है – प्रख्यात केमिकल साइनन्टिस्ट फ्रेडरिक वॉन स्ट्रो डोनिझ का एक किस्सा किताब में दिया है जो हम आपके साथ शेयर करते हैं | एक बार क्या हुआ कि बेंजीन नाम के हाइड्रोकार्बन के केमिकल बॉन्डिंग के रिसर्च मे वह वर्षों से लगे थे | यह एक ऐसा कांबिनेशन है जिसमें कार्बन के 6 और हाइड्रोजन के 6 अनु है | अब साइंसवालो को तो यह पता ही होगा | अब इस रिसर्च का उन्हें कोई जवाब ही नहीं मिल रहा था | इस कारण वह त्रस्त हो गए थे | उन्होंने यह पूरा मामला अपने अंतर्मन पर छोड़ दिया |
जब वह लंदन को जाने वाली बस में चढ़ रहे थे तो उनके अंतर्मन ने उनके बाह्यमन को अचानक से बिजली के झटके जैसा संकेत दिया | उनके मन के सामने अचानक यह चित्र कौंध गया की ,गोल आकार बनाया हुआ सांप अपने मुंह से अपनी ही पूछ को काट रहा है | इससे उन्हें अपनी रिसर्च आगे बढ़ाने में मदद मिली और इस तरह बेंजीन रिंग अस्तित्व में आया |
निकोला टेस्ला भी अंतर मन की शक्ति पर विश्वास रखने वालों में से एक थे | उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह जैसी कल्पना करते हैं एग्जैक्ट उसी तरह उनके सारे इंस्ट्रूमेंट काम करते हैं | बीते 20 सालों में इसका एक भी आप वाद नहीं | ऐसे ही हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लुई एगेसिस प्रसिद्ध अमेरिकन निसर्ग तत्व वैज्ञानिक थे | उनको उनके अंतर्मन की शक्ति का पता गहरी नींद में लगा |
यह उनके बायोग्राफी में उनकी पत्नी ने लिखकर रखा है | इसी शक्ति का उपयोग कर के एक जर्मन वैज्ञानिक , हिटलर के यातना शिविर से भागने में कामयाब हुआ था | अंतर्मन की शक्ति का उपयोग कर के आप अपनी खोई चीज ढूंढ सकते हो | यह सारे चमत्कार अंतर्मन और गहरी नींद के सहयोग से हो सकते हैं क्योंकि नींद इंसान को मिला एक वरदान है |
हम सोते क्यों है ? इस बारे में रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों में से डॉक्टर जॉन बिगेलो एक थे | नींद एक प्रकार की प्रार्थना है | अगर आपकी नींद पूरी नहीं हुई तो इसके गंभीर परिणाम आपको भुगतने पड सकते हैं | मेडिकल वैज्ञानिकों ने यह प्रूफ कर दिखाया है कि नर्वस ब्रेकडाउन के पहले मरीज नींद ना आने की बीमारी से पीड़ित होता है |
रीडर्स डाइजेस्ट में रॉबर्ट ओ फ्रबायन इन्होंने एक लेख दिया | जिसका नाम था ,” मे बी यू नीड़ मोअर स्लिप” | यह एक नींद के बारे में किया गया प्रयोग था | नींद आप को मार्गदर्शन देती है जैसे एक युवती ने नींद में अपने नई नौकरी के लिए मार्गदर्शन मांगा कि उसे वह नौकरी स्वीकार करनी चाहिए या नहीं | उसके अंतर्मन में उसे नहीं का जवाब दिया क्योंकि 6 महीने बाद उस कंपनी का दिवाला निकल गया |
अंतर्मन की शक्ति से आप अपने वैवाहिक समस्याओं को कैसे सुलझा सकते हैं ? इसको डिटेल में जानने के लिए आप को “अंतर्मन और वैवाहिक समस्या” इस अध्याय को पढ़ना होगा |
किताब के लास्ट चैप्टर में बताया है की मन से हमेशा जवान रहे | हमें यह अध्याय सबसे महत्वपूर्ण लगा क्योंकि हमने ऐसे बहुत से लोगों को देखा जो मिडिल एज से ही बुड्ढों के जैसे बिहेव करने लगते हैं | जिधर जाए उधर लोग सिर्फ बीमारी की ही बात करते हैं | खुद को और लाचार दिखाने की कोशिश करते हैं |
आज के जमाने में लोगों को प्रस्तुत किताब का यह अध्याय जरूर पढ़ना चाहिए | जब हम किसी प्रोग्राम में जाते हैं या रिश्तेदारी के किसी गेट टूगेदर में जाते हैं ,तो हम उनको पढ़ी हुई किताबों के बारे में बताते हैं | एक तो उनको यह सारी बातें पता नहीं होती | पता होने के बाद उस पर वह विश्वास नहीं करते | जिससे उनकी जिंदगी बदल सकती है |
