CAT O’NINE TAILS REVIEW SUMMARY HINDI


रिव्यू –
लेखक जब बिज़नस में दिवालिया हो गए थे तो अपना कर्जा चुकाने के लिए उन्होंने “Not a penny more ,not a penny less” यह उपन्यास लिखा | जो एक ही साल में 17 देशो में बिक गया | यह नॉवेल हिंदी में , “मिलियन डॉलर की हेराफेरी” इस नाम से अनुवादित किया गया है | इस किताब पर सीरियल (अंग्रेजी में ) भी बन चुकी है |
इसका “सारांश” भी हमारी वेबसाईट “सारांश बुक ब्लॉग्स” पर उपलब्ध है | उसे भी एक बार जरूर पढे | इसका लिंक भी हम निचे शेयर कर रहे है | उनके द्वारा लिखित किताबे पढ़कर तो हम उनके फैन हो गए | वैसे हमें बहुत कम लेखको की किताबे और भाषा शैली पसंद आती है
लेखक जब जेल में सजा काट रहे थे | तब उन्हें पाँच अलग-अलग जेलो में रहना पड़ा | ऐसे में उन्हें विभिन्न प्रकार के लोग मिले | उन सब की अपनी अलग कहानी थी | अब चूंकि लेखक , लेखक थे | इसलिए उन्हें इन लोगों की कहानियों में इंटरेस्ट जागा , तो उन्होंने वह जान ली |
उनकी एक आदत थी | वह रोज डायरी लिखा करते पर इसमें से बहुत सी कहानीयां उन्होंने अपनी डायरी में नहीं लिखी | ऐसी कहानियाँ जो किताब मे भी सम्मिलित है | उन्होंने *स्टार मार्क से दर्शायी है | ऐसी नौ कथाएं इसमें शामिल है | इन मे से हर एक कहानी वास्तव में घटित हुई है | हालांकि , लेखक ने इसमें थोड़ा मिर्च मसाला लगाकर इन्हें मनोरंजक बनाया है |
सिर्फ एक ही कहानी में कैदी का नाम असली है | वह कहानी कौन सी है ? वह यहां नहीं बताया है | बाकी सारी कहानियों में कैदियों के नाम काल्पनिक है | इसमें से तीन कथाएं ऐसी है जो उन्हें जेल से बाहर आकर पता चली | उसमें से पहली है – “अ ग्रिक ट्रेजेडी” एथेंस में | दूसरी है – “द विजडम का सोलोमन ” लंदन में तो “इन द आई ऑफ बीहोल्डर” रोम में पता चली |
एक कहानी भारत देश के मुंबई शहर की भी सम्मिलित की गई है | प्रत्येक कहानी का नायक एक कैदी है पर जरूरी नहीं कि वह गुनहगार प्रवृत्ति का ही हो ! लंदन में कैदियों का जीवन कैसा रहता है ? अच्छे बर्ताव के कारण उन्हें क्या-क्या सुविधाए मिलती है ? यह भी आप यहां पढ़ पाओगे |
कुल 12 कहानीयां इस किताब में शामिल है |

प्रस्तुत किताब के –
लेखक है – जैफ्री आर्चर
अनुवाद किया है – लीना सोहोनी इन्होंने
प्रकाशक है – मेहता पब्लिशिंग हाउस
पृष्ठ संख्या है – 229
उपलब्ध है – अमेजॉन और किंडल पर

आईए , अब देखते हैं इसका – सारांश

सारांश –
“मेस्ट्रो” कहानी मे “मारियो” नाम का एक इटालियन बिजनेसमैन है | उसका होटल लंदन में है जो महंगी जगाहों मे से एक है | “मारियो” के रेस्टोरेंट की एक खास बात थी | उसके यहाँ कभी भी बिल “क्रेडिट कार्ड” से स्वीकार नहीं किए जाते थे | सिर्फ चेक , कैश , अकाउंट पे इस माध्यम से ही लिया जाता था |
अब इसका रहस्य आपको कहानी में आगे पता चलेगा | मारियो के रेस्टोरेंट के बाहर “फेरारी” गाड़ी खड़ी रहती है | लोगों का ऐसा भी मानना है “मोंटेकार्लो” में उसके पास “प्राइवेट क्रूज” है | उसके बच्चे “टोनी , मारिया , रॉबेर्टो”, “चेल्टनहैम और समरफील्ड” यहां पढ़ते हैं | जहां सारे अमीरों के बच्चे पढ़ते हैं |
