सोनसाखळी
साने गुरुजी द्वारा लिखित
रिव्यू –
बहिणभाऊ ,सोनसाखळी ,दगडफोड्या , मुले म्हणजे देवाची ठेव , खरा भक्त , सदिच्छेचे सामर्थ्य ,शब्दावरून पारख करावी |
सोनसाखळी यह सानेगुरुजी द्वारा बच्चों के लिए लिखित एक कथा संग्रह है | आइये , सबसे पहले जानते है की , साने गुरुजी कौन थे ? क्योंकि विदेशी नायकों के बारे मे जानने वाले बहुत से लोगों को अपने ही देश के महानायकों के बारे मे पता नहीं होता | वह यह जानते ही नहीं की जिस धरती पर वह रहते है उस देश को उनके अनुकूल बनाने के लिए किन लोगों ने मेहनत की | वह ज्यादा से ज्यादा आंतरराष्ट्रीय ज्ञान बटोरने मे ही धन्यता मानते है | ऐसे इन लोगों को , इन महान लोगों के बारे मे जानकारी देने का हमारा यह प्रयास है
साने गुरुजी का एक और सपना था कि भारत के हर एक प्रदेश की जानकारी देश के हर एक नागरिक को हो | साने गुरुजी को महाराष्ट्र का शिल्पकार कहा जाता है क्योंकि उन्होंने स्वतंत्रता से पूर्व और बाद में भी देश के लिए बहुत काम किए | खासकर महाराष्ट्र के लिए .. | उन्हें सेनानी भी कहा जाता है क्योंकि भारत की स्वतंत्रता के लिए उन्हें बहुत बार जेल भेजा गया और यातनाएं दी गई| इन सब के बावजूद वह एक अच्छे शिक्षक थे जिनसे सारे बच्चे बहुत प्यार करते थे | वह हमेशा ही विद्यार्थियों से घिरे रहते थे | वह बच्चों से बहुत प्यार करते थे | उन्हें कथाओं के माध्यम से जीवन के अच्छे मूल्य सिखाया करते थे | वह अपने विद्यार्थियों में साने गुरुजी के नाम से विख्यात थे | उन्होंने आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत कुछ लिख छोड़ा है इसलिए उनकी कहानियों के अंत में एक अच्छी सिख होती है जो हर किसी को अपने जीवन में अपनानी चाहिए | इसलिए उनकी कहानियां इतनी मौलिक और महान है |
वह अपने स्वरचित गीतों द्वारा स्वराज्य के लिए जनजागृति किया करते | उनके शब्दों में इतना बल होता था कि कितने ही गांव के नवयुवक स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े और स्त्रियाँ भी.. जब की स्वतंत्रता संग्राम में स्त्रियों का आना बिरले ही बात थी | बहुत सारी जेलों में रहते हुए उनका अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोगों के साथ संपर्क रहा | तब साने गुरुजी जैसे दिग्गज लोग भी जेल में हुआ करते थे | साने गुरुजी ने उनसे अलग-अलग भाषाएं सीखी | उन्होंने उस उस भाषा में प्रचलित बहुत सारे साहित्य का मराठी में भाषांतर किया | स्वतंत्रता संग्राम के साथ-साथ देश में व्याप्त बहुत सारी समस्याओं के लिए उन्होंने लढा दिया |उनकी लिखी “श्यामची आई” यह बहुत ही प्रसिद्ध किताब है इसका सारांश भी आपको हमारी वेबसाइट पर मिल जाएगा |
जेल यात्रा के दौरान उन्होंने बहुत कुछ लिखा | उनमें बहुत सारी छोटी-छोटी किताबें है , जिनमें 5 या 6 कहानियों का संग्रह है | इसलिए एक ही ब्लॉग में हम ऐसे तीन से चार किताबों का सारांश बताएंगे | साने गुरुजी की लिखी बहुत सारी किताबों का रिव्यु और सारांश भी हम आपके लिए लेकर आने की कोशिश कर रहे हैं जो उस वक्त के भारत के दर्शन कराती है | क्या आपको यह जानने की जिज्ञासा नहीं की, तब के लोग कैसा जीवन जीते थे ? कौन सा खाना खाते थे ? देश के प्रदेश कैसे हुआ करते थे ? यातायात के क्या साधन थे ? हमें तो यह इतिहास जानने में बड़ी जिज्ञासा लगी रहती है | अगर आपको भी है तो हमारे साथ जुड़े रहिए | इसमें हम सोनसाखळी और दारूबंदीच्या कथा , जो कि मराठी मे लिखी गई है | इसका सारांश लेकर आ रहे है | तो आइए जानते है इनका सारांश ..
