DILLI DARBAR BOOK REVIEW IN HINDI

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सत्य व्यास द्वारा लिखित

रिव्यू –

यह कहानी है रोहित की जिसे हर चार दिन में नई लड़की से प्यार हो जाता है | उसका प्यार सिर्फ टाइम पास है | वह अच्छी जिंदगी के लिए शॉर्टकट अपनाने पर भरोसा करता है और उसी पर अमल भी करता है | यह कहानी है परिधि की – जो रोहित के संग अपना भविष्य तलाशती है | यह कहानी है – रोहित के मित्र मोहित की भी जो मेहनत कर के इमानदारी से सफलता पाना चाहता है | यही मोहित इन तीनों की कहानी हमें बता रहा है |

सत्य व्यास की कहानियां मॉसकुलीन टच लिए होती है क्योंकि यह ज्यादातर युवा लड़कों पर आधारित होती है | उनके कहानियों में शहरों का अहम रोल होता है | इसीलिए शायद वह अपने किताबों का नाम शहरों के नामों के ऊपर रखते हैं जैसे कि ,”बनारस टॉकीज ” ,”बागी बलिया” , “उफ्फ़ कोलकाता” और यह प्रस्तुत किताब “दिल्ली दरबार ” |

लेखक बहुत पढ़े लिखे हैं | उन्होंने वकालत की पढ़ाई काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से की है |इस यूनिवर्सिटी मे भगवानदास हॉस्टल है जिसे शॉर्ट कट मे बि .एच. यू . कहते है | इस हॉस्टल के जीवन पर आधारित , एक काल्पनिक कहानी उन्होंने “बनारस टॉकीज” अपनी इस किताब में लिखी है |

उन्हें शायद कविताएं और शायरी का भी शौक है जो उनकी किताबों में दिखाई पड़ता है | प्रायः उनकी किताबों के अध्यायों के नाम कविताओं में होते हैं | वे खुद झारखंड के बोकारो शहर से हैं | इसीलिए शायद उनके पात्र इस शहर और इसके आस पास के क्षेत्रों से ही होते हैं | वैसे भी लेखकों की आधी जिंदगी उनकी किताबों में ही झलकती है | कहानी मे कहीं-कहीं विनोदी रंग दिखाई पड़ता है |

किताब पूर्णतया सिर्फ और सिर्फ यूथ के लिए है | अगर कोई मिडल ऐज या बुजुर्ग व्यक्ति किताब पढ़ ले तो उनको रोहित और परिधि का व्यवहार कतई अच्छा ना लगे| दोनों आइडियल कैरेक्टर है भी नहीं | खैर , वक्त बदल रहा है और लोग भी.. |

रोहित और परिधि जैसे बहुत सारे युवा हमें दिख भी जाते हैं | दोनों माता-पिता के सामने एकदम अच्छे बच्चे हैं लेकिन उनके पीछे वह वही करते हैं जो उनके मन में है | नए जमाने के युवाओं की इस कहानी को पुस्तक रूप में लिखने वाले –

लेखक है – सत्य व्यास

प्रकाशक है – हिन्द युग्म

पृष्ठ संख्या – 140

उपलब्ध – अमेजन

आईए , देखते है इसका सारांश –

सारांश –

राहुल और मोहित दोनों बचपन के मित्र है | एक ही स्कूल और क्लास में पढ़ते हैं | राहुल बाहर सबको घुमा कर एक जगह बिठाता है लेकिन पिता के आगे उसकी जुबान नहीं खुलती | दोनों अपने – अपने पिता की इच्छा रखने के लिए और एम. बी. ए . करने के लिए दिल्ली चले आते हैं |

वहां वह अपना भविष्य तलाशते है | वह दिल्ली को अपनाने की कोशिश करते हैं और दिल्ली उनको .. | वह धीरे-धीरे दिल्ली की भाषा , उसका मिजाज , वहाँ का चालचलन आत्मसात कर दिल्ली वाले हो जाते हैं | दिल्ली में रहने के लिए वह जिस व्यक्ति के घर में कमरा किराए पर लेते हैं | उन्हीं की बेटी है ,”परिधि” | परिधि के पिता के संग राहुल और मोहित का तालमेल बड़ा ही रोचक बताया गया है |

आज की भाषा मे कहे तो राहुल और परिधि दोनों रिलेशन में है फिर भी राहुल उसकी एम. बी. ए. की क्लासमेट महिका के साथ भी रिलेशन में रहता है | राहुल के सारे झमेलों को संभालता है – बेचारा मोहित जिसे राहुल प्यार से झाड़ी बुलाता है| महिका भी राहुल की ही झेरॉक्स कॉपी है |

अपना काम निकलते ही वह भी राहुल से ब्रेकअप कर लेती है | इस दौरान परिधि गर्भवती हो जाती है | अभी इन दोनों की शादी तो हुई नहीं | इसलिए समाज के डर से दोनों बहुत परेशान हो जाते हैं | आखिर परिधि अपना अबॉर्शन करवा लेती है | यही वाक्या राहुल का बेपर्वा स्वभाव बदलकर उसे एक जिम्मेदार प्रियकर बना देता है |

फिर शुरू होती है उसकी नौकरी की तलाश ताकि वह परिधि से शादी कर सकें | इसलिए उसने शॉर्टकट अपनाए होते हैं | जो वह आजकल की टेक्नोलॉजी उपयोग में लाकर करता है जिसे समझने के लिए आज के लोगों को और तीन-चार साल लगेंगे | इन शॉर्टकट के लिए उसने महिका के पापा का लैपटॉप उपयोग में लाया होता है जब वह दोनों रिलेशन में थे |

परिधि के पापा के लैपटॉप से बैंक पासवर्ड हैक कर के उन के अकाउंट से पैसे भी निकाले होते हैं | पर कहानी का और एक रोचक भाग भी है जो आप को किताब पढ़कर जानना होगा | यह तब पता चलता है जब परिधि के पिता के अकाउंट से हजारों रुपए निकाले जाते हैं | जबकि राहुल ने सिर्फ सात हजार रुपये निकाले थे | उनके कमरे से भी हमेशा कुछ न कुछ पैसे गायब रहते है |

तो ऐसा कौन है जो इनके नजरों के सामने रहकर भी धोखा देता है ? और इन्हे पता भी नहीं चलता ? क्या अपने इस शॉर्ट कट की वजह से राहुल किसी मुसीबत में तो नहीं फँसता ? क्या वह भी मोहित की तरह कामयाब हो पाता है ? क्या परिधि और राहुल की शादी हो पाती है ? या फिर परिधि की शादी मोहित के साथ हो जाती है क्योंकि मोहित को सरकारी नौकरी लगने के कारण परिधि के पिता मोहित के संग परिधि के रिश्ते की बात चलाते है | तो क्या है इन तीनों का भविष्य ? पढ़कर जरूर जानिए | मिलते है और एक नई किताब के साथ .. तब तक के लिए ..

धन्यवाद !!

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