“मारियो” की फैमिली “ओपेरा” भी “व्हेर्डी और पुसीनी” जैसे इटालियन कलाकारों का ही देखते हैं | वह भी सेपरेट रिजर्व बूथ में बैठकर …. वह सामान्य लोगों जैसे कभी भी लाइन में लगकर टिकट नहीं लेते | अब ऐसे इस “मारियो” ने ऐसा कौन सा गुनाह किया होगा ? जो उसे जेल की हवा खानी पड़ी |
इसकी असल कहानी “मारियो” के रेस्टोरेंट मे ही छिपी है | “मारियो” की असलियत “मिस्टर कार्टराइट” ने सामने लायी | “कार्टराइट” यह “इन्लैन्ड रेवेन्यू इंस्पेक्टर” थे | एक तो वह कभी महंगे रेस्टोरेंट में खाना खाने जाते ही नहीं थे पर एक बार गए तो “मारियो गाम्बोटी” के केस में उनका इंटरेस्ट जागा |
उनके अनुसार “मारियो गाम्बोटी” अपनी साल की कमाई इतनी कम दिखाते थे की उतने कमाई में इतना ऐशोंआराम से रहना “कार्टराइट” की आंखों में खटक रहा था | इसलिए उन्होंने ने “मारियो” के सारे हिसाब – किताब की फाइलों का बारीकी से अध्ययन किया | उन्हें कुछ भी गलत नहीं लगा फिर भी उन्हें लगा कि वह सरकार से टैक्स की चोरी करता है |
मिस्टर कार्टराइट ने अपने निरीक्षण में पाया कि उसके होटल में पूरे 39 टेबल है और लगभग 120 टेबल क्लॉथ है | जैसे ही एक ग्राहक उठता है | तुरंत 3 वेटर वहां का टेबल क्लॉथ बदल लेते है | इस हिसाब से उस के होटल में लगभग 500 लोग रोज खाना खाते थे | इसमें से आधे लोग कैश में ही पेमेंट करते थे | यह बात सबूत के साथ सिद्ध करना मुश्किल था | “मारियो” एक ही मेनू को दोपहर को सस्ता बेचता था और रात को महंगा | इस हिसाब से हर ग्राहक से 25 से 40 पौंड वह अपने पास रख लेता था |
इसका मतलब हर हफ्ते मारियो के होटल में 3000 लोग खाना खाते थे | इस पर वह नब्बे हजार पौंड पैसे कमाता था | अब कार्टराइट ने उस पर नजर रखना शुरू किया | उसने लॉन्ड्री की गाड़ी देखी | वहां जाकर टेबल क्लॉथ की गिनती की और सारा हिसाब किताब जोड़कर मारियो को जेल की हवा खिला दी | आपको क्या लगता है ? इतना सब होने के बाद मारियो सुधर गया होगा |
नहीं …. उसने टेबल क्लॉथ धोने के लिए दूसरा रास्ता अपनाया | वह कौन सा है ? अब यह आप किताब में पढ़ लीजिएगा |
“डोन्ट ड्रिंक द वाटर ” – यह कहानी तो आप जरूर ही पढ़िएगा | यह कहानी लेखक को रूस के एक मंत्री के ड्राइवर “कार्ल” ने बताई थी | कहानी के अनुसार ऐसा कहा जाता था कि रूस का लोकल पानी दूषित है | उसे कभी भी नहीं पीना चाहिए | वहां सिर्फ मिनरल पानी ही पिया जाता है | इसी का फायदा लंदन में रहनेवाले एक बिजनेसमैन ने उठाया |
उसने वहां एक खून किया | उसे इसका नतीजा भी भुगतना पड़ा | आखिर बुरे काम का बुरे नतीजा ही तो निकलेगा | यह कहानी है “रिचर्ड बार्नस्ले” उर्फ डिक की | वह रशियन लोगों के साथ सौदा करने के लिए “सेंट पीटर्सबर्ग” आया हुआ था | तभी उसे उसके फाइव स्टार होटल में दूषित पानी की यह बात पता चली | वह वहां से लंदन वापस आया तो अचानक उसे उसके पत्नी के ड्रावर में डाइवोर्स के पेपर दिखे | यह देखकर वह चकित ही हुआ |
उसके पत्नी ने उसे इसकी कोई आईडिया ही नहीं दी थी | डिक अपने वकील से मिला | उसने उसको उसके पत्नी को कुछ न बताने की सलाह दी | “डिक” का एक बहुत बड़ा सौदा रशियन लोगों के साथ हो गया था | उसकी फाइनल अपॉइंटमेंट के लिए उसे रशिया जाना था | अबकी बार उसकी पत्नी भी उसके साथ आना चाहती थी जबकि पिछले कई सालों से वह उसके साथ नहीं आई थी |
