रिव्यू –
Read more
मिस्ट्री गर्ल यह एक थ्रिलर लघु कथा है | यह इस श्रृंखला की पहली किताब है जिसे लिखा है शिवेंद्र सूर्यवंशी इन्होंने |
पृष्ठ संख्या है – 123
उपलब्ध है – अमेजॉन और किंडल पर
अगर लेखक का यह प्रयोग सफल हुआ तो उनकी ही लिखी कहानियों को आप उनकी ही आवाज में ऑडियो रूप में सुन पाएंगे | प्रस्तुत किताब आत्मा के कांसेप्ट को ध्यान में रखकर लिखी गई है | कहते हैं की आत्मा अमर है | एक शरीर के नष्ट हो जाने पर वह दूसरा शरीर धारण करती है | अगर मरते वक्त किसी की कोई इच्छा अधूरी रह जाए तो वह आत्मा बनकर अपनी इच्छाओं की पूर्ति करती है |
इन सब सही गलत बातों के बीच अवसर का फायदा उठाने वाले लोग अपना उल्लू सीधा कर लेते हैं परंतु साइंस इन सारी बातों को नहीं मानता | कहानी भोपाल शहर की पृष्ठभूमि लिए हुए हैं जहां रात के मूसलाधार बारिश में डिटेक्टिव युग को एक लड़की ईशानी मिलती है |
युग उसे लिफ्ट देकर अपने घर लाता है | ईशानी के घर लाने के बाद युग के साथ हैरतअंगेज घटनाएं घटने का सिलसिला शुरू हो जाता है | ईशानी की हरकतों की वजह से वह उसके लिए मिस्ट्री गर्ल साबित होती है | पर कैसे ? यह देखते है सारांश मे –
सारांश –
ईशानी जब युग के गाड़ी में बैठी हुई थी तो एक दुख भरी कविता गुनगुना रही थी जो उसने खुद ही लिखी थी | कविता के शब्दों से ऐसा लगता था जैसे उसके साथ कुछ अनहोनी हुई हो ! ईशानी जब युग के घर आई तो वह उसका घर देखकर हक्का-बक्का रह गई क्योंकि युग का घर एक स्मार्ट हाउस था |
युग ने बातों ही बातों में ईशानी के हाथ पर बना 3 स्टार वाला टैटू देख लिया था | खैर , अपनी कहानी बताने के बाद ईशानी हॉल में ही सो गई | दूसरे दिन जब युग उठा तो उसे ईशानी कहीं भी दिखाई नहीं दी |
उसकी जगह एक A4 साइज पेपर मिला | युग सोचने लगा की इशानी ने बिना उसकी मदद के हॉल का दरवाजा कैसे खोला ?क्योंकि उसका पासवर्ड सिर्फ उसी के पास था | सुबह का न्यूज़ पेपर पढ़ने पर उसे एक खलबली वाली न्यूज़ पता चली कि कल रात M.G. रोड पर एक लड़की की कार एक्सीडेंट मे मौत हो गई जिसका नाम ईशानी पांडे था |
उस लड़की के हाथ पर भी एक थ्री स्टार टैटू बना हुआ था | यह सब पढ़ कर युग का सिर चकरा गया | वह तुरंत तैयार होकर पुलिस थाने इंस्पेक्टर व्योम से मिलने चला गया | तफतीश में उन्हें पता चला की लाश के पास मोबाइल मिला जबकि ईशानी के पास कोई मोबाइल नहीं था |
ईशानी रात में युग को 10:00 बजे मिली जबकि वह पौने आठ बजे मर चुकी थी | जब उसका फोन चेक किया गया तो उसमें लास्ट कॉल गगन को की गई थी | इसीलिए फिर इन दोनों ने गगन को फोन किया |
बहुत बार फोन करने पर भी कॉल रिसीव नहीं हुआ तो उसके घर जाकर देखा | उसका मर्डर हो चुका था | उन्हें वहां भी वही A4 साइज पेपर मिला जो ईशानी युग के घर छोड़कर गई थी | उस पर लिखे मैसेज ने युग और व्योमकेश के माथे झन्ना उठे |
उन्हें लगा कहीं यह ईशानी की आत्मा तो नहीं | एक पल के लिए उनके मन में विचार आया | अगले ही पल उन्होंने यह विचार झटक दिया | युग ने उसके घर के हॉल में लगे सीसीटीवी कैमरा के फुटेज को चेक किया |
ईशानी ने सिर्फ आंखों से घूर कर सीसीटीवी कैमरा बंद किया | फिर उसके पास वही A4 साइज पेपर दिखाई दिया जबकि ईशानी खाली हाथ युग के घर आई थी और तब बारिश हो रही थी | बारिश में कागज भीग जाता या फिर सिलवटे तो जरूर पड़ती | पर वह तो फ्रेश था | अगर बाहर जाकर लाती तो बिना कार्ड के दरवाजे कैसे खुलता ?
सबसे बड़ी बात उन कागजों पर युग के साथ होने वाली बातों को पहले ही से लिख दिया गया था | इन चिठ्ठीयों में ईशानी ने कबूल किया था कि उसी ने गगन को मारा क्योंकि गगन ने उसे कार से कुचलकर मार दिया था |
वह उसी के मर्डर के सारे सबूत एक के बाद एक युग को देती जाती है | इसके बाद भी तहकीकात में युग और व्योमकेश को ऐसे ही हैरतअंगेज घटनाओ से रूबरू होना पड़ता है जिसमें शामिल है | ईशानी की सहेली चैतन्या का युग से फोन पर बात करना जबकि वह मर चुकी है और उसका फोन घर पर उसकी मम्मी के पास है |
एक पुराने बटन वाले फोन पर युग को मिस्ट्री गर्ल के नाम से कॉल रिसीव होना जबकि उस फोन में कोई सिम नहीं है | यह सब देखकर निराशा के मारे युग अपना फोन तोड़ देता है तो यह भी बात इशानी को पता चल जाती है जबकि वह तो युग के आसपास भी मौजूद नहीं |
ईशानी के और एक दोस्त दीपक को ईशानी दूर से ही घूर कर सिर्फ हाथ घूमाती है तो वह अपना गला थाम कर सांस रोकने से वही मर जाता है | यह देखकर तो युग और व्योमकेश को पक्का यकीन हो जाता है कि वह ईशानी की आत्मा ही है |
वह यह केस क्लोज करने की ठानते हैं | अब आप पढ़ कर जरूर जानिए की विज्ञान को चुनौती देती ईशानी सचमुच आत्मा है या फिर यह उसका बुना हुआ कोई जाल है | जरूर पढ़िए |
लेखक एक उम्दा लेखक है | उनकी अटलान्टिस सीरीज की किताबे आप जरूर पढिए | उनका भी रिव्यू हमारी वेबसाईट पर आप को मिल जाएगा | उन्होंने अपनी किताबों के लिए पूरे 25 सालों की रिसर्च की है |
इस मेहनत का नतीजा आप को उनकी किताबों मे दिखेगा | आनेवाले ब्लॉग मे उनके द्वारा लिखी “ब्रह्मकलश” इस किताब का भी रिव्यू और सारांश होगा | उसे भी आप जरूर पढ़िएगा |
तब तक पढ़ते रहिए खुशहाल रहीए | मिलते हैं और एक नई किताब के साथ तब तक के लिए ..
धन्यवाद !!