इसलिए हम कहते हैं की किताबें पढा कीजिए जो आपको और लोगों के कंपैरिजन में ज्यादा होशियार और विचारों से प्रगल्भ बनाएगी | चलिए तो किताब के प्रस्तुत अध्याय पर वापस आते है |
इस अध्याय में बताया गया है कि आपका अंतर मन कभी भी बुड्ढा नहीं होता क्योंकि वह ईश्वर का अंश है | उसको स्थल और काल का कोई बंधन नहीं है | सच माने तो लोग उनको उनकी बढ़ती उम्र के अनुसार बुड्ढा मानने लगते हैं जो कि सरासर गलत है |
लेखक ने ऐसे बहुत सारे महिला पुरुषों के जीवन का अध्ययन किया है जिन्होंने बुढ़ापे में यश हासिल कर के खुद को महान साबित किया | बुढ़ापा आने के बाद उनको लगता है कि अब वह किसी काम के नहीं | उनकी किसी को जरूरत नहीं | इससे उनके मन में निराशा भर जाती है |
पर सच तो यह है कि उन्होंने यह बदलाव खुशी और उत्साह के साथ स्वीकार करना चाहिए क्योंकि जीवन आध्यात्मिक और शाश्वत होता है | हम कभी भी बुड्ढे नहीं होते क्योंकि जीवन यानि भगवान और भगवान कभी बुड्ढे नहीं होते | आप उतनी ही यंग दिख सकते हैं जितना आप खुद को समझते हैं |
इसका एक अच्छा उदाहरण लेखक ने बताया है कि ,एक 50 साल के सर्जन डॉक्टर है | वह सुबह ऑपरेशन करते हैं | दोपहर को मरीजों को जाँचते हैं और शाम को मेडिकल जर्नल के लिए लेख लिखते हैं | वे इस दृष्टिकोण के साथ जी रहे थे कि वह उतने ही उपयोगी है , जितना वह खुद को समझते हैं |
नाटककार जॉर्ज बर्नार्ड शॉ , 90 साल की उम्र में भी बहुत सक्रिय थे | बढ़ती उम्र के साथ आप मे समज और अनुभव की भी वृद्धि होती है | आप इससे किसी संस्था की मदद कर सकते हैं | आपको अपनी उम्र का मान रखना चाहिए | आप उत्कृष्ट काम कर सकते हैं | नए-नए काम करना सीखें |
बुढ़ापे के पिंजरे में खुद को कैद ना करें | आप अपने अंतर्मन की ऊर्जा को जगा कर जवानी के दिनों को फिर से जी सकते हैं | अपने दृष्टिकोण को हमेशा सकारात्मक रखें | लेखक के पिता ने उनके 65 साल की उम्र में फ्रेंच भाषा सीखी | 70 साल में उन्होंने इस पर महारत हासिल की | वे 99 साल की उम्र में इस दुनिया में चले गए | तब तक वह लेखक की बहन को उच्च शिक्षा में मदद कर रहे थे |
महान ग्रीक तत्वचिंतक सोक्रेटिस इन्होंने 80 की उम्र में म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट बजाना सीखे | माइकल एंजेलो इस महान चित्रकार की गुणवत्तापूर्ण कलाकृतियां 80 साल के बाद की है | अपनी उम्र के 50 साल में भी महान वैज्ञानिक आइजक न्यूटन कठोर मेहनत किया करते थे | लॉर्ड टेनिसन इन्होंने उनकी बेस्ट कविता “क्रॉसिंग – द – बार ” उनकी उम्र के 83 वे साल में लिखी |
हमें अपने बड़ों को मान सम्मान देना चाहिए | अगर आपने रिटायरमेंट लिया है तो अपने पसंदीदा क्षेत्र में काम करें | नई-नई चीजे सीखें | बढ़ती उम्र के साथ भी आप चीजों को याद रख सकते हैं | बुढ़ापे में होने वाली भूलने की बीमारी पर काबू पा सकते हैं | अपने अंतर्मन की शक्तियों को जगाइए | याद रखें बुढ़ापा यानी जीवन में कम होने वाले दिन नहीं बल्कि दिनों के साथ बढ़ने वाली समझदारी और अनुभव है|
65 से 95 यह आपके जीवन में नवनिर्मित करने का समय है | बढ़ती उम्र का स्वागत कीजिए | बढ़ती उम्र याने कभी न खत्म होने वाले जीवनपथ और ऊंचाई पर जाना | इसी के साथ यह किताब यहाँ खत्म होती है |
आशा है , यह रिव्यू आपको पसंद आएगा | पसंद आए तो किताब को भी जरूर पढ़िएगा | किताब आपके जीवन को एक नई दिशा देने में जरुर मददगार साबित होगी | तब तक पढ़ते रहिए ! खुशहाल रहिए | इसी के साथ मिलते हैं ,और एक नई किताब के साथ तब तक के लिए ..
धन्यवाद !
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