अबकी बार वह इसलिए आना चाहती थी कि सौदे की रकम को वह अपनी आंखों से देख सके | बाद में उसमें से आधी वह तलाक के वक्त मांग सके | “डिक” के लिए यह रकम बहुत ही बड़ी थी | अतः उसने अपने पत्नी को रास्ते से हटाने का निर्णय लिया |
इसकी शुरुआत उसने होटल रूम में पहुंचते बराबर ही की | उसने मिनरल वाटर की जगह बेसिन का दूषित पानी भरा | वही पानी उसने अपनी पत्नी को बार-बार पिलाया | घूमने जाते वक्त भी | आखिर उस पर इसका असर होना शुरू हुआ | होटल के मैनेजर ने और खुद उसकी पत्नी ने उसे डॉक्टर को बुलाने के लिए कहा लेकिन उसने झूठ बोलकर , बहाने बनाकर स्थिति को हैंडल कर लिया |
जिस मीटिंग के लिए वह आया हुआ था | उस मीटिंग का वक्त हुआ तो रूस मंत्री “चेन्कोव्ह” , उनका ड्राइवर “कार्ल” और अन्य कुछ लोग “डिक” को लेने उसके होटल पहुंचे | वक्त भी हो गया पर वह नहीं आया | आखिर यह लोग ही उसके कमरे में पहुंचे | तो गेस व्हाट ???? इन लोगों ने क्या देखा होगा ?
होटल के डॉक्टर ने डिक और उसकी पत्नी को जांचा और कहा कि मैडम तो आधी रात में ही शायद चल बसी पर सर ने उनके प्राण शायद अभी-अभी त्यागे | अगर यह रात को ही मुझे बुला लेते तो शायद मैं इन्हे बचा पाता |
डॉक्टर के अनुसार “डिक” को यह नहीं पता था कि दूषित पानी पीने से “सायबेरियस रोग” होता है | यह रोग जिस व्यक्ति को हो जाए | उसके संपर्क में रहनेवाले व्यक्ति को भी यह रोग जकड़ लेता है | इसीलिए शायद “डिक” को भी मरना पड़ा |
वह कहते हैं ना , जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है | वही एक दिन उसमें गिरता है | “डिक” पर यह कहावत सटीक बैठी | जिन पैसों के लिए उसने यह किया | वह अब कभी उसके पास आएंगे ही नहीं | वह उसका उपयोग कभी कर नहीं पाएगा | कहानी यह बात सिखाती है की जिंदगी बहुत अनमोल है | उसे अच्छे कामों के लिए इस्तेमाल करें |
“नो व्हाट आई मीन” – यह एक लॉरी ड्राईवर की कहानी है जिसका नाम “डग” है | अपनी लॉरी के माध्यम से उसने पहली बार तस्करी की | इससे उसको बहुत ज्यादा पैसा मिला | वह भी कैश में .. अब वह अमीरो जैसे रहने लगा था | खुद के लिए एक आलीशान घर देखते हुए उसकी मुलाकात प्रॉपर्टी डीलर के ऑफिस में काम करनेवाली “सैली” से हुई |
कुछ ही दिनों में उन्होंने शादी कर ली | डग के तस्करी के पैसों के कारण , उनके व्यवसाय और खर्च का तालमेल कहीं बैठ ही नहीं रहा था | यह बात कस्टम ऑफिसर मार्क केनन के ध्यान में आई | उन्होंने इन्वेस्टिगेशन की और डग को रंगेहाथ पकडा |
“डग” का यह पहला ही अपराध था | अब तो “सैली’ भी माँ बननेवाली थी | इसीलिए जज ने उस पर दया कर के 4 साल की सजा सुनाई | बेचारी “सैली” को अब खुद को भी संभालना था और अपने बच्ची को भी.. | उसने अपनी नौकरी भी पकड़े रखी और “डग” की मर्सिडीज़ लॉरी भी किराए पर चढ़ा दी |
जेल में रहते हुए “डग” ने अमेरिकन मेड लेफ्ट हैंड ड्राइव महाकाय लॉरी बेचने का विज्ञापन देखा | उसने “सैली’ द्वारा यह गाड़ी खरीदवायी | “डग” ने कहा था की पुरानी मर्सिडीज़ गाड़ी बेचकर वह नई गाड़ी खरीदे पर “सैली” ने उसे ना बेचते हुए ही यह गाड़ी भी खरीदवायी |