सारांश –
सोनसाखळी , इस किताब मे पूरी सात कहानियां है | पहली कहानी -बहिणभाऊ -भाई -बहन के एक दूसरे के साथ के प्यारभरे रिश्ते की कहानी बताती है | भाई का प्यार अपनी बहन के लिए बदलता नहीं लेकिन बहन का प्यार पैसों की गिनती के साथ भाई के लिए बदल जाता है आखिर अपने भाई के प्यार का मोल बहन को समझ ही जाता है | जैसे यह भाई बहन अमीरी को वरिष्ठता ना देकर आखिर प्रेम से रहते हैं वैसे ही साने गुरुजी चाहते हैं कि भारत देश के लोग एक साथ मिलकर प्यार से रहे | मन में एक सवाल आता है क्या भाई के जगह बहन होती तो भी कहानी ऐसे ही होती | दूसरी है -“सोनसाखळी” इसमें सोनसाखळी को उसकी सौतेली माँ मार कर जमीन में दफना देती है | उस जगह पर अनार का पौधा लगा देती है जब सोनसाखळी के पिता व्यापार करने दूसरे देश गए होते हैं | तब पैसे कमाने के लिए घर से बहुत दूर जाना पड़ता था| जैसे-जैसे अनार का पेड़ बड़ा होते जाता है | सारे अनार गिरकर सिर्फ एक ही अनार बचता है | उसमें से सोनसाखळी दुबारा जीवित होकर अपने पिता के पास वापस आ जाती है लेकिन असल जिंदगी में यह पॉसिबल नहीं क्योंकि एक बार गया व्यक्ति दोबारा वापस नहीं आता | इस कहानी से साने गुरुजी बच्चों को अहिंसा की शिक्षा देना चाहते हैं क्योंकि वह खुद भी अहिंसा वादी थे | वे गांधीजी को गुरु मानते थे | वैसे भी व्यक्तियों ने कुकर्म से दूर रहना चाहिए क्योंकि जो जीव हम बना ही नहीं सकते ,उन्हें नष्ट क्यों करना ?
दगडफोड्या – कहानी बताती है कि इंसान को कितनी भी अच्छी परिस्थितियां दे दो वह कभी खुश नहीं रह सकता | बाकी की कहानियां भी ऐसे ही सीख देती हुई है |
प्रस्तुत किताब के –
लेखक है -साने गुरुजी
प्रकाशक है – अक्षरवेध प्रकाशन
पृष्ठ संख्या – 32
उपलब्ध – अमेजन और सानेगुरुजी संग्रह एप पर ( आप क्रोम से फ्री डाउनलोड कर सकते है )
दारूबंदीच्या कथा – इस किताब मे शामिल है –
उदार आनंद राव
दुर्दैवी सीता
तारक देवता
सावित्रीचा सुका
मोदगावची कहाणी
साने गुरुजी जब देश सेवा कर रहे थे तब बहुत सारे स्वयंसेवी लोगों का ग्रुप हुआ करता था | वह अलग -अलग क्षेत्रों में जाकर अलग -अलग कार्य करते थे | उनमें से एक शराब के लिए जनजागृति करना भी था क्योंकि शराब के कारण बहुत सारे घर और गांव बर्बाद हो जाते थे | या यह स्थिति अभी भी है.. तब साने गुरुजी बहुत सारे लोगों के व्यक्तिगत कहानियों से रूबरू हो जाते थे |उनमें से ही कुछ कहानियां उन्होंने यहाँ बताई है ,कुछ उनके कल्पनाशीलता की उड़ान है |दारू बंदी को हिंदी में शराब बंदी कहते है | शराब ने कितने ही लोगों के जीवन बर्बाद कीए और कितने ही लोगों ने अपने आप पर काबू पाकर इसे छोड़ कर अपना जीवन फिर से सवार लिया | उन्हीं लोगों की यह कहानियां है | पहली है- ” उदार आनंद राव ” – उदार यानी के बड़े दिल का इंसान ,लोगों को मदद करने वाला | ऐसे यह आनंदराव गांव के अमीर इंसान है | जब वह अपनी घोड़े वाली गाड़ी से पैसे लुटाते हुए आते थे तो रास्ते के दोनों तरफ लोग उनकी जय-जयकार करते हुए उनकी राह देखते थे |जो गांव के बहुत सारे जरूरतमंद लोगों का आधार थे | ऐसे इन आनंद राव को शहर में हुई एक पार्टी के दौरान शराब की लत लग जाती है बस फिर क्या यह शराब उनका सब कुछ ले डूबती है | जो लोगों को पैसे बांटते थे आज वह लोगों से भीख मांग रहे हैं | जो लोगों को ठंडी में कंबल बांटा करते थे वह एक दिन ठंडी के कारण बिना किसी कंबल के गांव के मंदिर में मरे हुए पाए जाते हैं | शराब ने इनको राजा से रंग बना दिया | आनंद राव का बेटा ,अपने पिता की कहानी बता बता कर शराबबंदी के लिए जनजागृति करता है |
दुर्दैवी सीता -उस वक्त के महिलाओं के लाचारी की कहानी बयां करती है कि कैसे सीता ब्याह कर मुंबई जैसे शहर में आती है | मुंबई के खोली में राम सीता का अच्छा संसार चल रहा है फिर इनके बीच में आती है शराब | शराब के कारण राम ,नौकरी छोड़ देता है | उसके पत्नी को मिल में काम पर भेजता है | उसके पैसों से शराब पीता है | पैसों के लिए सीता को मारना पीटना उसका रोज का काम हो जाता है | सीता को बच्चा होने पर उसका बच्चा अनाथ आश्रम में दे आता है | इस गम में और राम के अत्याचार से इक दिन सीता चल बसती है | इससे राम को कोई फर्क नहीं पड़ता ,बल्कि वह दूसरी शादी करके नई पत्नी लेकर आता है | स्त्रियों की स्थिति आज भी कितनी बदली है पता नहीं| आज भी निचले तबके के लोगों में यह कहानियां यदा-कदा दिख ही जाती है | बाकी की तीन कहानियां आपको ही पढ़नी होगी | साने गुरुजी को जानने के लिए उनकी किताबों को पढ़ते रहिए | ऐसे ही ढेर सारी किताबों की जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए सारांश बुक ब्लॉक के साथ |
Conclusion –
1.सानेगुरुजी की कहानियाँ बताती है की – सब लोगो ने मिल जुल कर रहना चाहिए|
2. अहिंसा धर्मं का पालन करना चाहिए | जैसे अहिंसा का मार्ग बताकर बुद्धदेव ने लोगों का जीवन सुखमय बनाया | अहिंसा का पालन कर के हमारे राष्ट्रपिता बापू ने देश की स्वतंत्रता पाने मे योगदान दिया |
3. मन मे हमेशा ही सेवाभाव रहना चाहिए | दिन दुखियों की सेवा मन से होनी चाहिए न की दिखावे के लिए |
4. सब लोगों के साथ ,प्राणियों के साथ और वस्तुओ के साथ भी प्रेमभाव से रहना चाहिए | वस्तुओ के साथ भी क्यों ? तो इसका उत्तर पाने के लिए रोंडा बर्न की सीक्रेट किताब पढिए |
5. शराब जैसी बुरी लत से दूर रहना चाहिए | अपने परिवार का खयाल रखना चाहिए | वैसे भी , अगर घर का मुखिया घर के सब लोगों की बराबर देखभाल करे तो दुनियाँ मे कोइ दीन – दुखी ही न हो |
6. स्त्री की स्थिति सुधारने के लिए उन्हे शिक्षित करने के प्रयास करने चाहिए | स्त्री ने भी स्वतः शिक्षित होकर आत्मनिर्भर होना चाहिए | स्त्रियों के साथ सन्मान से व्यवहार करना चाहिए |
बहुत बार जब मराठी की किताबों का जिक्र होता है तो – लोग पूछते है की मराठी की कौन सी किताब पढनी चाहिए ?
जवाब है – युगंधर , ययाति , मृत्युंजय , श्यामची आई , घामाची फुले ,छावा , स्वामी यह मराठी की कुछ बेहतरीन किताबे है और हाँ समग्र साने गुरुजी एप को डाउनलोड कर के किताबे पढ सकते है |
7. Marathi book pdf -ययाति , युगंधर , श्यामची आई
marathi books for students – श्यामची आई , घामाची फुले
marathi book to read – श्रीमान योगी , छावा , स्वामी
marathi books to online – ययाति ,स्वामी , युगंधर और ई. साहित्य वेबसाईट
marathi books for beginners Pdf – श्यामची आई , 6 वि क्लास का रामायण (cbsc)
मिलते है एक नई किताब के साथ .. तब तक के लिए ..
धन्यवाद !!!
Wish you happy reading ……..!!