अब “डग” , “स्लीफोर्ड से तो मार्सेल” तक लॉरी चलाता था | यह देखकर केनन को डग पर फिर से संदेह हुआ | केनन का अब तक प्रमोशन हो चुका था | उसने बहुत बार डग को पकड़ा परंतु लॉरी में केले के अलावा कुछ नहीं मिला फिर भी केनन का संदेह बरकरार था |
इधर बिचारी “सैली” दोनों लॉरीयो का हिसाब – किताब नियम- कायदे का पालन कर के , टैक्स भर के बराबर रखती थी | ऐसे ही एक दिन “डग” गाड़ी में पेट्रोल भरवा रहा था | पीछेवाली गाड़ी में बैठे इंसान को लगा कि अभी बहुत टाइम जाएगा पर थोड़ी ही देर में पेट्रोल भरकर हो गया | यह देखकर उसे आश्चर्य हुआ | इत्तेफाक से वह “ऑफिसर केनन” ही था |
उसने दूसरी बार “डग” को तस्करी करते हुए पकड़ा | वह पेट्रोल भरनेवाली टंकियो में तस्करी का सामान रखता था | इस बार डग को 6 साल की सजा हुई | इस बार “सैली’ दूसरी बार मां बननेवाली थी | आप कहेंगे कि हम डग के साथ-साथ सैली की भी कहानी क्यों जोड़ रहे हैं क्योंकि सैली के बगैर डग की कहानी अधूरी है |
कैसे ? इसका जवाब आपको इसके उत्तरार्ध में मिल जाएगा | “डग” हर बार “सैली” को विश्वास में लेकर कहता था कि वह ऐसा दोबारा नहीं करेगा पर वह वही करता था जो वह करना चाहता था | खैर , “सैली” को उसके पगार के साथ-साथ दो लॉरीयो का किराया भी मिलता था | लॉरी को रखनेवाले खेत को भी उस ने लॉरी पार्क के खर्चे में दिखाकर टैक्स में सहूलियत पा ली थी |
वक्त के साथ “सैली” ने प्राइवेट कंपनी की शुरुआत की | उसके कंपनी में लॉरियो की संख्या दिन – ब – दिन बढ़ रही थी | “डग ” छूटकर आया | उसे फिर से वही आदमी मिला जिसने उसे तस्करी करने के लिए कहा |
“डग” फिर से इस काम मे लग गया | “केनन” अब एंटी – स्मगलिंग ऑफिसर बन गया था | वह “लॉ एनफोर्समेंट एंड यूनिट” में काम करता था | उसकी नजर अभी तक “डग” पर थी | उसने तीसरी बार “डग” को रंगेहाथ पकड़ा | उसे इस बार 8 साल की सजा हुई | अब की बार उसके छुटने तक उसकी बेटियां बड़ी हो गई थी |
वह अपनी माँ को बिजनेस में मदद करने लगी थी | “सैली” भी “डग” के स्वभाव से परिचित हो गई थी | इसीलिए अब उसने उसे रिटायरमेंट दे दिया | वह गोल्फ खेलता और टाइम पास करता | हाँ , कभी-कभी यह तीनों उसे अपने साथ जरूर ले जाते |
यह बात लेखक को तब पता चली जब वह एक समारोह में मिले | कहानी पढ़कर ऐसे लगता है कि किसी – किसी का काम न करना ही अच्छा होता है .. या फिर कोई सब कुछ अच्छा होते हुए भी अपनी बुरी आदतें छोड़ नहीं सकते जैसे कि “डग”….
” इट कांट बी अक्टूबर ऑलरेडी ” – एक भिखारी की कहानी है जो ठंडियां शुरू होते ही , कुछ ना कुछ गुनाह कर के जेल में शरण लेता था | जेल के हर स्टाफ को यह बात पता थी | जब वह जेल में आता था तो सबको ध्यान आता था कि अक्टूबर शुरू हो चुका है |
“द रेड किंग” – एंटीक वस्तु चुरानेवाले चोर की कहानी है | ऐसी ही उनकी बाकी कहानियाँ है जो आप को जरूर पसंद आएगी |
जैसे कि हमने बताया लेखक “मास्टर स्टोरीटेलर” है | इसी के तहत उनकी कथाए ट्विस्ट , जीवंत व्यक्ति चरित्र , अविश्वसनीय टर्न मनोरंजन से भरपूर , होती है | उनकी यह किताब भी पठनीय है |
जरूर पढ़िए .. उनके द्वारा वर्णित असली अनुभवो को…. तब तक पढ़ते रहिए | खुशहाल रहीए | मिलते हैं और एक नई किताब के साथ | तब तक के लिए ….
धन्यवाद !!!!!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *